खैंची लबों ने आह -अना क़ासमी: Difference between revisions

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Latest revision as of 12:46, 21 February 2017

खैंची लबों ने आह -अना क़ासमी
जन्म 28 फरवरी, 1966
जन्म स्थान छतरपुर, मध्य प्रदेश
मुख्य रचनाएँ हवाओं के साज़ पर (ग़ज़ल संग्रह), मीठी सी चुभन (ग़ज़ल संग्रह),
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अना क़ासमी की रचनाएँ

खैंची लबों ने आह कि सीने पे आया हाथ ।
बस पर सवार दूर से उसने हिलाया हाथ ।

महफ़िल में यूँ भी बारहा उसने मिलाया हाथ ।
लहजा था ना-शनास[1] मगर मुस्कुराया हाथ ।

फूलों में उसकी साँस की आहट सुनाई दी,
बादे सबा[2] ने चुपके से आकर दबाया हाथ ।

यूँ ज़िन्दगी से मेरे मरासिम[3] हैं आज कल,
हाथों में जैसे थाम ले कोई पराया हाथ ।

मैं था ख़मोश जब तो ज़बाँ सबके पास थी,
अब सब हैं लाजवाब तो मैंने उठाया हाथ ।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अपरिचित
  2. सुबह की ख़ुशबूदार हवा
  3. तअल्लुक़ात

बाहरी कड़ियाँ

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