हरदोई: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 10: Line 10:
हरदोई [[लखनऊ मंडल]] कर एक ज़िला है जो ऐतिहासिक महत्व का जनपद है जो [[भक्त]] [[प्रह्लाद]] की नगरी के रूप में भी प्रसिद्ध है। किंवदंती है कि भगवान ने [[नरसिंह अवतार]] लेकर इसी जगह भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। [[क़ादिर बख्श]] पिहानी, [[हरदोई ज़िला|ज़िला हरदोई]] के रहने वाले इन्होंने [[कृष्ण]] की प्रशंसा में काव्य-रचना की जो अति सुन्दर एवं मधुर है।  
हरदोई [[लखनऊ मंडल]] कर एक ज़िला है जो ऐतिहासिक महत्व का जनपद है जो [[भक्त]] [[प्रह्लाद]] की नगरी के रूप में भी प्रसिद्ध है। किंवदंती है कि भगवान ने [[नरसिंह अवतार]] लेकर इसी जगह भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। [[क़ादिर बख्श]] पिहानी, [[हरदोई ज़िला|ज़िला हरदोई]] के रहने वाले इन्होंने [[कृष्ण]] की प्रशंसा में काव्य-रचना की जो अति सुन्दर एवं मधुर है।  


==दर्शनीय स्थल==
====महात्मा गांधी भवन====
==== हत्याहारण तीर्थ====
====संडी पक्षी अभ्यारण:==== 
हरदोई जिला स्थित संडी पक्षी अभ्यारण की स्थापना 1990 ई. में हुई थी। यह अभ्यारण लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण लगभग तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पक्षियों की अनेक प्रजातियां देखी जा सकती है। यहां घूमने के लिए सबसे उचित समय दिसम्बर से फरवरी है।
====बालामऊ:====
बालामऊ, हरदोई जिला के प्राचीन शहरों में से है। माना जाता है कि इस शहर की स्थापना अकबर काल के अन्तिम समय में बामी मिरमी ने की थी। वर्तमान समय में इस जगह को बामी खेरा ने नाम से जाना जाता है। यह शहर जिला मुख्यालय के दक्षिण की ओर तथा सांदिला के उत्तर-पूर्व से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शहर के समीप ही सीतापुर जिला है जो निमीसरायना के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह धार्मिक स्थल के रूप में जानी जाती है।
====माधोगंज:====
राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित माधोगंज, हरदोई जिले का एक प्राचीन शहर है। यह शहर ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस शहर की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी श्री नरपति सिंह ने की थी। इन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। यहां स्थित रुइया गढ़ी किला, जो कि वर्तमान में नष्ट हो चुका है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों का गवाह रहा है। वर्तमान समय में यह किला पुरातात्विक विभाग, उत्तर-प्रदेश की देख-रेख में है। माधोगंज हरदोई के दक्षिण से लगभग 34 किलोमीटर, कानपुर से 75 किलोमीटर और लखनऊ से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
====पिहानी: ====
हरदोई जिला स्थित पिहानी एक ऐतिहासिक जगह है। यह जगह हरदोई, जिला मुख्यालय के उत्तर-पूर्व से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह का नाम पर्शियन शब्द पिनहानी से लिया गया है। जिसका अर्थ होता रहने की जगह। माना जाता है कि पूर्व समय में यह स्थान सघन जंगलों से घिरा हुआ था। शेर शाह ने हुमायू के साथ हुए युद्ध में उनसे बचने के लिए यह जगह पर शरण ली थी। सदारजहां, अकबर शासक के मंत्री का पिहानी से नजदीकी सम्बन्ध रहा है। उनका मकबरा और चित्रकला यहां के प्रमुख आकर्षण केन्द्रों में से हैं।
====संडीला====
संडीला हरदोई जिला का एक खूबसूरत शहर है। यह शहर हरदोई के दक्षिण से लगभग 50 किलोमीटर और लखनऊ के उत्तर-पश्चिम से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह की स्थापना ऋषि संडीला ने की थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम रखा गया है। कई प्राचीन इमारतें, मस्जिद और बाराखम्भा आदि इस शहर का प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा, हत्याहरण यहां का प्रमुख धार्मिक स्थल है।
====बेहता गोकुल====
हरदोई जिला स्थित यह एक छोटा सा गांव है। यह गांव हरदोई के उत्तर से 16 किलोमीटर और शाहबाद के दक्षिण से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


==चित्र वीथिका==
==चित्र वीथिका==
Line 26: Line 55:
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=222 हरदोई]
*[http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=222 हरदोई]
*[http://fresh-cartoons.blogspot.in/2012/10/blog-post.html हरदोई में आमद]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के नगर}}
{{उत्तर प्रदेश के नगर}}

Revision as of 11:02, 9 October 2012

[[चित्र:Narasimha.jpg|नृसिंह अवतार|thumb|250px]] हरदोई उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख नगर है। संडी पक्षी अभ्यारण, बालामऊ, माधोगंज, पिहानी, संडीला और बेहता गोकुल आदि यहां के दर्शनीय स्थलों में से है। यह जिला शाहजहांपुर और लखीमपुर-खीरी ज़िले के उत्तर, लखनऊ और उन्नाव ज़िले के दक्षिण, कानपुर और फ़र्रुख़ाबाद ज़िले के पश्चिम और सीतापुर ज़िला के पूर्व से घिरा हुआ है।

इतिहास

ऐतिहासिक दृष्टि से यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें मुग़ल और अफगान शासकों के बीच कई युद्ध हुए है। बिलग्राम और सांदी शहर के मध्य हुए युद्ध में हुमायूँ को शेरशाह सूरी ने हराया था।

पौराणिक कथा

स्थानीय लोगों का मानना है कि पहले इस जगह को हरिद्रोही के नाम से जाना जाता था। हिन्दी में जिसका अर्थ ईश्वर का विरोधी होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, पूर्व समय में यहाँ पर राजा हिरण्यकशिपु का शासन था। राजा की भगवान के प्रति बिल्कुल भी आस्था नहीं थी और वह स्वयं को भगवान मानता था। वह चाहता था कि सब लोग उसकी पूजा करें, मगर स्वयं राजा का पुत्र प्रह्लाद ने उसका विरोध किया। जिस कारण हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र को कई बार मारने की कोशिश की। लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। बाद में प्रह्लाद को बचाने के लिए स्वयं भगवान ने नरसिंह का अवतार लिया और हिरण्यकशिपु का वध किया।

अन्य कथा

एक अन्य कथा के अनुसार, हरदोई की उत्पत्ति हरिद्रव्य से हुई है। जिसका अर्थ दो भगवान होता है। यह दो भगवान, वामन भगवान और नरसिम्हा भगवान है जिन्हें हरिद्रव्य कहा जाता है। जिसके पश्चात् इस जगह का नाम हरदोई पड़ा।

प्रह्लाद नगरी

हरदोई लखनऊ मंडल कर एक ज़िला है जो ऐतिहासिक महत्व का जनपद है जो भक्त प्रह्लाद की नगरी के रूप में भी प्रसिद्ध है। किंवदंती है कि भगवान ने नरसिंह अवतार लेकर इसी जगह भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। क़ादिर बख्श पिहानी, ज़िला हरदोई के रहने वाले इन्होंने कृष्ण की प्रशंसा में काव्य-रचना की जो अति सुन्दर एवं मधुर है।

दर्शनीय स्थल

महात्मा गांधी भवन

हत्याहारण तीर्थ

संडी पक्षी अभ्यारण:

हरदोई जिला स्थित संडी पक्षी अभ्यारण की स्थापना 1990 ई. में हुई थी। यह अभ्यारण लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण लगभग तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पक्षियों की अनेक प्रजातियां देखी जा सकती है। यहां घूमने के लिए सबसे उचित समय दिसम्बर से फरवरी है।

बालामऊ:

बालामऊ, हरदोई जिला के प्राचीन शहरों में से है। माना जाता है कि इस शहर की स्थापना अकबर काल के अन्तिम समय में बामी मिरमी ने की थी। वर्तमान समय में इस जगह को बामी खेरा ने नाम से जाना जाता है। यह शहर जिला मुख्यालय के दक्षिण की ओर तथा सांदिला के उत्तर-पूर्व से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शहर के समीप ही सीतापुर जिला है जो निमीसरायना के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह धार्मिक स्थल के रूप में जानी जाती है।

माधोगंज:

राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित माधोगंज, हरदोई जिले का एक प्राचीन शहर है। यह शहर ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस शहर की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी श्री नरपति सिंह ने की थी। इन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। यहां स्थित रुइया गढ़ी किला, जो कि वर्तमान में नष्ट हो चुका है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों का गवाह रहा है। वर्तमान समय में यह किला पुरातात्विक विभाग, उत्तर-प्रदेश की देख-रेख में है। माधोगंज हरदोई के दक्षिण से लगभग 34 किलोमीटर, कानपुर से 75 किलोमीटर और लखनऊ से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

पिहानी:

हरदोई जिला स्थित पिहानी एक ऐतिहासिक जगह है। यह जगह हरदोई, जिला मुख्यालय के उत्तर-पूर्व से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह का नाम पर्शियन शब्द पिनहानी से लिया गया है। जिसका अर्थ होता रहने की जगह। माना जाता है कि पूर्व समय में यह स्थान सघन जंगलों से घिरा हुआ था। शेर शाह ने हुमायू के साथ हुए युद्ध में उनसे बचने के लिए यह जगह पर शरण ली थी। सदारजहां, अकबर शासक के मंत्री का पिहानी से नजदीकी सम्बन्ध रहा है। उनका मकबरा और चित्रकला यहां के प्रमुख आकर्षण केन्द्रों में से हैं।

संडीला

संडीला हरदोई जिला का एक खूबसूरत शहर है। यह शहर हरदोई के दक्षिण से लगभग 50 किलोमीटर और लखनऊ के उत्तर-पश्चिम से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह की स्थापना ऋषि संडीला ने की थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम रखा गया है। कई प्राचीन इमारतें, मस्जिद और बाराखम्भा आदि इस शहर का प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा, हत्याहरण यहां का प्रमुख धार्मिक स्थल है।

बेहता गोकुल

हरदोई जिला स्थित यह एक छोटा सा गांव है। यह गांव हरदोई के उत्तर से 16 किलोमीटर और शाहबाद के दक्षिण से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

चित्र वीथिका


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख