सुलोचना चव्हाण: Difference between revisions

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#कासा के पाटिल बारा हे का?
#कासा के पाटिल बारा हे का?


*सुलोचना चव्हाण ने [[हिंदी]] फिल्म और एल्बम गाने भी रिकॉर्ड किए हैं। उनके प्रसिद्ध हिंदी गीतों में 'छोरी चोरी आग सी दिल में लगाके', 'उल्फत जिसे कहते हैं। जीने का सहारा है', 'मौसम आया है रंगें', 'वो आए हैं' शामिल हैं।
*सुलोचना चव्हाण ने [[हिंदी फिल्म]] और एल्बम गाने भी रिकॉर्ड किए हैं। उनके प्रसिद्ध हिंदी गीतों में 'छोरी चोरी आग सी दिल में लगाके', 'उल्फत जिसे कहते हैं। जीने का सहारा है', 'मौसम आया है रंगें', 'वो आए हैं' शामिल हैं।
*[[मार्च 2022]] में सुलोचना चव्हाण को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया है।  
*[[मार्च 2022]] में सुलोचना चव्हाण को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया है।  
*कला शैली में उनके गायन योगदान के लिए उन्हें "लवणी सम्राज्ञी" (लावणी की रानी) की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है। यह उपाधि उल्लेखनीय मराठी साहित्यकार प्रल्हाद केशव अत्रे द्वारा प्रदान की गई है।
*कला शैली में उनके गायन योगदान के लिए उन्हें "लवणी सम्राज्ञी" (लावणी की रानी) की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है। यह उपाधि उल्लेखनीय मराठी साहित्यकार प्रल्हाद केशव अत्रे द्वारा प्रदान की गई है।

Latest revision as of 06:57, 5 July 2022

सुलोचना चव्हाण
पूरा नाम सुलोचना चव्हाण
अन्य नाम सुलोचना कदम
जन्म 17 मार्च, 1933
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र लोक गायिका
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 2022

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2012
लता मंगेशकर पुरस्कार, 2010

प्रसिद्धि मराठी लावणी गायिका
नागरिकता भारतीय
अद्यतन‎

सुलोचना चव्हाण (अंग्रेज़ी: Sulochana Chavan, जन्म- 17 मार्च, 1933) भारतीय लोक गायिका हैं, जो मराठी में अपनी लावणियों के लिए जानी जाती हैं। भारत सरकार ने उन्हें साल 2022 में पद्म श्री से सम्मानित किया है।


  • उनकी प्रसिद्ध लावणियों में शामिल हैं-
  1. तुझ्या उसला लागल कोल्हा
  2. पदरावती जरतारिचा
  3. सोलावा वारिस धोक्याचा
  4. कासा के पाटिल बारा हे का?
  • सुलोचना चव्हाण ने हिंदी फिल्म और एल्बम गाने भी रिकॉर्ड किए हैं। उनके प्रसिद्ध हिंदी गीतों में 'छोरी चोरी आग सी दिल में लगाके', 'उल्फत जिसे कहते हैं। जीने का सहारा है', 'मौसम आया है रंगें', 'वो आए हैं' शामिल हैं।
  • मार्च 2022 में सुलोचना चव्हाण को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
  • कला शैली में उनके गायन योगदान के लिए उन्हें "लवणी सम्राज्ञी" (लावणी की रानी) की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है। यह उपाधि उल्लेखनीय मराठी साहित्यकार प्रल्हाद केशव अत्रे द्वारा प्रदान की गई है।
  • उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्थापित वर्ष 2010 के लिए लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • साल 2012 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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