दरारी उद्गार

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उद्गार के आधार पर ज्वालामुखी प्रायः दो रूपों में होता है-

  1. केन्द्रीय उद्गार
  2. दरारी उद्गार
दरारी उद्गार

भू-गर्भिक हलचलों से भू-पर्पटी की शैलों में दरारें पड़ जाती हैं। इन दरारों से लावा धरातल पर प्रवाहित होने लगता है, जिसे 'दरारी उद्गार' कहते हैं। यह रचनात्मक प्लेटों के सहारे होता है। इस प्रकार के उद्भेदन से लावा पठार व लावा मैदान निर्मित होते हैं। जैसे- भारत का दक्कन पठार, अमेरिका का कोलम्बिया-स्नैक पठार, ब्राजील का पराना पठार, दक्षिण अफ्रीका का ड्रैकेन्सबर्ग पठार आदि।

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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