एतमादुद्दौला का मक़बरा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} [[चित्र:Itmad-Ud-Daulah-Tomb-Agra.jpg|thumb|250px|एतमादुद्दौला का ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 3: Line 3:
'''एतमादुद्दौला का मक़बरा''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[आगरा]] शहर में स्थित [[नूरजहाँ]] के पिता [[मिर्ज़ा ग़ियासबेग]] को समर्पित है। बादशाह [[जहाँगीर]] द्वारा गद्दी पर बैठने के बाद मिर्ज़ा ग़ियासबेग को 'एतमादुद्दौला' की उपाधि प्रदान की गई थी। एतमादुद्दौला के मक़बरे का निर्माण 1626 ई. में नूरजहाँ ने करवाया। एतमादुद्दौला के मक़बरे का आकर्षण मध्‍य एशियाई शैली में बनी इसकी गुंबद है।
'''एतमादुद्दौला का मक़बरा''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[आगरा]] शहर में स्थित [[नूरजहाँ]] के पिता [[मिर्ज़ा ग़ियासबेग]] को समर्पित है। बादशाह [[जहाँगीर]] द्वारा गद्दी पर बैठने के बाद मिर्ज़ा ग़ियासबेग को 'एतमादुद्दौला' की उपाधि प्रदान की गई थी। एतमादुद्दौला के मक़बरे का निर्माण 1626 ई. में नूरजहाँ ने करवाया। एतमादुद्दौला के मक़बरे का आकर्षण मध्‍य एशियाई शैली में बनी इसकी गुंबद है।
==मुग़लकालीन वास्तुकला==
==मुग़लकालीन वास्तुकला==
पर्सी ब्राउन के अनुसार, आगरा में [[यमुना नदी]] के [[तट]] पर स्थित एतमादुद्दौला का मक़बरा [[अकबर]] एवं [[शाहजहाँ]] की शैलियों के मध्य एक कड़ी है। [[मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़लकालीन वास्तुकला]] के अन्तर्गत निर्मित यह प्रथम ऐसी इमारत है, जो पूर्ण रूप से बेदाग़ [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] संगमरमर से निर्मित है। सर्वप्रथम इसी इमारत में ‘पित्रादुरा’ नाम का जड़ाऊ काम किया गया। मक़बरे के अन्दर [[सोना|सोने]] एवं अन्य क़ीमती [[रत्न|रत्नों]] से जड़ावट का कार्य किया गया है। जड़ावट के कार्य का एक पहले का नमूना [[उदयपुर]] के 'गोलमण्डल मन्दिर' में पाया जाता है। मक़बरे के अन्दर निर्मित एतमादुद्दौला एवं उसकी पत्नी की क़ब्रें [[पीला रंग|पीले रंग]] के क़ीमती पत्थर से निर्मित है। मक़बरे की दीवारों में संगमरमर की सुन्दर जालियों का प्रयोग किया गया है। [[वास्तुकला]] के विशेषज्ञ इसे [[ताजमहल]] के अतिरिक्त अन्य मुग़लकालीन इमारतों में श्रेष्ठ मानते हैं।
पर्सी ब्राउन के अनुसार, आगरा में [[यमुना नदी]] के [[तट]] पर स्थित एतमादुद्दौला का मक़बरा [[अकबर]] एवं [[शाहजहाँ]] की शैलियों के मध्य एक कड़ी है। [[मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़लकालीन वास्तुकला]] के अन्तर्गत निर्मित यह प्रथम ऐसी इमारत है, जो पूर्ण रूप से बेदाग़ [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] संगमरमर से निर्मित है। सर्वप्रथम इसी इमारत में ‘पित्रादुरा’ नाम का जड़ाऊ काम किया गया। [[चित्र:Itimad-Ud-Daulah.jpg|thumb|left|250px||एतमादुद्दौला का मक़बरा, [[आगरा]]]] मक़बरे के अन्दर [[सोना|सोने]] एवं अन्य क़ीमती [[रत्न|रत्नों]] से जड़ावट का कार्य किया गया है। जड़ावट के कार्य का एक पहले का नमूना [[उदयपुर]] के 'गोलमण्डल मन्दिर' में पाया जाता है। मक़बरे के अन्दर निर्मित एतमादुद्दौला एवं उसकी पत्नी की क़ब्रें [[पीला रंग|पीले रंग]] के क़ीमती पत्थर से निर्मित है। मक़बरे की दीवारों में संगमरमर की सुन्दर जालियों का प्रयोग किया गया है। [[वास्तुकला]] के विशेषज्ञ इसे [[ताजमहल]] के अतिरिक्त अन्य मुग़लकालीन इमारतों में श्रेष्ठ मानते हैं।
==आकर्षण==
==आकर्षण==
एतमादुद्दौला के मक़बरा [[भारत]] में बना पहला मक़बरा है जो पूरी तरह सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया था। इसकी दीवारों पर पेड़ पौधों,जानवरों और पक्षियों के चित्र उकेरे गए हैं। कहीं कहीं आदमियों के चित्रों को भी देखा जा सकता है जो एक अनोखी चीज है क्‍योंकि [[इस्लाम]] में मनुष्‍य का सजावट की चीज के रूप में इस्‍तेमाल करने की मनाही है। अपनी ख़ूबसूरती के कारण यह मक़बरा [[आभूषण]] बक्‍से के रूप में जाना जाता है।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=27 |title=आगरा |accessmonthday=[[22 जनवरी]] |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
एतमादुद्दौला के मक़बरा [[भारत]] में बना पहला मक़बरा है जो पूरी तरह सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया था। इसकी दीवारों पर पेड़ पौधों,जानवरों और पक्षियों के चित्र उकेरे गए हैं। कहीं कहीं आदमियों के चित्रों को भी देखा जा सकता है जो एक अनोखी चीज है क्‍योंकि [[इस्लाम]] में मनुष्‍य का सजावट की चीज के रूप में इस्‍तेमाल करने की मनाही है। अपनी ख़ूबसूरती के कारण यह मक़बरा [[आभूषण]] बक्‍से के रूप में जाना जाता है।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=27 |title=आगरा |accessmonthday=[[22 जनवरी]] |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=[[हिन्दी]] }}</ref>

Revision as of 06:16, 22 January 2012

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

[[चित्र:Itmad-Ud-Daulah-Tomb-Agra.jpg|thumb|250px|एतमादुद्दौला का मक़बरा, आगरा]] एतमादुद्दौला का मक़बरा उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित नूरजहाँ के पिता मिर्ज़ा ग़ियासबेग को समर्पित है। बादशाह जहाँगीर द्वारा गद्दी पर बैठने के बाद मिर्ज़ा ग़ियासबेग को 'एतमादुद्दौला' की उपाधि प्रदान की गई थी। एतमादुद्दौला के मक़बरे का निर्माण 1626 ई. में नूरजहाँ ने करवाया। एतमादुद्दौला के मक़बरे का आकर्षण मध्‍य एशियाई शैली में बनी इसकी गुंबद है।

मुग़लकालीन वास्तुकला

पर्सी ब्राउन के अनुसार, आगरा में यमुना नदी के तट पर स्थित एतमादुद्दौला का मक़बरा अकबर एवं शाहजहाँ की शैलियों के मध्य एक कड़ी है। मुग़लकालीन वास्तुकला के अन्तर्गत निर्मित यह प्रथम ऐसी इमारत है, जो पूर्ण रूप से बेदाग़ सफ़ेद संगमरमर से निर्मित है। सर्वप्रथम इसी इमारत में ‘पित्रादुरा’ नाम का जड़ाऊ काम किया गया। [[चित्र:Itimad-Ud-Daulah.jpg|thumb|left|250px||एतमादुद्दौला का मक़बरा, आगरा]] मक़बरे के अन्दर सोने एवं अन्य क़ीमती रत्नों से जड़ावट का कार्य किया गया है। जड़ावट के कार्य का एक पहले का नमूना उदयपुर के 'गोलमण्डल मन्दिर' में पाया जाता है। मक़बरे के अन्दर निर्मित एतमादुद्दौला एवं उसकी पत्नी की क़ब्रें पीले रंग के क़ीमती पत्थर से निर्मित है। मक़बरे की दीवारों में संगमरमर की सुन्दर जालियों का प्रयोग किया गया है। वास्तुकला के विशेषज्ञ इसे ताजमहल के अतिरिक्त अन्य मुग़लकालीन इमारतों में श्रेष्ठ मानते हैं।

आकर्षण

एतमादुद्दौला के मक़बरा भारत में बना पहला मक़बरा है जो पूरी तरह सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया था। इसकी दीवारों पर पेड़ पौधों,जानवरों और पक्षियों के चित्र उकेरे गए हैं। कहीं कहीं आदमियों के चित्रों को भी देखा जा सकता है जो एक अनोखी चीज है क्‍योंकि इस्लाम में मनुष्‍य का सजावट की चीज के रूप में इस्‍तेमाल करने की मनाही है। अपनी ख़ूबसूरती के कारण यह मक़बरा आभूषण बक्‍से के रूप में जाना जाता है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आगरा (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 22 जनवरी, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख