राधा के अट्ठाईस नाम: Difference between revisions
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राधा को कृष्ण की प्रेमिका और कहीं-कहीं पत्नी के रूप में माना जाता हैं। राधा वृषभानु की पुत्री थी। पद्म पुराण ने इसे वृषभानु राजा की कन्या बताया है। राधा जी के जिन 28 नामों से उनका गुणगान किया जाता है वे इस प्रकार हैं[1]-
- राधा,
- रासेश्वरी,
- रम्या,
- कृष्णमत्राधिदेवता,
- सर्वाद्या,
- सर्ववन्द्या,
- वृन्दावनविहारिणी,
- वृन्दाराधा,
- रमा,
- अशेषगोपीमण्डलपूजिता,
- सत्या,
- सत्यपरा,
- सत्यभामा,
- श्रीकृष्णवल्लभा,
- वृषभानुसुता,
- गोपी,
- मूल प्रकृति,
- ईश्वरी,
- गान्धर्वा,
- राधिका,
- रम्या,
- रुक्मिणी,
- परमेश्वरी,
- परात्परतरा,
- पूर्णा,
- पूर्णचन्द्रविमानना,
- भुक्ति-मुक्तिप्रदा और
- भवव्याधि-विनाशिनी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्मवैवर्तपुराण |प्रकाशक: गीताप्रेस गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 452 |