कश्मीरी लाल ज़ाकिर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''कश्मीरी लाल ज़ाकिर''' (अंग्रेज़ी:''Kashmiri Lal Zakir'', जन्म: 7...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''कश्मीरी लाल ज़ाकिर''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Kashmiri Lal Zakir'', जन्म: [[7 अप्रैल]], [[1919]] - मृत्यु: [[31 अगस्त]], [[2016]]) प्रख्यात कवि, उपन्यासकार और लघुकथा लेखक थे।  कश्मीरी लाल ज़ाकिर हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक भी थे। [[भारत]] ही नहीं [[पाकिस्तान]] में भी उनकी रचनाएं लोकप्रिय हुई। हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों [[अम्बाला]], [[करनाल]], [[पंचकूला]], [[चंडीगढ़]], [[पटियाला]] आदि की अखिल भारतीय उर्दू मुशायरों की परम्परा के सूत्रधार कश्मीरी लाल ज़ाकिर ही हुआ करते थे।  
'''कश्मीरी लाल ज़ाकिर''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Kashmiri Lal Zakir'', जन्म: [[7 अप्रैल]], [[1919]] - मृत्यु: [[31 अगस्त]], [[2016]]) प्रख्यात कवि, उपन्यासकार और लघुकथा लेखक थे।  कश्मीरी लाल ज़ाकिर हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक भी थे। [[भारत]] ही नहीं [[पाकिस्तान]] में भी उनकी रचनाएं लोकप्रिय हुई। हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों [[अम्बाला]], [[करनाल]], [[पंचकूला]], [[चंडीगढ़]], [[पटियाला]] आदि की अखिल भारतीय उर्दू मुशायरों की परम्परा के सूत्रधार कश्मीरी लाल ज़ाकिर ही हुआ करते थे।  
==जीवन परिचय
==जीवन परिचय==
कश्मीरी लाल ज़ाकिर का जन्म 7 अप्रैल 1919 को पाकिस्तान में हुआ। वह अंग्रेज़ी और शिक्षा में स्नातकोत्तर थे। उन्होंने [[उर्दू]], [[हिंदी]], [[पंजाबी]] और अंग्रेज़ी में 100 से ज़्यादा किताबें लिखीं। उनकी रचनाएं उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने 8 दशक तक उर्दू और [[हिंदी साहित्य]] को अपना योगदान दिया। [[1940]] के दशक में उन्होंने लिखना शुरू किया था। वह लगभग तीन दशक तक हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक पद पर रहे।  
कश्मीरी लाल ज़ाकिर का जन्म 7 अप्रैल 1919 को पाकिस्तान में हुआ। वह अंग्रेज़ी और शिक्षा में स्नातकोत्तर थे। उन्होंने [[उर्दू]], [[हिंदी]], [[पंजाबी]] और अंग्रेज़ी में 100 से ज़्यादा किताबें लिखीं। उनकी रचनाएं उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने 8 दशक तक उर्दू और [[हिंदी साहित्य]] को अपना योगदान दिया। [[1940]] के दशक में उन्होंने लिखना शुरू किया था। वह लगभग तीन दशक तक हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक पद पर रहे।  
==सम्मान एवं पुरस्कार==
==सम्मान एवं पुरस्कार==

Revision as of 13:58, 23 September 2016

कश्मीरी लाल ज़ाकिर (अंग्रेज़ी:Kashmiri Lal Zakir, जन्म: 7 अप्रैल, 1919 - मृत्यु: 31 अगस्त, 2016) प्रख्यात कवि, उपन्यासकार और लघुकथा लेखक थे। कश्मीरी लाल ज़ाकिर हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक भी थे। भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी उनकी रचनाएं लोकप्रिय हुई। हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों अम्बाला, करनाल, पंचकूला, चंडीगढ़, पटियाला आदि की अखिल भारतीय उर्दू मुशायरों की परम्परा के सूत्रधार कश्मीरी लाल ज़ाकिर ही हुआ करते थे।

जीवन परिचय

कश्मीरी लाल ज़ाकिर का जन्म 7 अप्रैल 1919 को पाकिस्तान में हुआ। वह अंग्रेज़ी और शिक्षा में स्नातकोत्तर थे। उन्होंने उर्दू, हिंदी, पंजाबी और अंग्रेज़ी में 100 से ज़्यादा किताबें लिखीं। उनकी रचनाएं उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने 8 दशक तक उर्दू और हिंदी साहित्य को अपना योगदान दिया। 1940 के दशक में उन्होंने लिखना शुरू किया था। वह लगभग तीन दशक तक हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक पद पर रहे।

सम्मान एवं पुरस्कार

साहित्य के क्षेत्र में कश्मीरी लाल ज़ाकिर को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ज़ाकिर को पद्मश्री के अलावा राष्ट्रीय ग़ालिब पुरस्कार, शिरोमणि साहित्यकार सम्मान, एनएलएम यूनेस्को, साहिर लुधियानवी और फख्र-ए-हरियाणा जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

निधन

कश्मीरी लाल ज़ाकिर का 97 वर्ष की अवस्था में 31 अगस्त, 2016 को चंडीगढ़ के अस्पताल में निधन हुआ। उनका निधन उर्दू और हिंदी साहित्य के लिए बड़ी क्षति है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ज़ाकिर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। खट्टर ने कहा, ‘‘पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डाक्टर के. एल. ज़ाकिर के निधन से उर्दू और हिंदी साहित्य जगह ने एक दिग्गज हस्ती खो दी।’’



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख