समुच्यबोधक: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
*यदि तुम आओगे, तो मैं भी अवश्य आऊँगा। | *यदि तुम आओगे, तो मैं भी अवश्य आऊँगा। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= |
Revision as of 13:48, 10 January 2011
- समुच्यबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
- व्याकरण में समुच्यबोधक एक अविकारी शब्द है।
- जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्य खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।
- जैसे- और, या, न, पर, किन्तु, परन्तु, वरन्, लेकिन, इसीलिए, अतएव, सो, अत:, क्योंकि, कि, यदि, तो, यद्यपि-तथापि आदि।
- उदाहरण
- राम और श्याम दिल्ली जा रहे हैं।
- या तो तुम बातें करों या सो जाओ।
- वह यहाँ अवश्य आता, परन्तु बीमार था।
- यदि तुम आओगे, तो मैं भी अवश्य आऊँगा।
|
|
|
|
|