राज खोसला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - " महान " to " महान् ")
Line 43: Line 43:
राज खोसला द्वारा निर्देशित अन्य फ़िल्मों में 'मैं तुलसी तेरे आंगन की', 'दो रास्ते' 'सोलहवां साल' 'काला पानी' 'एक मुसाफिर एक हसीना', 'चिराग', 'मेरा साया' आदि प्रमुख हैं। उनकी कुछ फ़िल्में ऐसी थी, जो अस्सी के दशक में व्यावसायिक तौर पर सफल नहीं रही। इन फ़िल्मों में 'दासी' (1981), 'तेरी मांग सितारों से भर दूं', 'मेरा दोस्त मेरा दुश्मन' (1984) और 'माटी मांगे खून' शामिल है। हांलाकि वर्ष [[1984]] में प्रदर्शित फ़िल्म 'सन्नी' ने बॉक्स ऑफ़िस पर और व्यापार किया। वर्ष [[1989]] में प्रदर्शित फ़िल्म 'नकाब' राज खोसला के सिने कॅरियर की अंतिम फ़िल्म साबित हुई।
राज खोसला द्वारा निर्देशित अन्य फ़िल्मों में 'मैं तुलसी तेरे आंगन की', 'दो रास्ते' 'सोलहवां साल' 'काला पानी' 'एक मुसाफिर एक हसीना', 'चिराग', 'मेरा साया' आदि प्रमुख हैं। उनकी कुछ फ़िल्में ऐसी थी, जो अस्सी के दशक में व्यावसायिक तौर पर सफल नहीं रही। इन फ़िल्मों में 'दासी' (1981), 'तेरी मांग सितारों से भर दूं', 'मेरा दोस्त मेरा दुश्मन' (1984) और 'माटी मांगे खून' शामिल है। हांलाकि वर्ष [[1984]] में प्रदर्शित फ़िल्म 'सन्नी' ने बॉक्स ऑफ़िस पर और व्यापार किया। वर्ष [[1989]] में प्रदर्शित फ़िल्म 'नकाब' राज खोसला के सिने कॅरियर की अंतिम फ़िल्म साबित हुई।
==निधन==
==निधन==
अपने दमदार निर्देशन से लगभग चार दशक तक सिनेप्रेमियों का भरपूर मनोरंजन करने वाले महान निर्माता निर्देशक राज खोसला [[9 जून]], [[1991]] को इस दुनिया अलविदा कह गए।
अपने दमदार निर्देशन से लगभग चार दशक तक सिनेप्रेमियों का भरपूर मनोरंजन करने वाले महान् निर्माता निर्देशक राज खोसला [[9 जून]], [[1991]] को इस दुनिया अलविदा कह गए।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Revision as of 11:25, 1 August 2017

राज खोसला विषय सूची
राज खोसला
पूरा नाम राज खोसला
जन्म 31 मई, 1925
जन्म भूमि पंजाब
मृत्यु 9 जून, 1991
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र निर्माता-निर्देशक
मुख्य फ़िल्में 'मैं तुलसी तेरे आंगन की', 'दो रास्ते' 'सोलहवां साल' 'काला पानी' 'एक मुसाफिर एक हसीना', 'चिराग', और 'सन्नी', 'वो कौन थी', 'मेरा साया'
विषय अंग्रेज़ी
शिक्षा स्नातक
विद्यालय एलिफोस्टन कॉलेज
पुरस्कार-उपाधि फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ मूवी पुरस्कार
प्रसिद्धि निर्देशक और फ़िल्म निर्माण
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी राज खोसला की अस्सी के दशक में फ़िल्में व्यावसायिक तौर पर सफल नहीं रही। इन फ़िल्मों में 'दासी' (1981), 'तेरी मांग सितारों से भर दूं', 'मेरा दोस्त मेरा दुश्मन' (1984) और 'माटी मांगे खून' शामिल है।
अद्यतन‎

राज खोसला (अंग्रेज़ी: Raj Khosla, जन्म: 31 मई, 1925, पंजाब; मृत्यु: 9 जून, 1991) 1950 से 1980 के दशक तक हिंदी फ़िल्मों में शीर्ष निर्देशक, निर्माणकर्ता और पटकथाकारों में से एक थे। उन्हें देव आनंद जैसे अभिनेताओं की सफलता के लिए श्रेय दिया जाता है। गुरु दत्त के तहत अपना कॅरियर शुरू करने के बाद, वह सी.आई.डी की की तरह हिट फ़िल्में बनाते रहे। (1956), 'वो कौन थी'? (1964), 'मेरा साया' (1966), 'दोस्ताना' (1980) और मुख्य फ़िल्म 'मैं तुलसी तेरे आंगन की' (1978) थी, जिसने उन्हें फ़िल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ मूवी पुरस्कार दिलाया था।

परिचय

राज खोसला का जन्म 31 मई, 1925 को पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था। उनका बचपन से ही गीत संगीत की ओर रूझान था और वे प्लेबैक सिंगर बनना चाहते थे। आकाशवाणी में बतौर उद्घोषक और पार्श्वगायक का काम करने के बाद राज खोसला 19 वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ पार्श्वगायक की तमन्ना लिए मुंबई आ गए। उनके चाचा देवानंद के पिता किशोरी आनंद के गहरे दोस्त थे। राज खोसला की प्रारंभिक शिक्षा अंजुमन इस्लामिक स्कूल में हुई। उन्होंने एलिफोस्टन कॉलेज से अंग्रेज़ी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।[1]

फ़िल्मी कॅरियर की शुरुआत

मुंबई आने के बाद राज खोसला ने रंजीत स्टूडियों में अपना स्वर परीक्षण कराया और इस कसौटी पर वह खरे भी उतरे लेकिन रंजीत स्टूडियों के मालिक सरदार चंदू लाल ने उन्हें बतौर पार्श्वगायक अपनी फ़िल्म में काम करने का मौका नहीं दिया। उन दिनों रंजीत स्टूडियो की स्थिती ठीक नही थी और सरदार चंदूलाल को नए पार्श्वगायक की अपेक्षा मुकेश पर ज़्यादा भरोसा था अतः उन्होंने अपनी फ़िल्म में मुकेश को ही पार्श्वगायन करने का मौका देना उचित समझा।

मुख्य फ़िल्में

राज खोसला द्वारा निर्देशित अन्य फ़िल्मों में 'मैं तुलसी तेरे आंगन की', 'दो रास्ते' 'सोलहवां साल' 'काला पानी' 'एक मुसाफिर एक हसीना', 'चिराग', 'मेरा साया' आदि प्रमुख हैं। उनकी कुछ फ़िल्में ऐसी थी, जो अस्सी के दशक में व्यावसायिक तौर पर सफल नहीं रही। इन फ़िल्मों में 'दासी' (1981), 'तेरी मांग सितारों से भर दूं', 'मेरा दोस्त मेरा दुश्मन' (1984) और 'माटी मांगे खून' शामिल है। हांलाकि वर्ष 1984 में प्रदर्शित फ़िल्म 'सन्नी' ने बॉक्स ऑफ़िस पर और व्यापार किया। वर्ष 1989 में प्रदर्शित फ़िल्म 'नकाब' राज खोसला के सिने कॅरियर की अंतिम फ़िल्म साबित हुई।

निधन

अपने दमदार निर्देशन से लगभग चार दशक तक सिनेप्रेमियों का भरपूर मनोरंजन करने वाले महान् निर्माता निर्देशक राज खोसला 9 जून, 1991 को इस दुनिया अलविदा कह गए।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध
राज खोसला विषय सूची

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख