Difference between revisions of "राजस्थान के मुख्यमंत्री"
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[[राजस्थान]], [[भारत]] का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी [[जयपुर]] है। इसके पश्चिम में [[पाकिस्तान]], दक्षिण-पश्चिम में [[गुजरात]], दक्षिण-पूर्व में [[मध्य प्रदेश]], उत्तर में [[पंजाब]], उत्तर-पूर्व में [[उत्तर प्रदेश]] और [[हरियाणा]] है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि.मी. (1,32,139 वर्ग मील) है।<br /> | [[राजस्थान]], [[भारत]] का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी [[जयपुर]] है। इसके पश्चिम में [[पाकिस्तान]], दक्षिण-पश्चिम में [[गुजरात]], दक्षिण-पूर्व में [[मध्य प्रदेश]], उत्तर में [[पंजाब]], उत्तर-पूर्व में [[उत्तर प्रदेश]] और [[हरियाणा]] है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि.मी. (1,32,139 वर्ग मील) है।<br /> | ||
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12वीं शताब्दी के बाद [[मेवाड़]] पर गुहिलोतों ने राज्य किया। मेवाड़ के अलावा जो अन्य रियासतें ऐतिहासिक दृष्टि से प्रमुख रहीं, वे थीं- भरतपुर, जयपुर, बूँदी, मारवाड़, कोटा, और अलवर। अन्य सभी रियासतें इन्हीं रियासतों से बनीं। इन सभी रियासतों ने [[1818]] ई. में अधीनस्थ गठबंधन की ब्रिटिश संधि स्वीकार कर ली, जिसमें राजाओं के हितों की रक्षा की व्यवस्था थी, लेकिन इस संधि से आम जनता स्वाभाविक रूप से असंतुष्ट थी। वर्ष [[1857]] के विद्रोह के बाद लोग 'स्वतंत्रता आंदोलन' में भाग लेने के लिए [[महात्मा गाँधी]] के नेतृत्व में एकजुट हुए। सन् [[1935]] में अंग्रेज़ी शासन वाले [[भारत]] में प्रांतीय स्वायत्तता लागू होने के बाद राजस्थान में नागरिक स्वतंत्रता तथा राजनीतिक अधिकारों के लिए आंदोलन और तेज़ हो गया। [[1948]] में इन बिखरी हुई रियासतों को एक करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो [[1956]] में राज्य में पुनर्गठन क़ानून लागू होने तक जारी रही।<br /> | 12वीं शताब्दी के बाद [[मेवाड़]] पर गुहिलोतों ने राज्य किया। मेवाड़ के अलावा जो अन्य रियासतें ऐतिहासिक दृष्टि से प्रमुख रहीं, वे थीं- भरतपुर, जयपुर, बूँदी, मारवाड़, कोटा, और अलवर। अन्य सभी रियासतें इन्हीं रियासतों से बनीं। इन सभी रियासतों ने [[1818]] ई. में अधीनस्थ गठबंधन की ब्रिटिश संधि स्वीकार कर ली, जिसमें राजाओं के हितों की रक्षा की व्यवस्था थी, लेकिन इस संधि से आम जनता स्वाभाविक रूप से असंतुष्ट थी। वर्ष [[1857]] के विद्रोह के बाद लोग 'स्वतंत्रता आंदोलन' में भाग लेने के लिए [[महात्मा गाँधी]] के नेतृत्व में एकजुट हुए। सन् [[1935]] में अंग्रेज़ी शासन वाले [[भारत]] में प्रांतीय स्वायत्तता लागू होने के बाद राजस्थान में नागरिक स्वतंत्रता तथा राजनीतिक अधिकारों के लिए आंदोलन और तेज़ हो गया। [[1948]] में इन बिखरी हुई रियासतों को एक करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो [[1956]] में राज्य में पुनर्गठन क़ानून लागू होने तक जारी रही।<br /> | ||
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− | वर्तमान में [[ | + | वर्तमान में [[भजन लाल शर्मा]] [[राजस्थान के मुख्यमंत्री]] हैं। वह [[15 दिसंबर]], [[2023]] से मुख्यमंत्री के रूप में पदस्थ हैं। |
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Latest revision as of 10:36, 3 January 2024
[[chitr:Bhajan-Lal-Sharma.jpg|thumb|250px|bhajan lal sharma (mukhyamantri, rajasthan)]]
rajasthan, bharat ka kshetraphal ke adhar par sabase b da rajy hai. isaki rajadhani jayapur hai. isake pashchim mean pakistan, dakshin-pashchim mean gujarat, dakshin-poorv mean madhy pradesh, uttar mean panjab, uttar-poorv mean uttar pradesh aur hariyana hai. rajy ka kshetraphal 3,42,239 varg ki.mi. (1,32,139 varg mil) hai.
12vian shatabdi ke bad meva d par guhilotoan ne rajy kiya. meva d ke alava jo any riyasatean aitihasik drishti se pramukh rahian, ve thian- bharatapur, jayapur, booandi, marava d, kota, aur alavar. any sabhi riyasatean inhian riyasatoan se banian. in sabhi riyasatoan ne 1818 ee. mean adhinasth gathabandhan ki british sandhi svikar kar li, jisamean rajaoan ke hitoan ki raksha ki vyavastha thi, lekin is sandhi se am janata svabhavik roop se asantusht thi. varsh 1857 ke vidroh ke bad log 'svatantrata aandolan' mean bhag lene ke lie mahatma gaandhi ke netritv mean ekajut hue. sanh 1935 mean aangrezi shasan vale bharat mean praantiy svayattata lagoo hone ke bad rajasthan mean nagarik svatantrata tatha rajanitik adhikaroan ke lie aandolan aur tez ho gaya. 1948 mean in bikhari huee riyasatoan ko ek karane ki prakriya shuroo huee, jo 1956 mean rajy mean punargathan qanoon lagoo hone tak jari rahi.
vartaman mean bhajan lal sharma rajasthan ke mukhyamantri haian. vah 15 disanbar, 2023 se mukhyamantri ke roop mean padasth haian.
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tika tippani aur sandarbh
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