उत्प्रेक्षा अलंकार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 2: Line 2:
*यहाँ भिन्नता में अभिन्नता दिखाई जाती है।<ref>{{cite web |url=http://www.hindikunj.com/2009/08/blog-post_29.html |title=अलंकार |accessmonthday=[[4 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम एल |publisher=हिन्दीकुंज |language=हिन्दी }}</ref>  
*यहाँ भिन्नता में अभिन्नता दिखाई जाती है।<ref>{{cite web |url=http://www.hindikunj.com/2009/08/blog-post_29.html |title=अलंकार |accessmonthday=[[4 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम एल |publisher=हिन्दीकुंज |language=हिन्दी }}</ref>  
;<u>उदाहरण</u>
;<u>उदाहरण</u>
<poem>
सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल
सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल
बाहर सोहत मनु पिये, दावानल की ज्वाल।।
बाहर सोहत मनु पिये, दावानल की ज्वाल।।</poem>


*यहाँ पर गुंजन की माला उपमेय में दावानल की ज्वाल उपमान के संभावना होने से उत्प्रेक्षा अलंकार है।
*यहाँ पर गुंजन की माला उपमेय में दावानल की ज्वाल उपमान के संभावना होने से उत्प्रेक्षा अलंकार है।

Revision as of 06:53, 5 January 2011

  • जिस जगह उपमेय को ही उपमान मान लिया जाता है यानी अप्रस्तुत को प्रस्तुत मानकर वर्णन किया जाता है। वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
  • यहाँ भिन्नता में अभिन्नता दिखाई जाती है।[1]
उदाहरण

सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल
बाहर सोहत मनु पिये, दावानल की ज्वाल।।

  • यहाँ पर गुंजन की माला उपमेय में दावानल की ज्वाल उपमान के संभावना होने से उत्प्रेक्षा अलंकार है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अलंकार (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दीकुंज। अभिगमन तिथि: 4 मई, 2011

संबंधित लेख