ऋतु करीधल: Difference between revisions
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'''ऋतु करीधल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ritu Karidhal'') [[भारत]] की महिला वैज्ञानिक हैं। वे [[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]] (इसरो) में कार्य करने वाली जानीमानी वैज्ञानिक हैं। वे भारत के मंगलयान मिशन की उप संचालन निदेशक थीं। ऋतु करीधल को 'भारत की रॉकेट वुमेन' कहा जाता है। ऋतु करीधल ने इसरो की कई परियोजनाओं के लिए कार्य किया है और इनमें से कुछ के लिए संचालन निदेशक के रूप में अपनी सेवाएँ दी हैं। | '''ऋतु करीधल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ritu Karidhal'') [[भारत]] की महिला वैज्ञानिक हैं। वे [[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]] (इसरो) में कार्य करने वाली जानीमानी वैज्ञानिक हैं। वे भारत के मंगलयान मिशन की उप संचालन निदेशक थीं। ऋतु करीधल को 'भारत की रॉकेट वुमेन' कहा जाता है। ऋतु करीधल ने इसरो की कई परियोजनाओं के लिए कार्य किया है और इनमें से कुछ के लिए संचालन निदेशक के रूप में अपनी सेवाएँ दी हैं। | ||
*'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान' ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स को लांच करके नया इतिहास रचा। इसरो का अपना रिकॉर्ड एक अभियान में 20 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का रहा है। इसरो ने ये कारनामा [[2016]] में किया था। इस मंगल अभियान में कई महिला वैज्ञानिक जुड़ी हुई थीं। वे रॉकेट छोड़े जाते समय नियंत्रण कक्ष में थीं और पल-पल होने वाली घटना पर नजर रखे हुए थीं। इन्हीं में से एक ऋतु करीधल भी हैं। | |||
*[[लखनऊ]], [[उत्तर प्रदेश]] में पली-बढ़ी ऋतु करीधल को बचपन में इस पर बहुत ताज्जुब होता था कि [[चंद्रमा]] का आकार कैसे घटता बढ़ता रहता है। वह यह भी जानना चाहती थीं कि चंद्रमा के काले धब्बों के पीछे क्या था। | *[[लखनऊ]], [[उत्तर प्रदेश]] में पली-बढ़ी ऋतु करीधल को बचपन में इस पर बहुत ताज्जुब होता था कि [[चंद्रमा]] का आकार कैसे घटता बढ़ता रहता है। वह यह भी जानना चाहती थीं कि चंद्रमा के काले धब्बों के पीछे क्या था। | ||
*ऋतु करीधल [[विज्ञान]] की छात्रा थीं। वे [[भौतिक विज्ञान|भौतिकी]] और गणित से लगाव था, [[अखबार|अखबारों]] में [[अमरीका]] के 'नेशनल एयरोनॉटिकल एंड स्पेस एजेंसी' (नासा) और अंतिरक्ष की खबरें खोज कर पढ़ा करती थीं। | *ऋतु करीधल [[विज्ञान]] की छात्रा थीं। वे [[भौतिक विज्ञान|भौतिकी]] और गणित से लगाव था, [[अखबार|अखबारों]] में [[अमरीका]] के 'नेशनल एयरोनॉटिकल एंड स्पेस एजेंसी' (नासा) और अंतिरक्ष की खबरें खोज कर पढ़ा करती थीं। |
Revision as of 09:47, 11 July 2017
ऋतु करीधल (अंग्रेज़ी: Ritu Karidhal) भारत की महिला वैज्ञानिक हैं। वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कार्य करने वाली जानीमानी वैज्ञानिक हैं। वे भारत के मंगलयान मिशन की उप संचालन निदेशक थीं। ऋतु करीधल को 'भारत की रॉकेट वुमेन' कहा जाता है। ऋतु करीधल ने इसरो की कई परियोजनाओं के लिए कार्य किया है और इनमें से कुछ के लिए संचालन निदेशक के रूप में अपनी सेवाएँ दी हैं।
- 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान' ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स को लांच करके नया इतिहास रचा। इसरो का अपना रिकॉर्ड एक अभियान में 20 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का रहा है। इसरो ने ये कारनामा 2016 में किया था। इस मंगल अभियान में कई महिला वैज्ञानिक जुड़ी हुई थीं। वे रॉकेट छोड़े जाते समय नियंत्रण कक्ष में थीं और पल-पल होने वाली घटना पर नजर रखे हुए थीं। इन्हीं में से एक ऋतु करीधल भी हैं।
- लखनऊ, उत्तर प्रदेश में पली-बढ़ी ऋतु करीधल को बचपन में इस पर बहुत ताज्जुब होता था कि चंद्रमा का आकार कैसे घटता बढ़ता रहता है। वह यह भी जानना चाहती थीं कि चंद्रमा के काले धब्बों के पीछे क्या था।
- ऋतु करीधल विज्ञान की छात्रा थीं। वे भौतिकी और गणित से लगाव था, अखबारों में अमरीका के 'नेशनल एयरोनॉटिकल एंड स्पेस एजेंसी' (नासा) और अंतिरक्ष की खबरें खोज कर पढ़ा करती थीं।
- मास्टर्स की डिग्री के बाद उन्होंने इसरो में नौकरी के लिए आवेदन किया और इस तरह अंतरिक्ष वैज्ञानिक बन गईं।
- ऋतु करीधल 18 साल से इसरो में काम कर रही हैं। मंगल अभियान से वे और उनके सहकर्मी सुर्खियों में आ गए। यह अभियान 2012 के अप्रैल में शुरू हुआ और कामयाब रहा।
- उन्होंने एक अवसर पर कहा था कि- "कई बार कहा जाता है कि पुरुष मंगल के हैं और महिलाएं शुक्र की। पर मंगल अभियान के बाद कई लोगों ने कहा कि महिलाएं मंगल की हैं।"
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- इन महिलाओं की वजह से भारत ने रचा इतिहास
- पीएसएलवी सी 17: तीन महिला वैज्ञानिको के हाथ जीसैट 12 की कमान
- भारत को अंतरिक्ष में भेजने वाली महिलाएं