कुरिआकोसी इलिआस चावारा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=Kuriakose-Elias-Chavara.jpg
|चित्र का नाम=कुरिआकोसी इलिआस चावारा
|पूरा नाम=कुरिआकोसी इलिआस चावारा
|अन्य नाम=
|जन्म=[[10 फ़रवरी]], 1805
|जन्म भूमि=[[अलप्पुझा]], [[केरल]]
|मृत्यु=[[3 जनवरी]], [[1871]]
|मृत्यु स्थान=[[कोचीन]]
|अविभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|गुरु=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|खोज=
|भाषा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=संत तथा समाज सुधारक
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी=कुरिआकोसी इलिआस चावारा चावारा ने न केवल कैथॉलिक ईसाइयों बल्कि दूसरे समुदायों के वंचित तबकों की शिक्षा के लिए काफ़ी काम किया।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''कुरिआकोसी इलिआस चावारा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kuriakose Elias Chavara'' ; जन्म- [[10 फ़रवरी]], 1805, [[अलप्पुझा]], [[केरल]]; मृत्यु- [[3 जनवरी]], [[1871]], [[कोचीन]]) [[केरल]] के सीरियन कैथॉलिक संत तथा समाज सुधारक थे। [[23 नवम्बर]], [[2014]] को पोप फ़्राँसिस ने सेंट पीटर स्क्वायर पर उन्हें मरणोपरान्त संत की उपाधि दी।
'''कुरिआकोसी इलिआस चावारा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kuriakose Elias Chavara'' ; जन्म- [[10 फ़रवरी]], 1805, [[अलप्पुझा]], [[केरल]]; मृत्यु- [[3 जनवरी]], [[1871]], [[कोचीन]]) [[केरल]] के सीरियन कैथॉलिक संत तथा समाज सुधारक थे। [[23 नवम्बर]], [[2014]] को पोप फ़्राँसिस ने सेंट पीटर स्क्वायर पर उन्हें मरणोपरान्त संत की उपाधि दी।



Revision as of 10:57, 26 November 2014

कुरिआकोसी इलिआस चावारा
पूरा नाम कुरिआकोसी इलिआस चावारा
जन्म 10 फ़रवरी, 1805
जन्म भूमि अलप्पुझा, केरल
मृत्यु 3 जनवरी, 1871
मृत्यु स्थान कोचीन
कर्म भूमि भारत
प्रसिद्धि संत तथा समाज सुधारक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी कुरिआकोसी इलिआस चावारा चावारा ने न केवल कैथॉलिक ईसाइयों बल्कि दूसरे समुदायों के वंचित तबकों की शिक्षा के लिए काफ़ी काम किया।

कुरिआकोसी इलिआस चावारा (अंग्रेज़ी: Kuriakose Elias Chavara ; जन्म- 10 फ़रवरी, 1805, अलप्पुझा, केरल; मृत्यु- 3 जनवरी, 1871, कोचीन) केरल के सीरियन कैथॉलिक संत तथा समाज सुधारक थे। 23 नवम्बर, 2014 को पोप फ़्राँसिस ने सेंट पीटर स्क्वायर पर उन्हें मरणोपरान्त संत की उपाधि दी।

  • कुरिआकोसी इलिआस चावारा का जन्म केरल के अलप्पुझा ज़िले में 10 फ़रवरी, 1805 ई. में एक साधारण परिवार में हुआ था।
  • उन्होंने न केवल कैथॉलिक ईसाइयों बल्कि दूसरे समुदायों के वंचित तबकों की शिक्षा के लिए काफ़ी काम किया।
  • दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने सबसे पहले एक संस्कृत विद्यालय की स्थापना की थी।
  • फ़ादर कुरिआकोसी इलिआस चावारा को 'संत' घोषित करने की प्रक्रिया वर्ष 1984 में शुरू हुई थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख