Difference between revisions of "सकहा शंकर मंदिर"

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[[चित्र:Sakaha.jpg|सकहा शंकर मंदिर हरदोई |thumb|250px]]
 
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'''सकहा शंकर मंदिर''' [[उत्तर प्रदेश]] के [[हरदोई]] जनपद मुख्यालय से लगभग पच्चीस तीस किलोमीटर दूर सकहा नामक स्थान में स्थित है।  
 
'''सकहा शंकर मंदिर''' [[उत्तर प्रदेश]] के [[हरदोई]] जनपद मुख्यालय से लगभग पच्चीस तीस किलोमीटर दूर सकहा नामक स्थान में स्थित है।  
*जिसका पुराना नाम सोनिकपुर था तथा यहां पर [[शंकासुर]] नामक दैत्य रहा करता था जो हरदोई के शासक [[हिरण्यकशिपु]] का सहयोगी था।  
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*जिसका पुराना नाम सोनिकपुर था तथा यहां पर शंकासुर नामक दैत्य रहा करता था जो हरदोई के शासक [[हिरण्यकशिपु]] का सहयोगी था।  
*भक्त प्रहलाद के आह्वाहन पर जब भगवान ने नरसिंह रूप धारण कर हिरण्याकश्यप का वध किया तो शंकासुर भी ने भी यह स्थान छोड दिया। इस स्थान पर शिवलिंगों की एक पिरामिड जैसी आकृति उभर आयी जिस पर भगवान शंकर का मंदिर स्थापित हुआ ।
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*भक्त [[प्रह्लाद]] के आह्वान पर जब भगवान ने नरसिंह रूप धारण कर हिरण्यकशिपु का वध किया तो शंकासुर भी ने भी यह स्थान छोड दिया। इस स्थान पर [[शिवलिंग|शिवलिंगों]] की एक पिरामिड जैसी आकृति उभर आयी जिस पर भगवान शंकर का मंदिर स्थापित हुआ।
 
[[चित्र:2013-01-12_14.40.03.jpg|सकहा स्थित शंकर जी का लिंग शीर्ष|thumb|left]]
 
[[चित्र:2013-01-12_14.40.03.jpg|सकहा स्थित शंकर जी का लिंग शीर्ष|thumb|left]]
 
*यह एक प्राचीन मंदिर था जिसका जीर्णोधार लगभग सत्तर वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में तैनात रहे कोतवाल द्वारा कराया गया था।
 
*यह एक प्राचीन मंदिर था जिसका जीर्णोधार लगभग सत्तर वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में तैनात रहे कोतवाल द्वारा कराया गया था।
*इसके संबंध में यह भी किंवदंती है कि आजादी से कई वर्ष पूर्व लाला लाहौरीमल नामक एक व्यापारी के पुत्र को फांसी की सजा हुयी थी जिसकी माफी के लिये लाला लाहौरीमल ने यहां दरकार लगायी थी और मनौती पूरी होने के पश्चात उनके द्वारा यहां पर शंकर जी का मंदिर बनवाया गया ।
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*इसके संबंध में यह भी किंवदंती है कि आजादी से कई वर्ष पूर्व लाला लाहौरीमल नामक एक व्यापारी के पुत्र को फाँसी की सजा हुई थी जिसकी माफी के लिये लाला लाहौरीमल ने यहां दरकार लगायी थी और मनौती पूरी होने के पश्चात् उनके द्वारा यहां पर शंकर जी का मंदिर बनवाया गया।
*कालान्तर में यहां पर आवासीय संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना हुयी जो आज भी सुचारू रूप से गतिमान है। वर्तमान में इस मंदिर की व्यवस्था आदि का काम स्थानीय महंत श्री उदयप्रताप गिरि द्वारा देखा जा रहा है।
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*कालान्तर में यहां पर आवासीय संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना हुई जो आज भी सुचारू रूप से गतिमान है। वर्तमान में इस मंदिर की व्यवस्था आदि का काम स्थानीय महंत श्री उदयप्रताप गिरि द्वारा देखा जा रहा है।
==चित्र वीथिका==
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चित्र:Daman.jpg|[[आश्रम]] में भ्रमण करतीं श्रीमती दमन सिंह ([[प्रधानमंत्री]] [[मनमोहन सिंह]] की पुत्री)
 
चित्र:Sashram.jpg|सत्र में भाग लेतीं श्रीमती दमन सिंह
 
चित्र:Prarthana1.jpg|[[गाँधी भवन, हरदोई|गांधी भवन]] परिसर में [[प्रार्थना]]
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==  
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
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*[http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=222 हरदोई]
 
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==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के नगर}}
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{{शिव मंदिर}}
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{{उत्तर प्रदेश के मन्दिर}}{{उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल}}
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Latest revision as of 10:43, 2 January 2018

sakaha shankar mandir haradoee |thumb|250px sakaha shankar mandir uttar pradesh ke haradoee janapad mukhyalay se lagabhag pachchis tis kilomitar door sakaha namak sthan mean sthit hai.

  • jisaka purana nam sonikapur tha tatha yahaan par shankasur namak daity raha karata tha jo haradoee ke shasak hiranyakashipu ka sahayogi tha.
  • bhakt prahlad ke ahvan par jab bhagavan ne narasianh roop dharan kar hiranyakashipu ka vadh kiya to shankasur bhi ne bhi yah sthan chhod diya. is sthan par shivaliangoan ki ek piramid jaisi akriti ubhar ayi jis par bhagavan shankar ka mandir sthapit hua.

sakaha sthit shankar ji ka liang shirsh|thumb|left

  • yah ek prachin mandir tha jisaka jirnodhar lagabhag sattar varsh poorv is kshetr mean tainat rahe kotaval dvara karaya gaya tha.
  • isake sanbandh mean yah bhi kianvadanti hai ki ajadi se kee varsh poorv lala lahaurimal namak ek vyapari ke putr ko phaansi ki saja huee thi jisaki maphi ke liye lala lahaurimal ne yahaan darakar lagayi thi aur manauti poori hone ke pashchath unake dvara yahaan par shankar ji ka mandir banavaya gaya.
  • kalantar mean yahaan par avasiy sanskrit mahavidyalay ki sthapana huee jo aj bhi sucharoo roop se gatiman hai. vartaman mean is mandir ki vyavastha adi ka kam sthaniy mahant shri udayapratap giri dvara dekha ja raha hai.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bahari k diyaan

sanbandhit lekh