सार्थक शब्द (व्याकरण): Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:हिन्दी भाषा" to "Category:हिन्दी भाषाCategory:भाषा कोश") |
||
Line 47: | Line 47: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{व्याकरण}} | {{व्याकरण}} | ||
[[Category:हिन्दी भाषा]] | [[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:भाषा कोश]] | ||
[[Category:व्याकरण]] | [[Category:व्याकरण]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 09:13, 14 October 2011
- किसी निश्चित अर्थ का बोध कराने वाले शब्दों को सार्थक शब्द कहा जाता है।
- जिस प्रकार मोहन, घर, रात, आना, नीचे, ऊपर आदि सार्थक शब्द हैं।
शब्द भेद
व्याकरण के अनुसार सार्थक शब्दों के आठ भेद होते हैं-
- इनमें से प्रथम चार प्रकार के शब्द- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी होते हैं, क्योंकि ये शब्द लिंग, वचन, कारक आदि से विकृत हो जाते हैं।
संज्ञा
मुख्य लेख : संज्ञा (व्याकरण)
- किसी व्यक्ति, स्थान, पदार्थ और भाव का बोध कराने वाले शब्दों को 'संज्ञा' कहते हैं।
- संज्ञा के तीन भेद होते हैं- व्यक्तिवाचक, जातिवाचक और भाववाचक।
सर्वनाम
मुख्य लेख : सर्वनाम
- जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग में आते हैं, उन्हें 'सर्वनाम' कहते हैं।
- सर्वनाम के छ: भेद होते हैं- पुरुषवाचक, निजवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चवाचक, प्रश्नवाचक और सम्बन्धवाचक।
विशेषण
मुख्य लेख : विशेषण
- जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।
- विशेषण के चार प्रमुख भेद होते हैं- गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, संकेतवाचक।
क्रिया
मुख्य लेख : क्रिया
- जिन शब्दों में से किसी कार्य या व्यापार के होने या किये जाने का बोध होता है, उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे, उठना, बैठना, सोना, जागना, आना, जाना, खाना, पीना आदि।
- सामान्य रूप से क्रिया के दो भेद होते हैं- सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया।
- परन्तु इसके अलावा पाँच और भेद होते हैं- संयुक्त क्रिया, अपूर्ण क्रिया, प्रेरणार्थक क्रिया, सहायक क्रिया और पूर्वकालिक क्रिया।
- इनके अतिरिक्त शेष चार प्रकार के शब्द- क्रियाविशेषण, सम्बन्धबोधक, समुच्यबोधक और विस्मयादिबोधक अविकारी होते हैं, क्योंकि ये लिंग, वचन, कारक आदि से कभी विकृत नहीं होते हैं। इनको 'अव्यय' भी कहा जाता है।
क्रियाविशेषण
मुख्य लेख : क्रियाविशेषण
- जिन अविकारी शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है, वे क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
सम्बन्धबोधक
मुख्य लेख : सम्बन्धबोधक
- जो अविकारी शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के पहले या पीछे आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के किसी अन्य शब्द से कराते हैं, उन्हें सम्बन्धबोधक कहते हैं।
समुच्यबोधक
मुख्य लेख : समुच्यबोधक
- जो अविकारी शब्द दो शब्दो, दो वाक्यों अथवा दो वाक्य खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।
विस्मयादिबोधक
मुख्य लेख : विस्मयादिबोधक
- जो अविकारी शब्द हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, क्रोध, तिरस्कार आदि भावों का बोध कराते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।
|
|
|
|
|