Difference between revisions of "गुरु नानक शाह -नज़ीर अकबराबादी"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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हैं कहते नानक शाह जिन्हें वह पूरे हैं आगाह गुरू
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हैं कहते नानक शाह जिन्हें वह पूरे हैं आगाह गुरु
वह कामिल<ref>सम्पूर्ण</ref> रहबर<ref>अच्छा रास्ता दिखाने वाले</ref> जग में हैं यूँ रौशन जैसे माह<ref>चाँद</ref> गुरू
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वह कामिल<ref>सम्पूर्ण</ref> रहबर<ref>अच्छा रास्ता दिखाने वाले</ref> जग में हैं यूँ रौशन जैसे माह<ref>चाँद</ref> गुरु
मक़्सूद मुराद<ref>इरादा की हुई</ref>, उम्मीद सभी, बर लाते हैं दिलख़्वाह गुरू
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मक़्सूद मुराद<ref>इरादा की हुई</ref>, उम्मीद सभी, बर लाते हैं दिलख़्वाह गुरु
 
नित लुत्फ़ो करम से करते हैं हम लोगों का निरबाह गुरु ।
 
नित लुत्फ़ो करम से करते हैं हम लोगों का निरबाह गुरु ।
  
               इस बख़्शिश के इस अज़मत<ref>प्रतिष्ठा</ref> के हैं बाबा नानक शाह गुरू
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               इस बख़्शिश के इस अज़मत<ref>प्रतिष्ठा</ref> के हैं बाबा नानक शाह गुरु
               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरू ।।1।।
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               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरु ।।1।।
  
हर आन दिलों विच याँ अपने जो ध्यान गुरू का लाते हैं ।
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हर आन दिलों विच याँ अपने जो ध्यान गुरु का लाते हैं ।
 
और सेवक होकर उनके ही हर सूरत बीच कहाते हैं ।
 
और सेवक होकर उनके ही हर सूरत बीच कहाते हैं ।
 
गर अपनी लुत्फ़ो इनायत से सुख चैन उन्हें दिखलाते हैं ।
 
गर अपनी लुत्फ़ो इनायत से सुख चैन उन्हें दिखलाते हैं ।
 
ख़ुश रखते हैं हर हाल उन्हें सब तन का काज बनाते हैं ।
 
ख़ुश रखते हैं हर हाल उन्हें सब तन का काज बनाते हैं ।
  
               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरू
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               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरु
               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरू ।।2।।
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               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरु ।।2।।
  
जो आप गुरू ने बख़्शिश से इस ख़ूबी का इर्शाद<ref>धर्म गुरू का उपदेश</ref> किया ।
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जो आप गुरु ने बख़्शिश से इस ख़ूबी का इर्शाद<ref>धर्म गुरु का उपदेश</ref> किया ।
 
हर बात है वह इस ख़ूबी की तासीर<ref>असर लाना</ref> ने जिस पर साद किया ।
 
हर बात है वह इस ख़ूबी की तासीर<ref>असर लाना</ref> ने जिस पर साद किया ।
 
याँ जिस-जिस ने उन बातों को है ध्यान लगाकर याद किया ।
 
याँ जिस-जिस ने उन बातों को है ध्यान लगाकर याद किया ।
हर आन गुरू ने दिल उनका ख़ुश वक़्त किया और शाद किया ।
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हर आन गुरु ने दिल उनका ख़ुश वक़्त किया और शाद किया ।
  
               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरू
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               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरु
               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरू ।।3।।
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               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरु ।।3।।
  
दिन रात जिन्होंने याँ दिल बिच है याद गुरू से काम लिया ।
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दिन रात जिन्होंने याँ दिल बिच है याद गुरु से काम लिया ।
 
सब मनके मक़्सद<ref>मुराद</ref> भर पाए ख़ुश वक़्ती का हंगाम<ref>समय</ref> लिया ।
 
सब मनके मक़्सद<ref>मुराद</ref> भर पाए ख़ुश वक़्ती का हंगाम<ref>समय</ref> लिया ।
दुख-दर्द में अपना ध्यान लगा जिस वक़्त गुरू का नाम लिया ।
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दुख-दर्द में अपना ध्यान लगा जिस वक़्त गुरु का नाम लिया ।
पल बीच गुरू ने आन उन्हें ख़ुश हाल किया और थाम लिया ।
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पल बीच गुरु ने आन उन्हें ख़ुश हाल किया और थाम लिया ।
  
               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरू
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               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरु
               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरू ।।4।।
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               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरु ।।4।।
  
याँ जो-जो दिल की ख़्वाहिश की कुछ बात गुरू से कहते हैं ।
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याँ जो-जो दिल की ख़्वाहिश की कुछ बात गुरु से कहते हैं ।
 
वह अपनी लुत्फ़ो शफ़क़त<ref>मेहरबानी</ref> से नित हाथ उन्हीं के गहते हैं ।
 
वह अपनी लुत्फ़ो शफ़क़त<ref>मेहरबानी</ref> से नित हाथ उन्हीं के गहते हैं ।
 
अल्ताफ़<ref>मेहरबानी </ref> से उनके ख़ुश होकर सब ख़ूबी से यह कहते हैं ।
 
अल्ताफ़<ref>मेहरबानी </ref> से उनके ख़ुश होकर सब ख़ूबी से यह कहते हैं ।
 
दुख दूर उन्हीं के होते हैं सौ सुख से जग में रहते हैं ।
 
दुख दूर उन्हीं के होते हैं सौ सुख से जग में रहते हैं ।
  
               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरू
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               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरु
               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरू ।।5।।
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               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरु ।।5।।
  
 
जो हरदम उनसे ध्यान लगा उम्मीद करम की धरते हैं ।
 
जो हरदम उनसे ध्यान लगा उम्मीद करम की धरते हैं ।
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आनन्द इनायत करते हैं सब मन की चिन्ता हरते हैं ।
 
आनन्द इनायत करते हैं सब मन की चिन्ता हरते हैं ।
  
               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरू
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               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरु
               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरू ।।6।।
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               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरु ।।6।।
  
 
जो लुत्फ़ इनायत उनमें हैं कब वस्फ़<ref>गुणगान, प्रशंसा</ref> किसी से उनका हो ।
 
जो लुत्फ़ इनायत उनमें हैं कब वस्फ़<ref>गुणगान, प्रशंसा</ref> किसी से उनका हो ।
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हर आन ’नज़ीर’ अब याँ तुम भी बाबा नानक शाह कहो ।
 
हर आन ’नज़ीर’ अब याँ तुम भी बाबा नानक शाह कहो ।
  
               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरू
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               इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह गुरु
               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरू ।।७।।
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               सब सीस नवा अरदास करो, और हरदम बोलो वाह गुरु ।।७।।
  
  

Revision as of 13:27, 27 December 2012

guru nanak shah -nazir akabarabadi
kavi nazir akabarabadi
janm 1735
janm sthan dilli
mrityu 1830
mukhy rachanaean banjaranama, door se aye the saqi, faqiroan ki sada, hai duniya jisaka nam adi
inhean bhi dekhean kavi soochi, sahityakar soochi
nazir akabarabadi ki rachanaean

haian kahate nanak shah jinhean vah poore haian agah guru .
vah kamil[1] rahabar[2] jag mean haian yooan raushan jaise mah[3] guru .
maqsood murad[4], ummid sabhi, bar late haian dilakhvah guru .
nit lutfo karam se karate haian ham logoan ka nirabah guru .

               is bakhshish ke is azamat[5] ke haian baba nanak shah guru .
               sab sis nava aradas karo, aur haradam bolo vah guru ..1..

har an diloan vich yaan apane jo dhyan guru ka late haian .
aur sevak hokar unake hi har soorat bich kahate haian .
gar apani lutfo inayat se sukh chain unhean dikhalate haian .
khush rakhate haian har hal unhean sab tan ka kaj banate haian .

               is bakhshish ke is azamat ke haian baba nanak shah guru .
               sab sis nava aradas karo, aur haradam bolo vah guru ..2..

jo ap guru ne bakhshish se is khoobi ka irshad[6] kiya .
har bat hai vah is khoobi ki tasir[7] ne jis par sad kiya .
yaan jis-jis ne un batoan ko hai dhyan lagakar yad kiya .
har an guru ne dil unaka khush vaqt kiya aur shad kiya .

               is bakhshish ke is azamat ke haian baba nanak shah guru .
               sab sis nava aradas karo, aur haradam bolo vah guru ..3..

din rat jinhoanne yaan dil bich hai yad guru se kam liya .
sab manake maqsad[8] bhar pae khush vaqti ka hangam[9] liya .
dukh-dard mean apana dhyan laga jis vaqt guru ka nam liya .
pal bich guru ne an unhean khush hal kiya aur tham liya .

               is bakhshish ke is azamat ke haian baba nanak shah guru .
               sab sis nava aradas karo, aur haradam bolo vah guru ..4..

yaan jo-jo dil ki khvahish ki kuchh bat guru se kahate haian .
vah apani lutfo shafaqat[10] se nit hath unhian ke gahate haian .
altaf[11] se unake khush hokar sab khoobi se yah kahate haian .
dukh door unhian ke hote haian sau sukh se jag mean rahate haian .

               is bakhshish ke is azamat ke haian baba nanak shah guru .
               sab sis nava aradas karo, aur haradam bolo vah guru ..5..

jo haradam unase dhyan laga ummid karam ki dharate haian .
vah un par lutfo inayat se har an tavjjai[12] karate haian .
asabab[13] khushi aur khoobi ke ghar bich unhian ke bharate haian .
anand inayat karate haian sab man ki chinta harate haian .

               is bakhshish ke is azamat ke haian baba nanak shah guru .
               sab sis nava aradas karo, aur haradam bolo vah guru ..6..

jo lutf inayat unamean haian kab vasf[14] kisi se unaka ho .
vah lutfo karam jo karate haian har char taraf hai zahir vo .
altaf jinhoan par haian unake sau khoobi hasil haian unako .
har an ’nazir’ ab yaan tum bhi baba nanak shah kaho .

               is bakhshish ke is azamat ke haian baba nanak shah guru .
               sab sis nava aradas karo, aur haradam bolo vah guru ..7..



panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

  1. sampoorn
  2. achchha rasta dikhane vale
  3. chaand
  4. irada ki huee
  5. pratishtha
  6. dharm guru ka upadesh
  7. asar lana
  8. murad
  9. samay
  10. meharabani
  11. meharabani
  12. dhyan dena
  13. bharapoor
  14. gunagan, prashansa

sanbandhit lekh