जारुधि प्रदेश: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''जारुधि प्रदेश''' संभवत: सरयू नदी का तटवर्ती प्रदेश ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=जारुधि|लेख का नाम=जारुधि (बहुविकल्पी)}}
'''जारुधि प्रदेश''' संभवत: [[सरयू नदी]] का तटवर्ती प्रदेश था। [[महाभारत]], [[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]]<ref>[[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]] 38</ref>, दक्षिणात्य पाठ में इस प्रदेश का उल्लेख आया है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=363|url=}}</ref>
'''जारुधि प्रदेश''' संभवत: [[सरयू नदी]] का तटवर्ती प्रदेश था। [[महाभारत]], [[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]]<ref>[[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]] 38</ref>, दक्षिणात्य पाठ में इस प्रदेश का उल्लेख आया है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=363|url=}}</ref>



Revision as of 12:46, 10 September 2012

चित्र:Disamb2.jpg जारुधि एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- जारुधि (बहुविकल्पी)

जारुधि प्रदेश संभवत: सरयू नदी का तटवर्ती प्रदेश था। महाभारत, सभापर्व[1], दक्षिणात्य पाठ में इस प्रदेश का उल्लेख आया है।[2]

'दशाश्वमेघनाजह्ने जारुधिस्थान निरर्गलान्।'

'जलानि या तीरनिखातयूपा वहत्योध्यामनुराजधानीम्, तुरंगमेधावभृयावतीर्णे रिक्ष्वाकुभि: पुण्यतरीकृतानि।'

  • रामचंद्र जी ने भी पूर्व परम्परा के अनुकूल अश्वमेघ यज्ञ अपनी राजधानी अयोध्या के निकट सरयू तट पर ही संपादित किया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 38
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 363 |
  3. रघुवंश 13, 61

संबंधित लेख