अभिकाल
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अभिकाल का उल्लेख वाल्मीक रामायण[1] में हुआ है, जहाँ यह अयोध्या के दूतों की केकय यात्रा के प्रसंग में है-
- 'अभिकालंतत: प्राप्य तेजोभिभवनाच्च्युता:'
- जान पड़ता है कि यह स्थान पंजाब में व्यास नदी के पूर्व की ओर स्थित होगा, क्योंकि इस नदी का वर्णन 2,68,19 में है जो दूतों को अभिकाल से पश्चिम की ओर चलने पर मिली थी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वाल्मीक रामायण 2,68,11
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