रेग्स: Difference between revisions
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*जहाँ केवल बजरी और पत्थर, जिन्हें चर्ट और फ्लिंट कहते हैं, लगभग समतल भू-भाग निर्मित करे और यह पत्थर एक-दूसरे से भली-भांति जुड़े हुए से हों, तब ये रेग्स की रचना करते हैं। | *जहाँ केवल बजरी और पत्थर, जिन्हें चर्ट और फ्लिंट कहते हैं, लगभग समतल भू-भाग निर्मित करे और यह पत्थर एक-दूसरे से भली-भांति जुड़े हुए से हों, तब ये रेग्स की रचना करते हैं। | ||
*रेग्स एक कठोर आवरण के रूप में मरुभूमि की रक्षा करने में सक्षम होते हैं। | *रेग्स एक कठोर आवरण के रूप में मरुभूमि की रक्षा करने में सक्षम होते हैं। |
Latest revision as of 11:27, 14 May 2013
रेग्स से तात्पर्य है, वह रेगिस्तान जिनकी धरती की सतह पर पत्थर जड़े हुए से प्रतीत होते हैं तथा उस सतह के नीचे महीन बालू होती है।
- किसी भी उर्वर और शुष्क भूमि पर, जहाँ मिट्टी का काफ़ी क्षरण हो चुका हो और नीचे की पथरीली सतह वायु के प्रवाह के कारण उभर कर स्पष्ट हो जाए, तब रेग्स का निर्माण होता है।
- जहाँ केवल बजरी और पत्थर, जिन्हें चर्ट और फ्लिंट कहते हैं, लगभग समतल भू-भाग निर्मित करे और यह पत्थर एक-दूसरे से भली-भांति जुड़े हुए से हों, तब ये रेग्स की रचना करते हैं।
- रेग्स एक कठोर आवरण के रूप में मरुभूमि की रक्षा करने में सक्षम होते हैं।
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