गणाधिप: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(4 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 3: Line 3:
*[[शिव]] और [[पार्वती]] पुत्र भगवान [[गणेश]] का ही नाम गणाधिप है।  
*[[शिव]] और [[पार्वती]] पुत्र भगवान [[गणेश]] का ही नाम गणाधिप है।  
*गणाधिप भगवान [[शंकर]] के गणों के मुख्य अधिपति हैं। इसलिए गणेशजी को गणाधिप भी कहा जाता है।
*गणाधिप भगवान [[शंकर]] के गणों के मुख्य अधिपति हैं। इसलिए गणेशजी को गणाधिप भी कहा जाता है।
*गणाधिप अरुणवर्ण, एकदन्त, गजमुख, लम्बोदर, अरण-वस्त्र, त्रिपुण्ड्र-तिलक, मूषकवाहन है।
*गणाधिप अरुणवर्ण, एकदन्त, गजमुख, लम्बोदर, अरण-वस्त्र, [[त्रिपुण्ड्र]]-[[तिलक]], मूषकवाहन है।
*गणाधिप देवता माता-पिता दोनों को प्रिय हैं।  
*गणाधिप देवता माता-पिता दोनों को प्रिय हैं।  
*ऋद्धि-सिद्धि गणाधिप की पत्नियाँ हैं।  
*ऋद्धि-सिद्धि गणाधिप की पत्नियाँ हैं।  
Line 12: Line 12:
#[[विघ्नराज]]
#[[विघ्नराज]]
#[[द्वैमातुर]]
#[[द्वैमातुर]]
#[[गणाधिप]]
#[[विनायक (गणेश)|विनायक]]
#[[एकदन्त]]
#[[एकदन्त]]
#[[हेरम्ब]]
#[[हेरम्ब]]
Line 28: Line 28:
#[[रक्तवर्ण]]
#[[रक्तवर्ण]]
#[[शूर्पकर्ण]]
#[[शूर्पकर्ण]]
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=
|आधार=
Line 36: Line 37:
}}
}}


==सम्बंधित लिंक==
==संबंधित लेख==
{{हिन्दू देवी देवता और अवतार}}
{{हिन्दू देवी देवता और अवतार}}
{{शिव2}}
{{शिव2}}
{{शिव}}
{{शिव}}
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:गणेश]]
[[Category:हिन्दू भगवान अवतार]]
[[Category:पर्यायवाची कोश]]
[[Category:हिन्दू_देवी-देवता]]
[[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
 
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:56, 20 December 2012

thumb|250px|गणेश
Ganesha

  • शिव और पार्वती पुत्र भगवान गणेश का ही नाम गणाधिप है।
  • गणाधिप भगवान शंकर के गणों के मुख्य अधिपति हैं। इसलिए गणेशजी को गणाधिप भी कहा जाता है।
  • गणाधिप अरुणवर्ण, एकदन्त, गजमुख, लम्बोदर, अरण-वस्त्र, त्रिपुण्ड्र-तिलक, मूषकवाहन है।
  • गणाधिप देवता माता-पिता दोनों को प्रिय हैं।
  • ऋद्धि-सिद्धि गणाधिप की पत्नियाँ हैं।
  • ब्रह्मा जी जब 'देवताओं में कौन प्रथम पूज्य हो' इसका निर्णय करने लगे, तब पृथ्वी-प्रदक्षिणा ही शक्ति का निदर्शन मानी गयी। गणेश जी का मूषक कैसे सबसे आगे दौड़े। उन्होंने देवर्षि के उपदेश से भूमि पर 'राम' नाम लिखा और उसकी प्रदक्षिणा कर ली। पुराणान्तर के अनुसार भगवान शंकर और पार्वती जी की प्रदक्षिणा की। गणाधिप दोनों प्रकार सम्पूर्ण भुवनों की प्रदक्षिणा कर चुके थे। सबसे पहले पहुँचे थे। भगवान ब्रह्मा ने उन्हें प्रथम पूज्य बनाया। प्रत्येक कर्म में उनकी प्रथम पूजा होती है।
  • गणाधिप की प्रथम पूजा न हो तो कर्म के निर्विघ्न पूर्ण होने की आशा कम ही रहती है।

भगवान गणेश के अन्य नाम

अन्य सम्बंधित लेख


  1. विघ्नराज
  2. द्वैमातुर
  3. विनायक
  4. एकदन्त
  5. हेरम्ब
  6. लम्बोदर
  7. गजानन
  8. सुमुख
  9. कपिल
  10. गजकर्णक
  11. विकट
  12. विघ्ननाशक
  13. धूम्रकेतु
  14. गणाध्यक्ष
  15. भालचन्द्र
  16. गांगेय
  17. रक्तवर्ण
  18. शूर्पकर्ण


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख