जठर देश

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:57, 7 November 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Disamb2.jpg जठर एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- जठर (बहुविकल्पी)

जठर देश का उल्लेख विष्णु पुराण[1] में हुआ है-

'मेरोरनन्तरांगेषु जठरादिष्ववस्थिता: शंखकूटाऽथ ऋषभो हंसो नागस्तथापर: कालंजाद्याश्च तथा उत्तरकेसराचला:'

अर्थात् "मेरु के अति समीप और जठर आदि देशों में स्थित शंखकूट, ऋषभ, हंस, नाग और कलंज आदि पर्वत उत्तर दिशा के केसराचल हैं।[2]

  • यदि मेरु या सुमेरु को उत्तरी ध्रुव का प्रदेश माना जाए तो जठर को वर्तमान साइबेरिया में स्थित मानना चाहिए। किंतु विष्णु पुराण का यह वर्णन बहुत अंशों में काल्पनिक जान पड़ता है।
  • जठर नामक पर्वत का भी उल्लेख विष्णु पुराण[3] में है-

'जठरो देवकूटश्च मर्यादा पर्वतावुभौ तौ दक्षिणोत्तरायामावानील निषधायतौ।'


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विष्णु पुराण 2, 2, 29
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 354 |
  3. विष्णु पुराण 2, 2, 20

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः