रामसनेही सम्प्रदाय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:04, 9 August 2014 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''रामसनेही सम्प्रदाय''' के प्रवर्तक महात्मा रामचरन थ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

रामसनेही सम्प्रदाय के प्रवर्तक महात्मा रामचरन थे। इस सम्प्रदाय की स्थापना 1650 ई. के लगभग हुई थी। रामचरन ने अनेक बानियाँ तथा पद रचे हैं।

  • रामसनेही सम्प्रदाय के तीसरे गुरु दूल्हाराम ने 10,000 पद एवं 4,000 दोहे रचे थे।
  • इस सम्प्रदाय के प्रार्थना मंदिर 'रामद्वारा' कहलाते हैं, जो अधिकांशत: राजस्थान में पाये जाते हैं।
  • पूजा में गान तथा शिक्षा सम्मिलित है।
  • रामसनेही सम्प्रदाय का मुख्य शहर शाहपुर है, किंतु ये जयपुर, उदयपुर तथा अन्य स्थानों में भी रहते हैं।
  • सम्प्रदाय के अनुयायी गृहस्थों में नहीं हैं। अत: यह सम्प्रदाय अवनति पर है और केवल कुछ साधुओं का वर्ग मात्र रह गया है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 554 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः