इलाहाबाद पर्यटन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "चीजें" to "चीज़ें") |
No edit summary |
||
Line 12: | Line 12: | ||
====इलाहाबाद क़िला==== | ====इलाहाबाद क़िला==== | ||
{{main|इलाहाबाद क़िला}} | {{main|इलाहाबाद क़िला}} | ||
*गंगा-यमुना के पवित्र [[संगम]] के किनारे स्थित इस भव्य क़िले का निर्माण बादशाह [[अकबर]] ने 1583 ई. में करवाया था। | *गंगा-यमुना के पवित्र [[संगम इलाहाबाद|संगम]] के किनारे स्थित इस भव्य क़िले का निर्माण बादशाह [[अकबर]] ने 1583 ई. में करवाया था। | ||
*आज यह क़िला सशस्त्र सेना के अधीन है तथा पर्यटकों को इसमें स्थित ''पातालपुरी मंदिर'' एवं अक्षय वट-वृक्ष तक जाने की अनुमति है। | *आज यह क़िला सशस्त्र सेना के अधीन है तथा पर्यटकों को इसमें स्थित ''पातालपुरी मंदिर'' एवं अक्षय वट-वृक्ष तक जाने की अनुमति है। | ||
====अशोक स्तम्भ==== | ====अशोक स्तम्भ==== | ||
{{main|अशोक | {{main|अशोक स्तम्भ इलाहाबाद}} | ||
*इलाहाबाद क़िले के मुख्य द्वार पर स्थित 10.6 मीतर की ऊँचाई का यह | *इलाहाबाद क़िले के मुख्य द्वार पर स्थित 10.6 मीतर की ऊँचाई का यह स्तम्भ 232 ई.पू. के समय का है। | ||
*200 ई. में [[समुद्रगुप्त]] इसे कौशाम्बी से [[प्रयाग]] लाया और उसके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग-प्रशस्ति इस पर ख़ुदवाया गया। | *200 ई. में [[समुद्रगुप्त]] इसे कौशाम्बी से [[प्रयाग]] लाया और उसके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग-प्रशस्ति इस पर ख़ुदवाया गया। | ||
*1800 ई. में किले की प्राचीर सीधी बनाने हेतु इस स्तम्भ को गिरा दिया गया और 1838 में अंग्रेज़ों ने इसे पुनः खड़ा किया।<ref>{{cite web |url=http://www.srijangatha.com/Itihaas-2Apr_2k10 |title=तीर्थराज प्रयाग: इतिहास के आईने में |accessmonthday=[[27 दिसंबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=सृजनगाथा |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | *1800 ई. में किले की प्राचीर सीधी बनाने हेतु इस स्तम्भ को गिरा दिया गया और 1838 में अंग्रेज़ों ने इसे पुनः खड़ा किया।<ref>{{cite web |url=http://www.srijangatha.com/Itihaas-2Apr_2k10 |title=तीर्थराज प्रयाग: इतिहास के आईने में |accessmonthday=[[27 दिसंबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=सृजनगाथा |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
====स्वराज भवन==== | ====स्वराज भवन==== | ||
[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|thumb|250px|[[संगम इलाहाबाद|संगम]], [[इलाहाबाद]] | [[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|thumb|250px|[[संगम इलाहाबाद|संगम]], [[इलाहाबाद]]]] | ||
{{main|स्वराज भवन इलाहाबाद}} | {{main|स्वराज भवन इलाहाबाद}} | ||
*इस ऐतिहासिक इमारत को [[मोतीलाल नेहरू]] ने बनवाया था। [[1930]] में उन्होंने इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया था और एक नया भवन बनवाया और इसका नाम भी ‘आनंद भवन’ रखा। | *इस ऐतिहासिक इमारत को [[मोतीलाल नेहरू]] ने बनवाया था। [[1930]] में उन्होंने इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया था और एक नया भवन बनवाया और इसका नाम भी ‘आनंद भवन’ रखा। | ||
Line 29: | Line 29: | ||
====आनंद भवन==== | ====आनंद भवन==== | ||
{{main|आनंद भवन | {{main|आनंद भवन}} | ||
*आनंद भवन और उसके बराबर में स्थित स्वराज भवन आज ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विख्यात है। | *आनंद भवन और उसके बराबर में स्थित स्वराज भवन आज ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विख्यात है। | ||
*एक जमाने में आनंद भवन भारतीय राजनीति में अहम स्थान रखने वाले नेहरू परिवार का निवास स्थान था। | *एक जमाने में आनंद भवन भारतीय राजनीति में अहम स्थान रखने वाले नेहरू परिवार का निवास स्थान था। |
Revision as of 05:08, 8 May 2012
[[चित्र:Kumbh mela.jpg|thumb|250px|इलाहाबाद में कुम्भ मेला]]
एक प्राचीन किंवदन्ती के अनुसार प्रयाग का एक नाम इलाबास भी था जो मनु की पुत्री इला के नाम पर था। प्रयाग के निकट भुसी या प्रतिष्ठानपुर में चन्द्रवंशी राजाओं की राजधानी थी। इसका पहला राजा इला और बुध का पुत्र पुरुरवा एल हुआ। उसी ने अपनी राजधानी को इलाबास की संज्ञा दी जिसका रूपांतर अकबर के समय में इलाहाबाद हो गया।
पर्यटन स्थल
पर्यटकों के लिये यहाँ ब्रिटिश काल का एक सरकारी बंगला, आंग्ल व रोमन कैथॅलिक गिरजाघर और जामी मस्जिद भी हैं। उत्तर प्रदेश के इस ऐतिहासिक शहर का प्रशासनिक, शैक्षिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक दृष्टि से अग्रणी स्थान है। इस शहर का उल्लेख भारत के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है। वेद, पुराण, रामायण और महाभारत में इस स्थान को प्रयाग कहा गया है। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का यहां संगम होता है।
संगम
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- यह तीन पवित्र नदियों (गंगा, यमुना और सरस्वती) के मिलन का स्थान है।
- यहाँ वर्ष भर लाखों श्रद्धालु आते है और संगम में डुबकी लगाकर अपने आपको धन्य समझते हैं।
इलाहाबाद क़िला
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- गंगा-यमुना के पवित्र संगम के किनारे स्थित इस भव्य क़िले का निर्माण बादशाह अकबर ने 1583 ई. में करवाया था।
- आज यह क़िला सशस्त्र सेना के अधीन है तथा पर्यटकों को इसमें स्थित पातालपुरी मंदिर एवं अक्षय वट-वृक्ष तक जाने की अनुमति है।
अशोक स्तम्भ
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- इलाहाबाद क़िले के मुख्य द्वार पर स्थित 10.6 मीतर की ऊँचाई का यह स्तम्भ 232 ई.पू. के समय का है।
- 200 ई. में समुद्रगुप्त इसे कौशाम्बी से प्रयाग लाया और उसके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग-प्रशस्ति इस पर ख़ुदवाया गया।
- 1800 ई. में किले की प्राचीर सीधी बनाने हेतु इस स्तम्भ को गिरा दिया गया और 1838 में अंग्रेज़ों ने इसे पुनः खड़ा किया।[1]
स्वराज भवन
[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|thumb|250px|संगम, इलाहाबाद]]
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- इस ऐतिहासिक इमारत को मोतीलाल नेहरू ने बनवाया था। 1930 में उन्होंने इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया था और एक नया भवन बनवाया और इसका नाम भी ‘आनंद भवन’ रखा।
- इसी स्वराज भवन में आज़ादी की लड़ाई के दौरन यहाँ के तहखाने में बने एक कमरे में स्वतंत्रता संग्रामियों की मीटिंग होती थी।
- इस भवन में मोती लाल नेहरू, सरोजिनी नायडू, कमला नेहरू और जवाहर लाल नेहरू के कमरे और उनका ऑफिस वगैरा देखने को मिलता है।[2]
आनंद भवन
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- आनंद भवन और उसके बराबर में स्थित स्वराज भवन आज ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विख्यात है।
- एक जमाने में आनंद भवन भारतीय राजनीति में अहम स्थान रखने वाले नेहरू परिवार का निवास स्थान था।
हनुमान मंदिर
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- संगम के निकट स्थित यह मंदिर प्रसिद्ध है।
- हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति लेटे हुए दिखाया गया है।
इलाहाबाद संग्रहालय
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- इलाहाबाद संग्रहालय चन्द्र शेखर आज़ाद पार्क के निकट स्थित है।
- इलाहाबाद संग्रहालय में गुप्त साम्राज्य के समय की टेराकोटा एवं वास्तुकला की चीज़ें प्रदर्शीत हैं।
पत्थर गिरजाघर
- पत्थर गिरजाघर 1870 ई. में सर विलियम एम्र्सन ने इसका निर्माण गोथिक शैली में करवाया था।
- पत्थर गिरजाघर भी शहर की एक देखने योग्य ऐतिहासिक इमारत है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ तीर्थराज प्रयाग: इतिहास के आईने में (हिन्दी) सृजनगाथा। अभिगमन तिथि: 27 दिसंबर, 2010।
- ↑ इलाहाबाद यात्रा की यादें (4) स्वराज भवन घूमना (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल)। {{{publisher}}}। अभिगमन तिथि: 27 दिसंबर, 2010।