रघुजी भोंसले तृतीय: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:मराठा साम्राज्य" to "Category:मराठा साम्राज्यCategory:जाट-मराठा काल") |
||
Line 17: | Line 17: | ||
{{शिवाजी}} | {{शिवाजी}} | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category:मराठा साम्राज्य]] | [[Category:मराठा साम्राज्य]][[Category:जाट-मराठा काल]] | ||
[[Category:औपनिवेशिक काल]] | [[Category:औपनिवेशिक काल]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 11:46, 16 October 2011
रघुजी भोंसले तृतीय (1818-53 ई.) एक दुर्बल शासक था, जिसे अंग्रेज़ों ने नागपुर के सिंहासन पर अपनी स्वार्थसिद्धी के लिए आसीन किया था। उसकी कमज़ोरी का लाभ उठाकर अंग्रेज़ों ने भोंसला राज्य के नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित समस्त भू-भाग पर अपना अधिकार कर लिया। 1853 ई. में उसकी निस्सन्तान मृत्यु हुई और गोद प्रथा के अन्त की नीति के अनुसार लॉर्ड डलहौज़ी ने उसके शेष राज्य को भी ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य में मिला लिया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-395