डी. रामानायडू: Difference between revisions
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'''डग्गुबाती रामानायडू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Daggubati Ramanaidu'', जन्म: 6 जून 1936) एक प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता हैं। [[आन्ध्र प्रदेश]] के [[प्रकाशम ज़िला|प्रकाशम ज़िले]] में जन्मे डी. रामानायडू को भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए [[वर्ष]] [[2009]] का [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] देने का निर्णय [[9 सितंबर]] [[2010]] को लिया गया। वेंकटेश, हरीश, बंसरी, आर्यन राजेश, तब्बू और खुशबू जैसी कलाकारों का परिचय भी पहली बार रामानायडू ने ही दर्शकों से कराया था। | '''डग्गुबाती रामानायडू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Daggubati Ramanaidu'', जन्म: 6 जून 1936) एक प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता हैं। [[आन्ध्र प्रदेश]] के [[प्रकाशम ज़िला|प्रकाशम ज़िले]] में जन्मे डी. रामानायडू को भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए [[वर्ष]] [[2009]] का [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] देने का निर्णय [[9 सितंबर]] [[2010]] को लिया गया। वेंकटेश, हरीश, बंसरी, आर्यन राजेश, तब्बू और खुशबू जैसी कलाकारों का परिचय भी पहली बार रामानायडू ने ही दर्शकों से कराया था। | ||
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उन्होंने 47 साल के फ़िल्म करियर में तेलुगु, हिन्दी, बंगाली, उड़िया, असमिया, मलयालम, तमिल, कन्नड, गुजराती, मराठी और भोजपुरी में 130 फ़िल्में बनाई हैं। उनकी कुछ महत्त्वपूर्ण फ़िल्मों में हिन्दी भाषा की 'प्रेमनगर', 'दिलदार' और 'बंदिश', तेलुगू में 'प्रेमनगर', 'श्रीकृष्ण तुलाभरम', 'प्रेमिंचु' और 'रामुडू भीमुडू' व बांग्ला में 'असुख' और 'सुधू एकबार बोलो' शामिल हैं। विकलांग बच्चों के कथानक पर आधारित उनकी हिन्दी फ़िल्म 'हमारी बेटी' को [[शिकागो]] और वेनिस के 'अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों' में भी प्रदर्शित किया गया था। | उन्होंने 47 साल के फ़िल्म करियर में तेलुगु, हिन्दी, बंगाली, उड़िया, असमिया, मलयालम, तमिल, कन्नड, गुजराती, मराठी और भोजपुरी में 130 फ़िल्में बनाई हैं। उनकी कुछ महत्त्वपूर्ण फ़िल्मों में हिन्दी भाषा की 'प्रेमनगर', 'दिलदार' और 'बंदिश', तेलुगू में 'प्रेमनगर', 'श्रीकृष्ण तुलाभरम', 'प्रेमिंचु' और 'रामुडू भीमुडू' व बांग्ला में 'असुख' और 'सुधू एकबार बोलो' शामिल हैं। विकलांग बच्चों के कथानक पर आधारित उनकी हिन्दी फ़िल्म 'हमारी बेटी' को [[शिकागो]] और वेनिस के 'अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों' में भी प्रदर्शित किया गया था। |
Latest revision as of 13:49, 30 June 2017
डी. रामानायडू
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पूरा नाम | डग्गुबाती रामानायडू |
जन्म | 6 जून, 1936 |
जन्म भूमि | प्रकाशम ज़िला, आन्ध्र प्रदेश |
संतान | सुरेश बाबू |
कर्म-क्षेत्र | सिनेमा |
मुख्य फ़िल्में | हिन्दी- 'प्रेमनगर', 'दिलदार' और 'बंदिश'
तेलुगू- 'प्रेमनगर', 'श्रीकृष्ण तुलाभरम', 'प्रेमिंचु' और 'रामुडू भीमुडू' बांग्ला- 'असुख' और 'सुधू एकबार बोलो' |
पुरस्कार-उपाधि | दादा साहब फाल्के पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | हिन्दी, बंगाली, मराठी, तेलुगू, मलयालम, उड़िया, असमिया, तमिल, गुजराती, भोजपुरी और कन्नड़ में 130 से अधिक फ़िल्में बनाई और उनका नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस' में भी दर्ज हुआ है। |
अद्यतन | 19:35, 20 सितम्बर 2012 (IST)
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डग्गुबाती रामानायडू (अंग्रेज़ी: Daggubati Ramanaidu, जन्म: 6 जून 1936) एक प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता हैं। आन्ध्र प्रदेश के प्रकाशम ज़िले में जन्मे डी. रामानायडू को भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2009 का दादा साहब फाल्के पुरस्कार देने का निर्णय 9 सितंबर 2010 को लिया गया। वेंकटेश, हरीश, बंसरी, आर्यन राजेश, तब्बू और खुशबू जैसी कलाकारों का परिचय भी पहली बार रामानायडू ने ही दर्शकों से कराया था।
सिनेमा जगत् में प्रवेश
रामानायडू ने 1963 में अपनी पहली फ़िल्म 'अनुरागम (तेलुगू)' के साथ फ़िल्म जगत् में प्रवेश किया था। वर्ष 1964 में निर्मित तेलुगू फ़िल्म 'रामुडू भीमुडू' उनकी पहली सफल फ़िल्म थी, जिसमें एन.टी. रामाराव अभिनेता थे। उनकी फ़िल्म 'सुरिगाडू' 1993 में भारतीय पैनोरमा के लिए चयनित हुई थी। डी. रामानायडू ने विभिन्न भारतीय भाषाओं हिन्दी, बंगाली, मराठी, तेलुगू, मलयालम, उड़िया, असमिया, तमिल, गुजराती, भोजपुरी और कन्नड़ में 130 से अधिक फ़िल्में बनाई और उनका नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस' में भी दर्ज हुआ है।
प्रमुख फ़िल्में
उन्होंने 47 साल के फ़िल्म करियर में तेलुगु, हिन्दी, बंगाली, उड़िया, असमिया, मलयालम, तमिल, कन्नड, गुजराती, मराठी और भोजपुरी में 130 फ़िल्में बनाई हैं। उनकी कुछ महत्त्वपूर्ण फ़िल्मों में हिन्दी भाषा की 'प्रेमनगर', 'दिलदार' और 'बंदिश', तेलुगू में 'प्रेमनगर', 'श्रीकृष्ण तुलाभरम', 'प्रेमिंचु' और 'रामुडू भीमुडू' व बांग्ला में 'असुख' और 'सुधू एकबार बोलो' शामिल हैं। विकलांग बच्चों के कथानक पर आधारित उनकी हिन्दी फ़िल्म 'हमारी बेटी' को शिकागो और वेनिस के 'अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों' में भी प्रदर्शित किया गया था।
सम्मान और पुरस्कार
आंध्र प्रदेश सरकार ने उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा है।
- सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हुए।
- उनकी फ़िल्म 'सुरिगाडू' 1993 में भारतीय पैनोरमा के लिए चयनित हुई थी।
- उनकी बांग्ला फ़िल्म 'असुख' को भी 1999 का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।
रामानायडू फ़िल्म स्टूडियो
हैदराबाद में डी. रामानायडू का अपना 'रामानायडू' नाम का फ़िल्म स्टूडियो भी है। डी. रामानायडू के पुत्र सुरेश बाबू फ़िल्म निर्माता हैं जबकि वेंकटेश तेलुगू फ़िल्मों के अभिनेता हैं। हिन्दी फ़िल्म अभिनेता 'राणा दग्गुबाती' इनके पोते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- डी रामानायडू को दादा साहेब फाल्के सम्मान
- डी. रामानायडू को दादा साहेब फाल्के सम्मान
- तेलुगू फ़िल्म निर्माता रामानायडू को फाल्के सम्मान
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