करण: Difference between revisions

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'''करण''' अर्थात अनेक कारणों में जो असाधारण और व्यापारवान कारण होता है, उसे करण कहते हैं। इसी को 'प्रकृष्ट कारण' भी कहा जाता है। 'असाधारण' का अर्थ कार्य की उत्पत्ति में साक्षात्‌ सहायक होना है।<ref>{{cite web |url= http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3|title= करण|accessmonthday=07 जून|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज|language=हिन्दी}}</ref>
'''करण''' अर्थात अनेक कारणों में जो असाधारण और व्यापारवान कारण होता है, उसे करण कहते हैं। इसी को 'प्रकृष्ट कारण' भी कहा जाता है। 'असाधारण' का अर्थ कार्य की उत्पत्ति में साक्षात्‌ सहायक होना है।<ref>{{cite web |url= http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3|title= करण|accessmonthday=07 जून|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज|language=हिन्दी}}</ref>


*दंड, जिससे चाक या [[चक्की]] चलती है, घड़े उत्पत्ति में व्यापारवान होकर साक्षात सहायक है, परंतु जंगल की लकड़ी करण नहीं है, क्योंकि न तो वह व्यापारवान है और न साक्षात्‌ सहायक।
*दंड, जिससे चाक या [[चक्की]] चलती है, घड़े उत्पत्ति में व्यापारवान होकर साक्षात सहायक है, परंतु जंगल की लकड़ी करण नहीं है, क्योंकि न तो वह व्यापारवान है और न साक्षात्‌ सहायक।

Revision as of 12:26, 25 October 2017

करण अर्थात अनेक कारणों में जो असाधारण और व्यापारवान कारण होता है, उसे करण कहते हैं। इसी को 'प्रकृष्ट कारण' भी कहा जाता है। 'असाधारण' का अर्थ कार्य की उत्पत्ति में साक्षात्‌ सहायक होना है।[1]

  • दंड, जिससे चाक या चक्की चलती है, घड़े उत्पत्ति में व्यापारवान होकर साक्षात सहायक है, परंतु जंगल की लकड़ी करण नहीं है, क्योंकि न तो वह व्यापारवान है और न साक्षात्‌ सहायक।
  • नव्य न्याय में तो व्यापारवान वस्तु को करण नहीं कहते। उनके अनुसार वह पदार्थ, जिसके बिना कार्य ही न उत्पन्न हो (अन्य सभी कारणों के रहते हुए भी) करण कहलाता है।
  • करण न तो उपादान है और न निमित्त वस्तु, अपितु निमित्तगत क्रिया ही असाधारण और प्रकृष्ट कारण है।
  • प्रत्यक्ष ज्ञान में इंद्रिय और अर्थ का सन्निकर्ष (संबंध) करण है अथवा इंद्रियगत वह व्यापार, जिससे अर्थ का सन्निकर्ष होता है, नव्य मत में करण कहलाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. करण (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 07 जून, 2014।

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