उपवाक्य: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " रुप " to " रूप ") |
||
Line 4: | Line 4: | ||
#क्रियाविशेषण उपवाक्य | #क्रियाविशेषण उपवाक्य | ||
==संज्ञा उपवाक्य== | ==संज्ञा उपवाक्य== | ||
जो आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की [[क्रिया]] के [[कर्ता]], [[कर्म]] अथवा पूरक के | जो आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की [[क्रिया]] के [[कर्ता]], [[कर्म]] अथवा पूरक के रूप में प्रयुक्त हों उन्हें [[संज्ञा]] उपवाक्य कहते हैं।; जैसे मैं जानता हूँ कि वह बहुत ईमानदार है। उसका विचार है कि राम सच्चा आदमी है। रश्मि ने कहा कि उसका भाई पटना गया है। इन वाक्यों में मोटे अक्षरों वाले अंश संज्ञा उपवाक्य हैं। | ||
==विशेषण उपवाक्य== | ==विशेषण उपवाक्य== | ||
जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की संज्ञा पद की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण उपवाक्य कहते हैं, जैसे-मैंने एक व्यक्ति को देखा जो बहुत मोटा था। वे फल कहाँ है जिन को आप लाए थे। इन वाक्यों मे मोटे अक्षरों वाले अंश विशेषण उपवाक्य हैं। विशेषण उपवाक्य का प्रारंभ जो अथवा इसके किसी | जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की संज्ञा पद की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण उपवाक्य कहते हैं, जैसे-मैंने एक व्यक्ति को देखा जो बहुत मोटा था। वे फल कहाँ है जिन को आप लाए थे। इन वाक्यों मे मोटे अक्षरों वाले अंश विशेषण उपवाक्य हैं। विशेषण उपवाक्य का प्रारंभ जो अथवा इसके किसी रूप से होता है। | ||
==क्रियाविशेषण उपवाक्य== | ==क्रियाविशेषण उपवाक्य== | ||
जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की क्रिया की विशेषता बताए, उसे क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं। ये प्राय: क्रिया का काल, स्थान, रीति, परिमाण, कारण आदि के सूचक क्रियाविशेषणों के द्वारा प्रधान वाक्य से जुड़े रहते हैं; जैसे जब वर्षा हो रही थी तब मैं कमरे में था। जहाँ-जहाँ वे गए, उनका स्वागत हुआ। मैं वैसे ही जाता हूँ, जैसे रमेश जाता है। यदि मैंने परिश्रम किया होता तो अवश्य सफल होता। इन वाक्यों में मोटे अक्षरों वाले अंश क्रियाविशेषण उपवाक्य हैं। | जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की क्रिया की विशेषता बताए, उसे क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं। ये प्राय: क्रिया का काल, स्थान, रीति, परिमाण, कारण आदि के सूचक क्रियाविशेषणों के द्वारा प्रधान वाक्य से जुड़े रहते हैं; जैसे जब वर्षा हो रही थी तब मैं कमरे में था। जहाँ-जहाँ वे गए, उनका स्वागत हुआ। मैं वैसे ही जाता हूँ, जैसे रमेश जाता है। यदि मैंने परिश्रम किया होता तो अवश्य सफल होता। इन वाक्यों में मोटे अक्षरों वाले अंश क्रियाविशेषण उपवाक्य हैं। |
Revision as of 11:27, 11 January 2011
यदि किसी एक वाक्य में एक से अधिक समापिका क्रियाएँ होती हैं तो वह वाक्य उपवाक्यों में बँट जाता है और उसमें जितनी भी समापिका क्रियाएँ होती हैं उतने ही उपवाक्य होते हैं। इन उपवाक्यों में से जो वाक्य का केंद्र होता है, उसे मुख्य या प्रधान वाक्य कहते हैं और शेष को आश्रित उपवाक्य कहते हैं। आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं-
- संज्ञा उपवाक्य
- विशेषण उपवाक्य
- क्रियाविशेषण उपवाक्य
संज्ञा उपवाक्य
जो आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की क्रिया के कर्ता, कर्म अथवा पूरक के रूप में प्रयुक्त हों उन्हें संज्ञा उपवाक्य कहते हैं।; जैसे मैं जानता हूँ कि वह बहुत ईमानदार है। उसका विचार है कि राम सच्चा आदमी है। रश्मि ने कहा कि उसका भाई पटना गया है। इन वाक्यों में मोटे अक्षरों वाले अंश संज्ञा उपवाक्य हैं।
विशेषण उपवाक्य
जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की संज्ञा पद की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण उपवाक्य कहते हैं, जैसे-मैंने एक व्यक्ति को देखा जो बहुत मोटा था। वे फल कहाँ है जिन को आप लाए थे। इन वाक्यों मे मोटे अक्षरों वाले अंश विशेषण उपवाक्य हैं। विशेषण उपवाक्य का प्रारंभ जो अथवा इसके किसी रूप से होता है।
क्रियाविशेषण उपवाक्य
जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान वाक्य की क्रिया की विशेषता बताए, उसे क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं। ये प्राय: क्रिया का काल, स्थान, रीति, परिमाण, कारण आदि के सूचक क्रियाविशेषणों के द्वारा प्रधान वाक्य से जुड़े रहते हैं; जैसे जब वर्षा हो रही थी तब मैं कमरे में था। जहाँ-जहाँ वे गए, उनका स्वागत हुआ। मैं वैसे ही जाता हूँ, जैसे रमेश जाता है। यदि मैंने परिश्रम किया होता तो अवश्य सफल होता। इन वाक्यों में मोटे अक्षरों वाले अंश क्रियाविशेषण उपवाक्य हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख