खप्पर: Difference between revisions
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Latest revision as of 07:56, 4 June 2013
मिट्टी के घड़े के फोड़े हुए अर्ध खंड को सामान्यतया खप्पर कहते हैं। किंतु इसका तात्पर्य योगसाधकों, औघड़ों तथा कापालिकों द्वारा प्रयुक्त खाद्यपात्र के अर्थ में भी माना जाता है जो नरकपाल निर्मित होता था। संभवत: पूर्वकाल में यह मिट्टी का ही पात्र रहा होगा किंतु आजकल यह दरियाई नारियल का बना देखने में आता है। अनेक योगी काँसे का बना खप्पर रखते हैं।[1]
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