मणिरत्नम: Difference between revisions

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==पुरस्कार व सम्मान==
==पुरस्कार व सम्मान==
*मणिरत्नम को अब तक छः राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
*मणिरत्नम को अब तक छह राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
*वर्ष [[2002]] में उन्हें [[भारत सरकार]] का चौथा सर्वोच्च पुरस्कार '[[पद्मश्री]]' दिया गया।
*वर्ष [[2002]] में उन्हें [[भारत सरकार]] का चौथा सर्वोच्च पुरस्कार '[[पद्मश्री]]' दिया गया।
*इसके अतिरिक्त मणिरत्नम ने अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में भी कई पुरस्कार अपनी झोली में डाले हैं।
*इसके अतिरिक्त मणिरत्नम ने अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में भी कई पुरस्कार अपनी झोली में डाले हैं।

Latest revision as of 10:13, 9 February 2021

मणिरत्नम
पूरा नाम गोपाल रत्नम सुब्रमण्यम
जन्म 2 जून, 1955
जन्म भूमि मदुरई, तमिलनाडु
अभिभावक पिता- रत्नम अय्यर
पति/पत्नी सुहासनी मणिरत्नम
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र तमिल तथा हिन्दी सिनेमा
मुख्य फ़िल्में 'नायकम', 'गीतांजली', 'रोजा', 'बॉम्बे', 'दिल से', 'साथिया' तथा 'युवा' आदि।
शिक्षा कॉमर्स स्नातक तथा एमबीए
विद्यालय मद्रास विश्वविद्यालय, 'जमना लाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडी'।
पुरस्कार-उपाधि 'राष्ट्रीय पुरस्कार' (छ:), 'पद्मश्री' (2002) आदि।
प्रसिद्धि फ़िल्म निर्माता-निर्देशक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी फिल्में बनाने से पहले मणिरत्नम फिल्म सहायक के तौर पर भी काम कर चुके थे। फिल्म निर्देशक के रूप में उनकी पहली फिल्म कन्नड़ में 'पल्लवी अनु पल्लवी' थी, जिसमें अभिनेता अनिल कपूर और लक्ष्मी ने काम किया था।

मणिरत्नम (अंग्रेज़ी: Mani Ratnam, जन्म- 2 जून, 1955, मदुरई, तमिलनाडु) भारत के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशकों में से एक हैं। वे तमिल तथा हिन्दी दोनों भाषाओं के ख्यातिप्राप्त फ़िल्म निर्माता हैं। जिस तरह नए लोगों के लिए फिल्मों में काम करना एक बड़ा सपना होता है, उसी तरह एक स्थापित अभिनेता और अभिनेत्री का सपना होता है कि वह चोटी के निर्देशक के साथ काम करे ताकि उसके कॅरियर को और अधिक प्रोत्साहन मिल सके। मणिरत्नम भी एक ऐसे निर्देशक हैं, जिनकी फिल्मों में काम करके फिल्म कलाकार अपने आप को भाग्यशाली समझता है। वे एक ऐसे निर्देशक हैं, जिन्होंने अपनी उम्दा फिल्मों के चलते भारतीय फिल्म उद्योग को विश्व में पहचान दिलाई।

जन्म

मणिरत्नम का जन्म तमिलनाडु के मदुरई में 2 जून, सन 1955 को हुआ था। जब उनका जन्म हुआ, तब उन्हें गोपाल रत्नम सुब्रमण्यम के नाम से जाना जाता था। मणिरत्नम पर उनके पिता का प्रभाव साफ तौर पर देखा जा सकता है। उनके पिता रत्नम अय्यर एक फिल्म निर्माता थे, जो 'वीनस पिक्चर' जैसी बड़ी प्रोडक्शन कंपनी के साथ काम कर चुके थे।[1]

शिक्षा

मणिरत्नम ने स्कूली शिक्षा चेन्नई में रहकर पूरी की। उन्होंने 'मद्रास विश्वविद्यालय' से कॉमर्स क्षेत्र में स्नातक की उपाधि हासिल की। फिल्म बनाने से पहले उन्होंने 'जमना लाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडी' से एमबीए करके मैनेजमेंट कंसल्टेंट का काम किया। फिल्मों को वास्तविकता से रूबरू कराने वाले मणिरत्नम के दो भाई थे और दोनों ही फिल्म निर्माता थे, लेकिन किसी दुर्घटना की वजह से उनके दोनों भाई इस दुनिया में नहीं रहे। मणिरत्नम का विवाह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुहासनी से 1988 में हुआ। सुहासनी प्रख्यात अभिनेता कमल हसन की भतीजी और चारु हासन की बेटी हैं।

फिल्मी कॅरियर

फिल्में बनाने से पहले मणिरत्नम फिल्म सहायक के तौर पर भी काम कर चुके थे। फिल्म निर्देशक के रूप में उनकी पहली फिल्म कन्नड़ में 'पल्लवी अनु पल्लवी' थी, जिसमें अभिनेता अनिल कपूर और लक्ष्मी ने काम किया। इसके बाद मणिरत्नम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और दक्षिण की तमाम भाषाओं में फिल्में बनाई। लेकिन मणिरत्नम को लोकप्रियता 'मौना रागम' से मिली। यह फिल्म नव विवाहित जोड़े को लेकर बनाई गई थी, जिसे लोगों ने भी पसंद किया था। मणिरत्नम के लिए 1989 में बनाई गई ‘गीताजंली’ मील का पत्थर साबित हुई। यह व्यावसायिक रूप से बहुत ही सफल रही। इस फिल्म के लिए उन्हें 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' भी प्रदान किया गया।

मणिरत्नम जिस तरह से दक्षिण के एक विख्यात निर्देशक हैं, उसी तरह से वह बॉलीवुड के जाने माने फ़िल्मकार भी हैं। हिन्दी फिल्मों में उन्होंने 'टेरोरिज्म ट्राइलॉजी', 'रोजा' (1992), 'बॉम्बे' (1995), 'दिल से' (1998) जैसी फिल्में दीं, जो पूरी तरह से आतंकवाद के ऊपर आधारित थीं। 'नायकन' मणिरत्नम की एक ऐसी फिल्म है, जिसे विदेशों में भी काफ़ी सराहा गया। टाइम पत्रिका ने वर्ष 2005 में पहली बार सर्वकालिक 100 महान् फिल्मों की सूची जारी की थी। इसमें मणिरत्नम की 'नायकन', सत्यजीत राय की 'द अपु ट्राइलॉजी' और गुरुदत्त की 'प्यासा' को जगह मिली थी।[1]

रहमान के साथ जुगलबंदी

फिल्म इंडस्ट्री में ए. आर. रहमान और मणिरत्नम की जुगलबंदी मशहूर है। मणिरत्नम की अधिकतर लोकप्रिय फिल्मों को ए. आर. रहमान ने अपने संगीत से सजाया है, जिसमें शामिल हैं- 'रोजा', 'बॉम्बे', 'दिल से', 'गुरु' आदि। इनके फिल्म के संगीत इतने लोकप्रिय हैं, जिसे आज भी लोग गुनगुनाते हैं।

पुरस्कार व सम्मान

  • मणिरत्नम को अब तक छह राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
  • वर्ष 2002 में उन्हें भारत सरकार का चौथा सर्वोच्च पुरस्कार 'पद्मश्री' दिया गया।
  • इसके अतिरिक्त मणिरत्नम ने अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में भी कई पुरस्कार अपनी झोली में डाले हैं।

प्रमुख फ़िल्में

मणिरत्नम की कुछ महत्त्वपूर्ण फ़िल्मों के नाम निम्नलिखित हैं[1]-

मणिरत्नम की प्रमुख फ़िल्में
क्र.सं. फ़िल्म वर्ष
1. नायकम 1987
2. गीतांजली 1989
3. रोजा 1992
4. बॉम्बे 1995
5. दिल से 1998
6. साथिया 2002
7. युवा 2004
8. गुरु 2007
9. रावन 2010


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 फिल्मों में गहरी छाप छोड़ने वाले मणिरत्नम (हिन्दी) जागरण जंक्शन। अभिगमन तिथि: 25 मई, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

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