वचन (हिन्दी): Difference between revisions

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Revision as of 10:38, 21 March 2011

विकारी शब्दों के जिस रूप से संख्या का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं। वैसे तो शब्दों का संज्ञा भेद विविध प्रकार का होता है, परन्तु व्याकरण में उसके एक और अनेक भेद प्रचलित हैं। इसी आधार पर हिन्दी में वचन के दो भेद होते हैं

  • एकवचन और
  • बहुवचन।

एकवचन

विकारी शब्दों के जिस रूप से एक का बोध होता है, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे, लड़का, घोड़ा, घर, पर्वत, नदी, मैं, वह, यह आदि।

बहुवचन

विकारी शब्दों के जिस रूप से अनेक का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे, लड़के, घोड़े, घरों, पर्वतों, नदियों, हम, वे, ये आदि।

कुछ संज्ञापद हिन्दी में एकवचन और बहुवचन दोनों में समान रूप से प्रयुक्त होते हैं। उनके वचन का बोध वाक्य के आशय से होता है। जैसे, आम, घर, पेड़, सिपाही, आदमी, दाम आदि।

उदाहरण

एकवचन बहुवचन
आम बहुत मीठा है। सिपाही जा रहा है। आम बहुत मीठे हैं। सिपाही जा रहे हैं।
मेरा घर सुन्दर है। आदमी सो रहा है। हमारे घर सुन्दर हैं। आदमी सो रहे हैं।
जामुन का पेड़ हरा है। मैंने दाम दे दिया है। जामुन के पेड़ हरे हैं। हमने दाम दे दिये हैं।

बहुत से पूज्य एवं उच्च पदाधिकारियों को आदर देने के लिए एकवचन का संज्ञापद भी बहुवचन में प्रयुक्त होता है। उदाहरण-

एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम

  • अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए अन्त के 'आ' के स्थान पर 'ए' लगा देते हैं। जैसे-

बेटा - बेटे
लड़का - लड़के
कमरा - कमरे
कपड़ा - कपड़े

  • अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए अन्त के 'अ' के स्थान पर 'ऐ' कर देते हैं। जैसे-

आँख - आँखें
बात - बातें
गाय - गायें
रात - रातें

  • अकारान्त, उकारान्त और औकारान्त स्त्रीलिंग एकवचन शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए भी अन्त में 'एँ' लगा देते हैं। जैसे-

माला - मालाएँ
माता - माताएँ
दवा - दवाएँ
वस्तु - वस्तुएँ

  • इकारान्त स्त्रीलिंग एकवचन शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में 'याँ' जोड़ देते हैं। जैसे-

शक्ति - शक्तियाँ
राशि - राशियाँ
रीति - रीतियाँ
तिथि - तिथियाँ

  • इकारान्त स्त्रीलिंग एकवचन शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए अन्तिम 'ई' को ह्रस्व करके 'याँ' जोड़ देते हैं। जैसे-

नदी - नदियाँ
सखी - सखियाँ
लड़की - लड़कियाँ
थाली - थालियाँ

  • 'इया' प्रत्यय से बने हुए एकवचन स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में चन्द्रबिन्दु लगा देते हैं। जैसे-

गुड़िया - गुड़ियाँ
बुढ़िया - बुढ़ियाँ
डिबिया - डिबियाँ

  • कुछ उकारान्त शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए 'ऊ' ह्रस्व करके अन्त में 'एँ' जोड़ देते हैं। जैसे-

लू - लुएँ
जू - जुएँ
बहू - बहुएँ

  • कुछ शब्दों के आगे लोग, गण, वृन्द, जाति, जन और वर्ग आदि शब्द लगाकर उनके बहुवचन बनाये जाते हैं। जैसे-

साधु - साधुलोग
बालक - बालकगण
अध्यापक - अध्यापकवृन्द

  • कुछ शब्दों को दो बार प्रयोग करके उनका बहुवचन बनाया जाता है। जैसे-

घर - घर-घर
भाई - भाई-भाई
गाँव - गाँव-गाँव


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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