Difference between revisions of "प्रतीक्षा की सोच -आदित्य चौधरी"
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जब राजा को पता चला तो राजा ने पूछा- | जब राजा को पता चला तो राजा ने पूछा- | ||
"रमण ! तुमने एक अनपढ़ मज़दूर महिला को उद्यान की ज़िम्मेदारी दे दी है इसके पीछे क्या कारण है ?" | "रमण ! तुमने एक अनपढ़ मज़दूर महिला को उद्यान की ज़िम्मेदारी दे दी है इसके पीछे क्या कारण है ?" | ||
− | "महाराज ! मेरे पास उद्यान की देख-भाल के लिए वनस्पति शास्त्री से लेकर भूमि-शास्त्री तक सभी | + | "महाराज ! मेरे पास उद्यान की देख-भाल के लिए वनस्पति शास्त्री से लेकर भूमि-शास्त्री तक सभी विद्वान् सदैव उपस्थित रहते हैं। मुझे आवश्यकता थी तो एक ऐसे व्यक्ति की जो कि किसी भी कार्य को करने को पूरी तरह से सकारात्मक दृष्टिकोण का गुण रखता हो क्योंकि ऐसा व्यक्ति ही सृजनकर्ता हो सकता है। चिलचिलाती धूप में, मंदिर के लिए पत्थर तो वहाँ सभी मज़दूर तोड़ रहे थे लेकिन इस महिला का, पत्थर तोड़ने के कार्य को 'मंदिर निर्माण कार्य' समझ कर मेहनत करना एक सकारात्मक सोच का सबसे अच्छा उदाहरण है। महाराज ! महान अर्थशास्त्री [[चाणक्य]] ने लिखा है कि ज्ञान प्राप्त करने से कोई व्यक्ति योग्य हो सकता है गुणी नहीं हो सकता। यही ध्यान में रखते हुए मैंने जहाँ योग्य विद्वानों को उद्यान के लिए चुना, वहीं पर कम से कम एक गुणी व्यक्ति को भी चुना।" |
आइए अब भारतकोश पर चलते हैं। | आइए अब भारतकोश पर चलते हैं। |
Revision as of 14:24, 6 July 2017
50px|right|link=|
20px|link=http://www.facebook.com/bharatdiscovery|fesabuk par bharatakosh (nee shuruat) bharatakosh pratiksha ki soch -adity chaudhari purane samay ki bat hai ek raja ke rajy mean behad suandar bagicha tha. yah koee mamooli bagicha nahian tha. ise dekhane duniya bhar se log aya karate the. is bagiche ke itane suandar hone ka karan tha 'raman'. raman hi is suandar udyan ka karta-dharta tha. boodha ho raha tha raman aur use chianta sata rahi thi ki usake bad bag ka kya hoga ?
... tamam aise hi udaharan haian jinase hamari nakaratmak soch zahir hoti hai.
ek bar ek sant aur unaka ek shishy ek nadi ke kinare-kinare ja rahe the. marg mean unhoanne dekha ki ek stri moolyavan vastr aur abhooshan pahane nadi ke kinare kh di hai. pas pahuanchane par stri ne sant se kaha- |
tika tippani aur sandarbh
pichhale sampadakiy