दरसनाए पैग़म्बरे ख़ुदा -नज़ीर अकबराबादी
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सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम[1] |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हज़रत मुहम्मद साहब के यशोगान में
- ↑ वस्फ़=प्रशंसा
- ↑ इल्तिजा=प्रार्थना
- ↑ जब तक जुबाँ मुँह में क़ायम रहे
- ↑ लौहो-क़लम=वह तख़्ती और लेखनी, जिनके द्वारा ईश्वर की आज्ञा से भविष्य में होने वाली सब घटनाएँ लिखी हों
- ↑ मलायक=देवतागण, फ़रिश्ते
- ↑ रुतबा=महत्ता
- ↑ लिखना
- ↑ वह रसूल जो ख़ुदा के महबूब हैं और नाबियों में जिनका रुत्बा सबसे ज़्यादा है ।
- ↑ आकाश
- ↑ न्यौछावर
- ↑ वह डोरी जो घोड़े की ज़ीन में दोनों ओर लगाते हैं।
- ↑ वह व्यक्ति जो अकेले बुराक़ घोड़े पर सवार होकर सारे ब्रह्माण्ड की सैर कर आए जो कि इस नीले गुम्बद वाले महल (आसमान) से भी परे चले गए