Difference between revisions of "आगरा"

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[[चित्र:Tajmahal-03.jpg|[[ताजमहल]], आगरा<br /> Tajmahal, Agra|thumb]]
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[[चित्र:Tajmahal-03.jpg|thumb|250px|[[ताजमहल]], आगरा<br /> Tajmahal, Agra]]
 
आगरा [[उत्तर प्रदेश]] प्रान्त का एक ज़िला शहर व तहसील है। आगरा 27.18° उत्तर 78.02° पूर्व में [[यमुना नदी|यमुना]] नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब 171 मीटर (561 फ़ीट) है। यह उत्तर में [[मथुरा]], दक्षिण में [[धौलपुर]], पूर्व में [[फ़िरोज़ाबाद]], शिकोहाबाद, दक्षिण पूर्व में फ़तेहाबाद और पश्चिम में [[भरतपुर]] से घिरा हुआ है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। [[ताजमहल]] आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है।
 
आगरा [[उत्तर प्रदेश]] प्रान्त का एक ज़िला शहर व तहसील है। आगरा 27.18° उत्तर 78.02° पूर्व में [[यमुना नदी|यमुना]] नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब 171 मीटर (561 फ़ीट) है। यह उत्तर में [[मथुरा]], दक्षिण में [[धौलपुर]], पूर्व में [[फ़िरोज़ाबाद]], शिकोहाबाद, दक्षिण पूर्व में फ़तेहाबाद और पश्चिम में [[भरतपुर]] से घिरा हुआ है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। [[ताजमहल]] आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है।
  
 
==अग्रबाण या अग्रवन==
 
==अग्रबाण या अग्रवन==
 
आगरा एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका प्रमाण यह अपने चारों ओर समेटे हुए है। इतिहास मे पहला ज़िक्र आगरा का [[महाभारत]] के समय से माना जाता है, जब इसे अग्रबाण या अग्रवन के नाम से संबोधित किया जाता था। कहते हैं कि पहले यह नगर आर्य ग्रह के नाम से भी जाना जाता था। [[टॉल्मी|तौलमी]]<ref>Ptolmi 2nd century A.D.</ref> पहला ज्ञात व्यक्ति था जिसने इसे आगरा नाम से संबोधित किया।
 
आगरा एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका प्रमाण यह अपने चारों ओर समेटे हुए है। इतिहास मे पहला ज़िक्र आगरा का [[महाभारत]] के समय से माना जाता है, जब इसे अग्रबाण या अग्रवन के नाम से संबोधित किया जाता था। कहते हैं कि पहले यह नगर आर्य ग्रह के नाम से भी जाना जाता था। [[टॉल्मी|तौलमी]]<ref>Ptolmi 2nd century A.D.</ref> पहला ज्ञात व्यक्ति था जिसने इसे आगरा नाम से संबोधित किया।
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[[चित्र:Red-Fort-Agra.jpg|thumb|250px|left|[[आगरा का क़िला|लाल क़िला]], आगरा<br />Red Fort, Agra]]
 
==ऐतिहासिक तथ्य==
 
==ऐतिहासिक तथ्य==
 
मुग़लकाल के इस प्रसिद्ध नगर की नींव [[दिल्ली]] के सुल्तान [[सिकंदर लोदी|सिकंदरशाह लोदी]] ने 1504 ई. में डाली थी। इसने अपने शासनकाल में होने वाले विद्रोहों को भली भांति दबाने के लिए वर्तमान आगरा के स्थान पर एक सैनिक छावनी बनाई थी जिसके द्वारा उसे इटावा, बयाना, कोल, [[ग्वालियर]] और धौलपुर के विद्रोहियों को दबाने में सहायता मिली। मख़जन-ए-अफ़ग़ान के लेखक के अनुसार सुलतान सिकंदर ने कुछ चतुर आयुक्तों को दिल्ली, इटावा और चांदवर के आस-पास के इलाके में किसी उपयुक्त स्थान पर सैनिक छावनी बनाने का काम सौंपा था और उन्होंने काफ़ी छानबीन के पश्चात इस स्थान (आगरा) को चुना था। अब तक आगरा या अग्रवन केवल एक छोटा-सा गांव था जिसे [[ब्रजमंडल]] के [[ब्रज चौरासी कोस की यात्रा|चौरासी वनों]] में अग्रणी माना जाता था। शीघ्र ही इसके स्थान पर एक भव्य नगर खड़ा हो गया। कुछ दिन बाद सिकंदर भी यहाँ आकर रहने लगा। तारीख-दाऊदी के लेखक के अनुसार सिकंदर प्राय: आगरा में ही रहा करता था।
 
मुग़लकाल के इस प्रसिद्ध नगर की नींव [[दिल्ली]] के सुल्तान [[सिकंदर लोदी|सिकंदरशाह लोदी]] ने 1504 ई. में डाली थी। इसने अपने शासनकाल में होने वाले विद्रोहों को भली भांति दबाने के लिए वर्तमान आगरा के स्थान पर एक सैनिक छावनी बनाई थी जिसके द्वारा उसे इटावा, बयाना, कोल, [[ग्वालियर]] और धौलपुर के विद्रोहियों को दबाने में सहायता मिली। मख़जन-ए-अफ़ग़ान के लेखक के अनुसार सुलतान सिकंदर ने कुछ चतुर आयुक्तों को दिल्ली, इटावा और चांदवर के आस-पास के इलाके में किसी उपयुक्त स्थान पर सैनिक छावनी बनाने का काम सौंपा था और उन्होंने काफ़ी छानबीन के पश्चात इस स्थान (आगरा) को चुना था। अब तक आगरा या अग्रवन केवल एक छोटा-सा गांव था जिसे [[ब्रजमंडल]] के [[ब्रज चौरासी कोस की यात्रा|चौरासी वनों]] में अग्रणी माना जाता था। शीघ्र ही इसके स्थान पर एक भव्य नगर खड़ा हो गया। कुछ दिन बाद सिकंदर भी यहाँ आकर रहने लगा। तारीख-दाऊदी के लेखक के अनुसार सिकंदर प्राय: आगरा में ही रहा करता था।
  
 
==अकबर और आगरा==
 
==अकबर और आगरा==
[[File:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra.jpg|बुलंद दरवाज़ा, [[फ़तेहपुर सीकरी]], आगरा<br /> Buland Darwaja, Fatehpur Sikri, Agra|thumb|250px]]  
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[[File:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra.jpg|thumb|250px|बुलंद दरवाज़ा, [[फ़तेहपुर सीकरी]], आगरा<br /> Buland Darwaja, Fatehpur Sikri, Agra]]
 
1505 ई. में रविवार, जुलाई 7 को आगरा में एक विकट भूकंप आया जिसने एक वर्ष पहले ही बसे हुए नगर के अनेक सुंदर भवनों को धराशायी कर दिया। मख़जन के लेखक के अनुसार भूंकप इतना भयानक था कि उसके धक्के से इमारतों का तो कहना ही क्या, पहाड़ तक गिर गए थे और प्रलय का सा दृश्य दिखाई देने लगा था। इसके पश्चात आगरा की उन्नति [[अकबर]] के समय में प्रारंभ हुई। 1565 ई. में उसने यहाँ लाल पत्थर का क़िला बनवाना शुरू किया जो आठ वर्षों में तैयार हुआ। अब तक इसके स्थान पर ईटों का बना हुआ एक छोटा-सा क़िला था जो खंडहर हो चला था। अकबर के क़िले को बनाने वाला तीन हज़ारी मनसबदार कासिम खां था और इसके निर्माण का व्यय 35 लाख रुपया था। क़िले की नींव भूमिगत पानी तक गहरी है। इसके पत्थरों को मसाले के साथ-साथ लोहे के छल्लों से भी जोड़ कर सुदृढ़ बनाया गया है। अकबर ने अपने शासन के प्रारंभ में ही [[फ़तेहपुर सीकरी]] को अपनी राजधानी बनाया था किंतु 1586 ई. में अकबर पुन: अपनी राजधानी आगरा ले आया था। [[जहाँगीर]] के राज्यकाल में और [[शाहजहाँ]] के शासन के प्रारंभिक वर्षों में आगरा में ही राजधानी रही। इस जमाने में यहाँ क़िले की अंदर की सुंदर इमारतें-मोती मस्जिद और ऐतमाद्दौला का मक़बरा (जिसका निर्माण [[नूरजहाँ]] ने करवाया था) बना। शाहजहाँ ने आगरा को छोड़कर दिल्ली में अपनी राजधानी बनाई। इसी समय आगरा में विश्वविश्रुत [[ताजमहल]] का निर्माण हुआ।
 
1505 ई. में रविवार, जुलाई 7 को आगरा में एक विकट भूकंप आया जिसने एक वर्ष पहले ही बसे हुए नगर के अनेक सुंदर भवनों को धराशायी कर दिया। मख़जन के लेखक के अनुसार भूंकप इतना भयानक था कि उसके धक्के से इमारतों का तो कहना ही क्या, पहाड़ तक गिर गए थे और प्रलय का सा दृश्य दिखाई देने लगा था। इसके पश्चात आगरा की उन्नति [[अकबर]] के समय में प्रारंभ हुई। 1565 ई. में उसने यहाँ लाल पत्थर का क़िला बनवाना शुरू किया जो आठ वर्षों में तैयार हुआ। अब तक इसके स्थान पर ईटों का बना हुआ एक छोटा-सा क़िला था जो खंडहर हो चला था। अकबर के क़िले को बनाने वाला तीन हज़ारी मनसबदार कासिम खां था और इसके निर्माण का व्यय 35 लाख रुपया था। क़िले की नींव भूमिगत पानी तक गहरी है। इसके पत्थरों को मसाले के साथ-साथ लोहे के छल्लों से भी जोड़ कर सुदृढ़ बनाया गया है। अकबर ने अपने शासन के प्रारंभ में ही [[फ़तेहपुर सीकरी]] को अपनी राजधानी बनाया था किंतु 1586 ई. में अकबर पुन: अपनी राजधानी आगरा ले आया था। [[जहाँगीर]] के राज्यकाल में और [[शाहजहाँ]] के शासन के प्रारंभिक वर्षों में आगरा में ही राजधानी रही। इस जमाने में यहाँ क़िले की अंदर की सुंदर इमारतें-मोती मस्जिद और ऐतमाद्दौला का मक़बरा (जिसका निर्माण [[नूरजहाँ]] ने करवाया था) बना। शाहजहाँ ने आगरा को छोड़कर दिल्ली में अपनी राजधानी बनाई। इसी समय आगरा में विश्वविश्रुत [[ताजमहल]] का निर्माण हुआ।
 
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[[चित्र:Sikandra-Agra-14.jpg|thumb|250px|left|[[सिकंदरा आगरा|सिकंदरा]], आगरा <br />Sikandra Agra]]
 
==आगरा में वास्तुकला==
 
==आगरा में वास्तुकला==
 
*आगरा में [[मुग़ल]] वास्तुकला के पूर्व और उत्तरकालीन दोनों रूपों के उदाहरण मिलते हैं।   
 
*आगरा में [[मुग़ल]] वास्तुकला के पूर्व और उत्तरकालीन दोनों रूपों के उदाहरण मिलते हैं।   
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*ताजमहल में भव्य तथा सूक्ष्म दोनों कला पक्षों का अद्भुत मेल है जो उसे संसार की सर्वश्रेष्ठ इमारतों में प्रमुख स्थान दिलाता है।
 
*ताजमहल में भव्य तथा सूक्ष्म दोनों कला पक्षों का अद्भुत मेल है जो उसे संसार की सर्वश्रेष्ठ इमारतों में प्रमुख स्थान दिलाता है।
 
*शाहजहाँ के दिल्ली चले जाने के पश्चात आगरा फिर कभी मुग़लों की राजधानी न बन सका यद्यपि यह नगर मुग़लकाल का एक प्रमुख नगर तो अंत तक बना ही रहा।
 
*शाहजहाँ के दिल्ली चले जाने के पश्चात आगरा फिर कभी मुग़लों की राजधानी न बन सका यद्यपि यह नगर मुग़लकाल का एक प्रमुख नगर तो अंत तक बना ही रहा।
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*वर्तमान में जहाँ [[सिकंदरा आगरा|सिकंदरा]] है, वहाँ सिकंदर की सेना का पड़ाव था। उसी के नाम पर इस जगह का नाम 'सिकंदरा' पड़ा। सिकंदर से आक्रमण से पहले [[आगरा]] एक छोटा सा नगर था।
  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

Revision as of 10:50, 6 December 2010

[[chitr:Tajmahal-03.jpg|thumb|250px|tajamahal, agara
Tajmahal, Agra]] agara uttar pradesh prant ka ek zila shahar v tahasil hai. agara 27.18° uttar 78.02° poorv mean yamuna nadi ke tat par sthit hai. samudr-tal se isaki ausat ooanchaee qarib 171 mitar (561 fit) hai. yah uttar mean mathura, dakshin mean dhaulapur, poorv mean firozabad, shikohabad, dakshin poorv mean fatehabad aur pashchim mean bharatapur se ghira hua hai. agara uttar pradesh ka tisara sabase b da shahar hai. tajamahal agara ki pahachan hai aur yah yamuna nadi ke kinare basa hai.

agraban ya agravan

agara ek aitihasik nagar hai, jisaka praman yah apane charoan or samete hue hai. itihas me pahala zikr agara ka mahabharat ke samay se mana jata hai, jab ise agraban ya agravan ke nam se sanbodhit kiya jata tha. kahate haian ki pahale yah nagar ary grah ke nam se bhi jana jata tha. taulami[1] pahala jnat vyakti tha jisane ise agara nam se sanbodhit kiya. [[chitr:Red-Fort-Agra.jpg|thumb|250px|left|lal qila, agara
Red Fort, Agra]]

aitihasik tathy

mugalakal ke is prasiddh nagar ki nianv dilli ke sultan sikandarashah lodi ne 1504 ee. mean dali thi. isane apane shasanakal mean hone vale vidrohoan ko bhali bhaanti dabane ke lie vartaman agara ke sthan par ek sainik chhavani banaee thi jisake dvara use itava, bayana, kol, gvaliyar aur dhaulapur ke vidrohiyoan ko dabane mean sahayata mili. makhajan-e-afagan ke lekhak ke anusar sulatan sikandar ne kuchh chatur ayuktoan ko dilli, itava aur chaandavar ke as-pas ke ilake mean kisi upayukt sthan par sainik chhavani banane ka kam sauanpa tha aur unhoanne kafi chhanabin ke pashchat is sthan (agara) ko chuna tha. ab tak agara ya agravan keval ek chhota-sa gaanv tha jise brajamandal ke chaurasi vanoan mean agrani mana jata tha. shighr hi isake sthan par ek bhavy nagar kh da ho gaya. kuchh din bad sikandar bhi yahaan akar rahane laga. tarikh-daoodi ke lekhak ke anusar sikandar pray: agara mean hi raha karata tha.

akabar aur agara

buland daravaza, fatehapur sikari, agara
Buland Darwaja, Fatehpur Sikri, Agra

1505 ee. mean ravivar, julaee 7 ko agara mean ek vikat bhookanp aya jisane ek varsh pahale hi base hue nagar ke anek suandar bhavanoan ko dharashayi kar diya. makhajan ke lekhak ke anusar bhooankap itana bhayanak tha ki usake dhakke se imaratoan ka to kahana hi kya, paha d tak gir ge the aur pralay ka sa drishy dikhaee dene laga tha. isake pashchat agara ki unnati akabar ke samay mean praranbh huee. 1565 ee. mean usane yahaan lal patthar ka qila banavana shuroo kiya jo ath varshoan mean taiyar hua. ab tak isake sthan par eetoan ka bana hua ek chhota-sa qila tha jo khandahar ho chala tha. akabar ke qile ko banane vala tin hazari manasabadar kasim khaan tha aur isake nirman ka vyay 35 lakh rupaya tha. qile ki nianv bhoomigat pani tak gahari hai. isake pattharoan ko masale ke sath-sath lohe ke chhalloan se bhi jo d kar sudridh banaya gaya hai. akabar ne apane shasan ke praranbh mean hi fatehapur sikari ko apani rajadhani banaya tha kiantu 1586 ee. mean akabar pun: apani rajadhani agara le aya tha. jahaangir ke rajyakal mean aur shahajahaan ke shasan ke praranbhik varshoan mean agara mean hi rajadhani rahi. is jamane mean yahaan qile ki aandar ki suandar imaratean-moti masjid aur aitamaddaula ka maqabara (jisaka nirman noorajahaan ne karavaya tha) bana. shahajahaan ne agara ko chho dakar dilli mean apani rajadhani banaee. isi samay agara mean vishvavishrut tajamahal ka nirman hua. [[chitr:Sikandra-Agra-14.jpg|thumb|250px|left|sikandara, agara
Sikandra Agra]]

agara mean vastukala

  • agara mean mugal vastukala ke poorv aur uttarakalin donoan roopoan ke udaharan milate haian.
  • akabar ke samay tak jo imaratean mugaloan ne banavaeean ve vishal, bhavy aur vistirn haian, jaise fatehapur sikari ke bhavan ya dilli mean humayooan ka maqabara.
  • noorajahaan ke banavae hue aitamaddaula ke maqabare mean pahali bar patthar par barik naqqashi aur pachchikari ka kam kiya gaya.
  • us kala ka janm hua jo vikasit hote hue tajamahal ke abhootapoorv vastushilp mean prasphutit huee.
  • tajamahal mean bhavy tatha sookshm donoan kala pakshoan ka adbhut mel hai jo use sansar ki sarvashreshth imaratoan mean pramukh sthan dilata hai.
  • shahajahaan ke dilli chale jane ke pashchat agara phir kabhi mugaloan ki rajadhani n ban saka yadyapi yah nagar mugalakal ka ek pramukh nagar to aant tak bana hi raha.
  • vartaman mean jahaan sikandara hai, vahaan sikandar ki sena ka p dav tha. usi ke nam par is jagah ka nam 'sikandara' p da. sikandar se akraman se pahale agara ek chhota sa nagar tha.

tika tippani aur sandarbh

  1. Ptolmi 2nd century A.D.

sanbandhit lekh