समुच्यबोधक: Difference between revisions
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Revision as of 13:56, 30 December 2010
- समुच्यबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
- व्याकरण में समुच्यबोधक एक अविकारी शब्द है।
- जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्यों खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।
- जैसे- और, या, न, पर, किन्तु, परन्तु, वरन्, लेकिन, इसीलिए, अतएव, सो, अत:, क्योंकि, कि, यदि, तो, यद्यपि-तथापि आदि। उदाहरण-
- राम और श्याम दिल्ली जा रहे हैं।
- या तो तुम बातें करों या सो जाओ।
- वह यहाँ अवश्य आता, परन्तु बीमार था।
- यदि तुम आओगे, तो मैं भी अवश्य आऊँगा।
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