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*‘आप’ शब्द स्वयं के अर्थ में भी प्रयुक्त हो जाता है। जैसे- मैं यह कार्य आप ही कर लूँगा। | *‘आप’ शब्द स्वयं के अर्थ में भी प्रयुक्त हो जाता है। जैसे- मैं यह कार्य आप ही कर लूँगा। | ||
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Latest revision as of 09:14, 14 October 2011
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं। संज्ञा की पुनरुक्ति न करने के लिए सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। जैसे - मैं, तू, तुम, आप, वह, वे आदि।
- सर्वनाम सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
- व्याकरण में सर्वनाम एक विकारी शब्द है।
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के छह प्रकार के भेद हैं-
- पुरुषवाचक सर्वनाम।
- निश्चयवाचक सर्वनाम।
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम।
- संबंधवाचक सर्वनाम।
- प्रश्नवाचक सर्वनाम।
- निजवाचक सर्वनाम।
पुरुषवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम का प्रयोग वक्ता या लेखक द्वारा स्वयं अपने लिए अथवा किसी अन्य के लिए किया जाता है, वह 'पुरुषवाचक सर्वनाम' कहलाता है। पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं-
- उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम- जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला स्वयं के लिए करता है, उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं। जैसे - मैं, हम, मुझे, हमारा आदि।
- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम- जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला श्रोता के लिए करे, उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे - तू, तुम, तुझे, तुम्हारा आदि।
- अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम- जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला श्रोता के अतिरिक्त किसी अन्य पुरुष के लिए करे, उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- वह, वे, उसने, यह, ये, इसने, आदि।
निश्चयवाचक सर्वनाम
जो (शब्द)सर्वनाम किसी व्यक्ति, वस्तु आदि की ओर निश्चयपूर्वक संकेत करें वे निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- ‘यह’, ‘वह’, ‘वे’ सर्वनाम शब्द किसी विशेष व्यक्ति का निश्चयपूर्वक बोध करा रहे हैं, अतः ये निश्चयवाचक सर्वनाम है।
- उदाहरण
- यह पुस्तक सोनी की है।
- ये पुस्तकें रानी की हैं।
- वह सड़क पर कौन आ रहा है।
- वे सड़क पर कौन आ रहे हैं।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों के द्वारा किसी निश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु का बोध न हो वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- ‘कोई’ और ‘कुछ’ आदि सर्वनाम शब्द। इनसे किसी विशेष व्यक्ति अथवा वस्तु का निश्चय नहीं हो रहा है। अतः ऐसे शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
- उदाहरण
- द्वार पर कोई खड़ा है।
- कुछ पत्र देख लिए गए हैं और कुछ देखने हैं।
संबंधवाचक सर्वनाम
परस्पर सबंध बतलाने के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग होता है उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- ‘जो’, ‘वह’, ‘जिसकी’, ‘उसकी’, ‘जैसा’, ‘वैसा’ आदि।
- उदाहरण
- जो सोयेगा, सो खोयेगा; जो जागेगा, सो पावेगा।
- जैसी करनी, तैसी पार उतरनी।
प्रश्नवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम संज्ञा शब्दों के स्थान पर भी आते है और वाक्य को प्रश्नवाचक भी बनाते हैं, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- क्या, कौन आदि।
- उदाहरण
- तुम्हारे घर कौन आया है?
- दिल्ली से क्या मँगाना है?
निजवाचक सर्वनाम
जहाँ स्वयं के लिए ‘आप’, ‘अपना’ अथवा ‘अपने’, ‘आप’ शब्द का प्रयोग हो वहाँ निजवाचक सर्वनाम होता है। इनमें ‘अपना’ और ‘आप’ शब्द उत्तम, पुरुष मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के (स्वयं का) अपने आप का ज्ञान करा रहे शब्द हें जिन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।
विशेष
जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग श्रोता के लिए हो वहाँ यह आदर-सूचक मध्यम पुरुष होता है और जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग अपने लिए हो वहाँ निजवाचक होता है।
- उदाहरण
- राम अपने दादा को समझाता है।
- श्यामा आप ही दिल्ली चली गई।
- राधा अपनी सहेली के घर गई है।
- सीता ने अपना मकान बेच दिया है।
सर्वनाम शब्दों के विशेष प्रयोग
- आप, वे, ये, हम, तुम शब्द बहुवचन के रूप में हैं, किन्तु आदर प्रकट करने के लिए इनका प्रयोग एक व्यक्ति के लिए भी किया जाता है।
- ‘आप’ शब्द स्वयं के अर्थ में भी प्रयुक्त हो जाता है। जैसे- मैं यह कार्य आप ही कर लूँगा।