कुरिआकोसी इलिआस चावारा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 04:58, 29 May 2015 by आदित्य चौधरी (talk | contribs) (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक")
Jump to navigation Jump to search
कुरिआकोसी इलिआस चावारा
पूरा नाम कुरिआकोसी इलिआस चावारा
जन्म 10 फ़रवरी, 1805
जन्म भूमि अलप्पुझा, केरल
मृत्यु 3 जनवरी, 1871
मृत्यु स्थान कोचीन
कर्म भूमि भारत
प्रसिद्धि संत तथा समाज सुधारक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी कुरिआकोसी इलिआस चावारा चावारा ने न केवल कैथॉलिक ईसाइयों बल्कि दूसरे समुदायों के वंचित तबकों की शिक्षा के लिए काफ़ी काम किया।

कुरिआकोसी इलिआस चावारा (अंग्रेज़ी: Kuriakose Elias Chavara ; जन्म- 10 फ़रवरी, 1805, अलप्पुझा, केरल; मृत्यु- 3 जनवरी, 1871, कोचीन) केरल के सीरियन कैथॉलिक संत तथा समाज सुधारक थे। 23 नवम्बर, 2014 को पोप फ़्राँसिस ने सेंट पीटर स्क्वायर पर उन्हें मरणोपरान्त संत की उपाधि दी।

  • कुरिआकोसी इलिआस चावारा का जन्म केरल के अलप्पुझा ज़िले में 10 फ़रवरी, 1805 ई. में एक साधारण परिवार में हुआ था।
  • उन्होंने न केवल कैथॉलिक ईसाइयों बल्कि दूसरे समुदायों के वंचित तबकों की शिक्षा के लिए काफ़ी काम किया।
  • दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने सबसे पहले एक संस्कृत विद्यालय की स्थापना की थी।
  • फ़ादर कुरिआकोसी इलिआस चावारा को 'संत' घोषित करने की प्रक्रिया वर्ष 1984 में शुरू हुई थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः