रमेश सिप्पी: Difference between revisions
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'''रमेश सिप्पी''' ([[अंग्रेजी]]: Ramesh Sippy, जन्म- [[23 जनवरी]] [[1947]] [[पाकिस्तान]] [[कराची]]) भारतीय सिनेमा इतिहास के अग्रणी निर्माता-निर्देशक थे। रमेश सिप्पी [[हिंदी सिनेमा]] में फ़िल्म 'शोले', 'सीता-गीता' जैसी ब्लाकबस्टर हित फ़िल्मों के लिए जाने जाते हैं।<ref name="aa"/> | '''रमेश सिप्पी''' ([[अंग्रेजी]]: Ramesh Sippy, जन्म- [[23 जनवरी]] [[1947]] [[पाकिस्तान]] [[कराची]]) भारतीय सिनेमा इतिहास के अग्रणी निर्माता-निर्देशक थे। रमेश सिप्पी [[हिंदी सिनेमा]] में फ़िल्म 'शोले', 'सीता-गीता' जैसी ब्लाकबस्टर हित फ़िल्मों के लिए जाने जाते हैं।<ref name="aa"/> | ||
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Template:साँचा:रमेश सिप्पी विषय सूची Template:साँचा:सूचना बक्सा रमेश सिप्पी रमेश सिप्पी (अंग्रेजी: Ramesh Sippy, जन्म- 23 जनवरी 1947 पाकिस्तान कराची) भारतीय सिनेमा इतिहास के अग्रणी निर्माता-निर्देशक थे। रमेश सिप्पी हिंदी सिनेमा में फ़िल्म 'शोले', 'सीता-गीता' जैसी ब्लाकबस्टर हित फ़िल्मों के लिए जाने जाते हैं।[1]
परिचय
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रमेश सिप्पी का जन्म फ़िल्म निर्माता-वितरक तथा फ़िल्म इंडस्ट्री के बरसों तक लीडर रहे गोपालदास परमानंद सिप्पी के घर में 23 जनवरी 1947 में हुआ था। रमेश सिप्पी के जन्म के वक्त उनका परिवार पाकिस्तान के कराची में रहता था, जो दशक के विभाजन के बाद मुंबई आकर बस गये।[1]
कॅरियर
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रमेश सिप्पी एक फ़िल्मकार के रूप में बड़े बजट, बहुल सितारा और भव्य पैमाने की फ़िल्म पूरे परफेक्शन के साथ निर्देशित करने के रूप में जाने जाते हैं। सिप्पी ने अपने शुरुआती करियर में पहली ही फ़िल्म में उन्होंने उस दौर के सुपरस्टार्स राजेश खन्ना, हेमा मालिनी और शम्मी कपूर को लेकर अंदाज (1971) बनाई थी। जिंदगी एक सफर है सुहाना गीत का फ़िल्मांकन तेज भागती मोटर साइकिल पर कुछ इस अंदाज में किया गया था कि युवा वर्ग में उसका क्रेज पैदा हो गया। बॉक्स ऑफिस पर फ़िल्म ने सफलता दर्ज की और रमेश फ़िल्म जगत में स्थापित हो गए। इसके बाद हेमा मालिनी को डबल रोल देते हुए उन्होंने 'सीता और गीता' (1972) के रूप में दो विपरीत स्वभाव की बहनों का अनूठा चित्रण किया। यह फ़िल्म नायिका प्रधान थी और इस तरह की फ़िल्म बनाना व्यवसाय की दृष्टि से रिस्की था। लेकिन रमेश ने यह जोखिम उठाया और 'सीता और गीता' सुपरहिट रही।[1]
टीवी कॅरियर
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अपनी अच्छी फ़िल्मों को भी सफलता नहीं मिलते देख निराश रमेश ने छोटे परदे की ओर रुख किया। उस दौर में इतने बड़े डायरेक्टर को सीरियल बनाते देख लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ। विभाजन की त्रासदी पर बुनियाद धारावाहिक भव्य पैमाने उन्होंने बनाया और धारावाहिकों की दुनिया में नए पैमाने स्थापित किए। कुछ एपिसोड्स निर्देशित करने के बाद रमेश ने फिर हिम्मत जुटाई और बड़े पर्दे पर वापसी की।[1]
प्रमुख फ़िल्में
क्रमांक | गीत | गायक / गायिका |
---|---|---|
1. | 1995 | ज़माना दीवाना |
2. | 1991 | अकेला |
3. | 1989 | भ्रष्टाचार |
4. | 1985 | सागर |
5. | 1982 | शक्ति |
6. | 1980 | शान |
7. | 1975 | शोले |
8. | 1972 | सीता और गीता |
9. | 1971 | अंदाज़ |
पुरस्कार
रमेश सिप्पी को उनके फ़िल्मी कॅरियर में 2 पुरस्कार मिल चुके है।
- हिंदी सिनेमा में उल्लेख्नीय योगदान के लिए विशेष पुरस्कार ( वर्ष 2012)। यह पुरस्कार "अवार्ड्स ऑफ़ द इंटरनेशनल फ़िल्म एकेडमी" द्वारा दिया गया।
- फ़िल्म 'शोले' को 50 सालो की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का "फ़िल्मफेयर पुरस्कार"।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 रमेश सिप्पी (हिन्दी) hindi.filmibeat.com। अभिगमन तिथि: 7 जुलाई, 2016।
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