कम लोग हैं जो सच्ची इबादत में लगे हैं ऐसे तो बहुत हैं कि जो आदत में लगे हैं वो लोग जो मज़हब की सियासत में लगे हैं जाहिल हैं फ़क़त अपनी जहालत में लगे हैं कुछ दिन से परीशान है जन्नत का दरोग़ा कुछ मौलवी हूरों की तिजारत में लगे हैं इंसां को ज़रा अक्ल मिली क्या कि है बाग़ी बाक़ी तो सभी उसकी इताअत में लगे हैं लगता है कि इक खेल खिलौना है ये दुनिया बच्चों की तरह लोग शरारत में लगे हैं मौजूदा हुकूमत से परेशान बहुत थे अब दूसरे ज़ालिम की हिमायत में लगे हैं अब फै़सला सुनते हैं कि महशर में मिलेगा मुद्दत से कई केस अदालत में लगे हैं हमको भी तो आता है हुनर तेग़ज़नी [1] का ये ज़ख़्म तो बस यूं ही शराफ़त में लगे हैं ये लोग मिरे देश के बनते हैं मुहाफ़िज़ [2] सौ लोग तो ख़ुद इनकी हिफ़ाज़त में लगे हैं