हल् का महत्त्व: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
हलन्त किसी वर्ण के आधे होने का एक सूचक चिह्न जो उस वर्ण के नीचे लगाया जाता है। स्वर रहित व्यंजन वर्ण, जो किसी शब्द के अन्त में लगाया जाता है। व्यञ्जन का अर्थ कोई भी सघोष या अघोष ध्वनि है, अथवा "क" से "ह" तक के वर्ण, जिन्हें स्वर की सहायता बिना स्वतन्त्र रूप से उच्चरित करना कठिन है। संस्कृत में हलन्त का प्रयोग अधिक होता है किन्तु हिन्दी में भी कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें हलन्त का प्रयोग अनिवार्य है। इस लेख में हल् (हलंत) का महत्त्व दर्शाया गया है।<ref>पुस्तक- हिंदी की वर्तनी, लेखक- संत समीर, पृष्ठ संख्या- 123</ref> | हलन्त किसी वर्ण के आधे होने का एक सूचक चिह्न जो उस वर्ण के नीचे लगाया जाता है। [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] रहित व्यंजन वर्ण, जो किसी शब्द के अन्त में लगाया जाता है। [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यञ्जन]] का अर्थ कोई भी सघोष या अघोष ध्वनि है, अथवा "क" से "ह" तक के वर्ण, जिन्हें स्वर की सहायता बिना स्वतन्त्र रूप से उच्चरित करना कठिन है। [[संस्कृत]] में हलन्त का प्रयोग अधिक होता है किन्तु [[हिन्दी]] में भी कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें हलन्त का प्रयोग अनिवार्य है। इस लेख में हल् (हलंत) का महत्त्व दर्शाया गया है।<ref>पुस्तक- हिंदी की वर्तनी, लेखक- संत समीर, पृष्ठ संख्या- 123</ref> | ||
{{seealso|हल् चिह्न|योजक चिह्न|लाघव चिह्न| लोप चिह्न}} | |||
{| class="bharattable-pink" | {| class="bharattable-pink" | ||
|- | |- |
Revision as of 13:42, 3 December 2017
हलन्त किसी वर्ण के आधे होने का एक सूचक चिह्न जो उस वर्ण के नीचे लगाया जाता है। स्वर रहित व्यंजन वर्ण, जो किसी शब्द के अन्त में लगाया जाता है। व्यञ्जन का अर्थ कोई भी सघोष या अघोष ध्वनि है, अथवा "क" से "ह" तक के वर्ण, जिन्हें स्वर की सहायता बिना स्वतन्त्र रूप से उच्चरित करना कठिन है। संस्कृत में हलन्त का प्रयोग अधिक होता है किन्तु हिन्दी में भी कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें हलन्त का प्रयोग अनिवार्य है। इस लेख में हल् (हलंत) का महत्त्व दर्शाया गया है।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
शब्द | अर्थ |
---|---|
जगत् | संसार |
जगत | कुएँ का चबूतरा |
सन् | वर्ष |
सन | जूट |
बम् | शिव अराधना का शब्द |
बम | विस्फोटक गोला |
अंतर् | अंदर |
अंतर | फ़र्क़ |
कीर्तिमान् | यशस्वी |
कीर्तिमान | रिकॉर्ड |
अहम् | अहंकार |
अहम | ख़ास |
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- हिंदी की वर्तनी, लेखक- संत समीर, पृष्ठ संख्या- 123
संबंधित लेख