मूसल: Difference between revisions
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'''मूसल''' का प्रयोग प्राय: किसी चीज़ को, जो [[ओखली]] में डाली जाती है, उसे तोड़ने या पीसने में किया जाता है। ओखली एक मजबूत कटोरे के आकार की होती है, जबकि मूसल गदा के आकार जैसी होती है। ओखली और मूसल दोनों का निर्माण मजबूत लकड़ी या फिर पत्थर से किया जाता है। | '''मूसल''' का प्रयोग प्राय: किसी चीज़ को, जो [[ओखली]] में डाली जाती है, उसे तोड़ने या पीसने में किया जाता है। ओखली एक मजबूत कटोरे के आकार की होती है, जबकि मूसल गदा के आकार जैसी होती है। ओखली और मूसल दोनों का निर्माण मजबूत लकड़ी या फिर पत्थर से किया जाता है। | ||
*जिस चीज़ को तोड़ना या पीसना होता है, उसे ओखली में डाला जाता है। बाद में उसके ऊपर मूसल के एक के बाद एक प्रहार किए जाते हैं। इस प्रकार उस चीज़ को ओखली में रौंदकर बारीक पीस लिया जाता है। | *जिस चीज़ को तोड़ना या पीसना होता है, उसे ओखली में डाला जाता है। बाद में उसके ऊपर मूसल के एक के बाद एक प्रहार किए जाते हैं। इस प्रकार उस चीज़ को ओखली में रौंदकर बारीक पीस लिया जाता है। | ||
*मूसल के प्रयोग से चटनी और औषधि आदि बड़ी आसानी से ओखली में पीसे जा सकते हैं। | *मूसल के प्रयोग से चटनी और औषधि आदि बड़ी आसानी से ओखली में पीसे जा सकते हैं। | ||
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Revision as of 08:11, 4 June 2013
thumb|खरल और मूसल मूसल का प्रयोग प्राय: किसी चीज़ को, जो ओखली में डाली जाती है, उसे तोड़ने या पीसने में किया जाता है। ओखली एक मजबूत कटोरे के आकार की होती है, जबकि मूसल गदा के आकार जैसी होती है। ओखली और मूसल दोनों का निर्माण मजबूत लकड़ी या फिर पत्थर से किया जाता है।
- जिस चीज़ को तोड़ना या पीसना होता है, उसे ओखली में डाला जाता है। बाद में उसके ऊपर मूसल के एक के बाद एक प्रहार किए जाते हैं। इस प्रकार उस चीज़ को ओखली में रौंदकर बारीक पीस लिया जाता है।
- मूसल के प्रयोग से चटनी और औषधि आदि बड़ी आसानी से ओखली में पीसे जा सकते हैं।
- कई ओखलियाँ आकार में काफ़ी बड़ी होती हैं। इनके लिए गृहणियाँ प्राय: बड़े आकार और वजन में भारी मूसल का प्रयोग करती हैं।
- कई संस्कृतियों में तो ओखली और मूसल को स्वास्थ्य का चिह्न भी बनाया गया है।
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