ब्रह्मर्षि देश: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:41, 18 September 2014
ब्रह्मर्षि देश ऋषियों या संतों की भूमि को कहा गया है। ऐतिहासिक तौर पर यह संस्कृत शब्द है, जिसका प्रयोग सरहिन्द के पूर्व में दक्षिण में स्थित मथुरा तक पूरे गंगा और यमुना नदियों के मध्यवर्ती मैदानी क्षेत्र के लिए किया जाता था।[1]
- इस क्षेत्र में पांडवों की राजधानी 'इंद्रप्रस्थ' (वर्तमान दिल्ली) और कौरवों व पांडवों के बीच हुए महाभारत का रणक्षेत्र 'कुरुक्षेत्र' शामिल है।
- इसमें सिंधु से सरस्वती तक सात नदियाँ और सरहिन्द नगर शामिल थे।
- ब्रह्मर्षि देश 1000 ई. पू. से पहले बसा हुआ था और वेदों पर ब्राह्मणों की टीकाओं और उपनिषदों पर टिप्पणियों से संबंधित है।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत ज्ञानकोश, खण्ड-4 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 98 |