जन्‍तर मन्‍तर जयपुर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

[[चित्र:Jantar-Mantar-Jaipur.jpg|250px|जन्‍तर मन्‍तर, जयपुर
Jantar Mantar, Jaipur|thumb]]

  • महाराजा सवाई जयसिंह ने सऩ 1718 में इस वैधशाला की आधार शिला रखी।
  • इस ज्‍योतिष यंत्रालय में समय की जानकारी, सूर्योदय, सूर्योस्‍त एवं नक्षत्रों की जानकारी प्राप्‍त करने के उपकरण अवस्थित हैं।
  • वैधशाला में स्‍थापित यंत्रों में वृहत सम्राट यंत्र, जय प्रकाश यंत्र, राम यंत्र, कपाली यंत्र, नाडी वलय यंत्र, घोटा यंत्र आदि मुख्‍य है।
  • देश में सबसे पहली वेधशाला दिल्ली में 1724 में बनवाई गई और उसके दस वर्ष बाद जयपुर में वेधशाला बनाई गई थी|
  • जयपुर के बाद उज्जैन, बनारस और मथुरा में वेधशालाएं बनवायी गई।
  • जयपुर की वेधशाला सबसे विशाल एवं विश्व विख्यात हैं।
  • यहाँ स्थित सम्राट यंत्र विश्व की सबसे बडी सौर घड़ी मानी जाती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः