तकली: Difference between revisions

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Revision as of 08:08, 4 June 2013

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  • तकली सूत कातने का एक प्रकार का छोटा यंत्र होता है जिसमें पीतल की एक चकई में छोटा सा सूजा लगा रहता है। अथवा लकड़ी का लट्टू भी होता है।
  • तकली से रुई के सहारे सूत कातते है जिससे सूती धागा बनता है। अधिक मात्रा में सूत कातने के लिए चरखे का प्रयोग होता है।
  • तकली से सूत कातना पहले बच्चों को पाठशाला के पाठ्यक्रम के रूप में ही सिखाया जाता था।
  • सूत कातकर महीन से महीन धागा बनाने की प्रतियोगिताऐं आयोजित की जाती थीं। जिनमें प्रतियोगियों को प्रमाण-पत्र और पारितोषक दिये जाते थे।
  • राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने आश्रम में रहने वालों के लिए प्रतिदिन चार घण्टे सूत कातना अनिवार्य कर दिया था।
  • यह अनिवार्यता एक समय में काँग्रेस का सदस्य बनने के लिए भी कर दी थी।
  • काँग्रेस के उच्च पदाधिकारियों जैसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के लिए यह बड़ी चुनौती बन गई थी।
तकली चित्र वीथिका

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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