सत्ता का रंग -आदित्य चौधरी: Difference between revisions
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<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><font color=#003333 size=5>सत्ता का रंग<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><font color=#003333 size=5>सत्ता का रंग<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है और ख़रबूज़ा, ख़रबूज़े को देखकर रंग बदलता है। | गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है और ख़रबूज़ा, ख़रबूज़े को देखकर रंग बदलता है। | ||
हमारे नेताओं के भी दो ही प्रकार होते हैं और इनमें फ़र्क़ भी वही होता है जो गिरगिट और ख़रबूज़े में... | हमारे नेताओं के भी दो ही प्रकार होते हैं और इनमें फ़र्क़ भी वही होता है जो गिरगिट और ख़रबूज़े में... | ||
न जाने कितने साल पुरानी बात है कि न जाने किस देश के एक [[सुल्तान]] ने अपनी पसंद का महल बनवाने का हुक़्म दिया। बीस साल में महल बनकर तैयार हो गया। अब इतना ही काम बाक़ी रह गया था कि महल के बाहरी दरवाज़े पर सुल्तान का नाम लिख दिया जाये। अगले दिन सुल्तान महल देखने आने वाला था। | न जाने कितने साल पुरानी बात है कि न जाने किस देश के एक [[सुल्तान]] ने अपनी पसंद का महल बनवाने का हुक़्म दिया। बीस साल में महल बनकर तैयार हो गया। अब इतना ही काम बाक़ी रह गया था कि महल के बाहरी दरवाज़े पर सुल्तान का नाम लिख दिया जाये। अगले दिन सुल्तान महल देखने आने वाला था। | ||
लेकिन ये क्या ? सुबह को देखा तो पता चला कि महल के बाहरी दरवाज़े पर तो सुल्तान की बजाय 'इन्ना' का नाम लिखा हुआ है, और फिर रोज़ाना यही होने लगा कि नाम लिखा जाता था सुल्तान का लेकिन वह बदल जाता था इन्ना के नाम से...। | लेकिन ये क्या ? सुबह को देखा तो पता चला कि महल के बाहरी दरवाज़े पर तो सुल्तान की बजाय 'इन्ना' का नाम लिखा हुआ है, और फिर रोज़ाना यही होने लगा कि नाम लिखा जाता था सुल्तान का लेकिन वह बदल जाता था इन्ना के नाम से...। | ||
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कुछ उदाहरणों पर एक दृष्टि डाली जाय: | कुछ उदाहरणों पर एक दृष्टि डाली जाय: | ||
- मुग़ल बादशाह को हराने के बाद [[शेरशाह सूरी]] जब [[दिल्ली]] की गद्दी पर बैठा तो कहते हैं कि सबसे पहले वह शाही बाग़ के तालाब में अपना चेहरा देखकर यह परखने गया कि उसका माथा बादशाहों जैसा चौड़ा है या नहीं ! | - मुग़ल बादशाह को हराने के बाद [[शेरशाह सूरी]] जब [[दिल्ली]] की गद्दी पर बैठा तो कहते हैं कि सबसे पहले वह शाही बाग़ के तालाब में अपना चेहरा देखकर यह परखने गया कि उसका माथा बादशाहों जैसा चौड़ा है या नहीं ! | ||
जब शेरशाह से पूछा गया "आपके बादशाह बनने पर क्या-क्या किया जाय ?" | जब शेरशाह से पूछा गया "आपके बादशाह बनने पर क्या-क्या किया जाय ?" | ||
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इस सप्ताह इतना ही... अगले सप्ताह कुछ और... | इस सप्ताह इतना ही... अगले सप्ताह कुछ और... | ||
-आदित्य चौधरी | -आदित्य चौधरी | ||
<small>संस्थापक एवं प्रधान सम्पादक</small> | <small>संस्थापक एवं प्रधान सम्पादक</small> | ||
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{{भारतकोश सम्पादकीय}} | {{भारतकोश सम्पादकीय}} |
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गिरगिट और ख़रबूज़े में क्या फ़र्क़ है ? |
टीका टिप्पणी और संदर्भ