बालेश्वरनाथ मंदिर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 17: Line 17:
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के मन्दिर}}
{{उत्तर प्रदेश के मन्दिर}}{{उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल}}
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
[[Category:हिन्दू मन्दिर]]
[[Category:हिन्दू मन्दिर]]
[[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
[[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
[[Category:उत्तर प्रदेश के मन्दिर]]
[[Category:उत्तर प्रदेश के मन्दिर]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 10:58, 11 November 2016

250px|thumb|right|बालेश्वरनाथ मंदिर बालेश्वरनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद में भगवान शिव को समर्पित मंदिर, जो देवघाट के समीप मोहनगंज में स्थित है।

पौराणिक कथा

जब श्री रामचंद्र को चौदह वर्ष को वनवास मिला था। उस समय में इस पौराणिक शिवलिंग की स्थापना की गयी जो कि स्वयं भरत द्वारा की गयी। जिसका वर्णन रामायण में इस चौपाई द्वारा वर्णित है।

"सई तीर बस चलू भियानु
श्रृंगवेरपुर फिर तब निकरानु"[1]

भरत द्वारा सई नदी में स्नान के बाद जब उन्हें पूजा करने के लिए कोई शिवलिंग नहीं दिखा तब उन्होंने सई नदी से एक कमंडल जल भरा तथा दूसरे हाथ में बालू उठाया जिसे उन्होंने एक भीटे पर रखा और इस प्रकार "बाबा बालेश्वर नाथ" की स्थापना हुई।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वाल्मीकि रामायण में 2/49/12

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख