तद्भव

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:32, 8 December 2013 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) ('संस्कृत के जो शब्द [[प्राकृत भाषा|प्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

संस्कृत के जो शब्द प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी आदि से गुजरने के कारण आज परिवर्तित रूप में मिलते हैं, वे तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे-

क्रम संख्या संस्कृत प्राकृत हिन्दी
1. उज्ज्वल उज्जवल उजला
2. कर्पूर कप्पूर कपूर
3. संध्या संझा साँझ
4. हस्त हत्थ हाथ
  • 'तद्भव' (तत् + भव) शब्द का अर्थ है- 'उससे होना' अर्थात संस्कृत शब्दों से विकृत होकर (परिवर्तित होकर) बने शब्द।
  • हिन्दी में अनेक शब्द ऐसे हैं, जो निकले तो संस्कृत से ही हैं, किंतु प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी से गुजरने के कारण बहुत बदल गए हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः