क़ुतुब मीनार: Difference between revisions

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Revision as of 13:21, 1 August 2011

[[चित्र:Qutub-Minar-Delhi.jpg|thumb|क़ुतुब मीनार, दिल्ली
Qutub Minar, Delhi]]

  • लालकोट स्मारक के ऊपर बहुत ऊँची यह मीनार दिल्ली के सर्वाधिक प्रसिद्ध स्थलों में से एक है।
  • दिल्ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है।
  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 में क़ुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया था और उसके दामाद एवं उत्तराधिकारी शमशुद्दीन इल्तुतमिश ने 1368 में इसे पूरा कराया।
  • इस इमारत का नाम ख़्वाजा क़ुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया।
  • ऐसा माना जाता है कि क़ुतुब मीनार का प्रयोग पास बनी मस्जिद की मीनार के रूप में होता था और यहाँ से अजान दी जाती थी।
  • लाल और हल्के पीले पत्थर से बनी इस इमारत पर क़ुरान की आयतें लिखी हैं।
  • मूल रूप से क़ुतुबमीनार सात मंजिल का था लेकिन अब यह पाँच मंजिल का ही रह गया है।
  • क़ुतुब मीनार की कुल ऊँचाई 72.5 मीटर है और इसमें 379 सीढ़ियाँ हैं। समय-समय पर इसकी मरम्मत भी हुई है।
  • इसकी दीवारों पर जिन बादशाहों ने इसकी मरम्मत कराई उनका उल्लेख मिलता है।
  • क़ुतुब मीनार परिसर में और भी कई इमारते हैं। भारत की पहली कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, अलई दरवाज़ा और इल्तुतमिश का मक़बरा भी यहाँ बना हुआ है।
  • मस्जिद के पास ही चौथी शताब्दी में बना लौहस्तंभ भी है जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है।
  • पाँच मंज़िला इस इमारत की तीन मंज़िलें लाल पत्थरों से एवं दो मंज़िलें संगमरमर एवं लाल पत्थर से निर्मित हैं। प्रत्येक मंज़िल के आगे बालकॉनी होने से भली-भाँति दिखाई देती है।
  • मीनार में देवनागरी भाषा के शिलालेख के अनुसार यह मीनार 1326 में क्षतिग्रस्त हो गई थी और इसे मुहम्मद बिन तुग़लक़ ने ठीक करवाया था।
  • इसके बाद में 1368 में फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ने इसकी ऊपरी मंज़िल को हटाकर इसमें दो मंज़िलें और जुड़वा दीं। इसके पास सुल्तान इल्तुतमिश, अलाउद्दीन ख़िलज़ी, बलबनअकबर की धाय माँ के पुत्र अधम ख़ाँ के मक़बरे स्थित हैं।


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