Difference between revisions of "स्वामी रामतीर्थ के अनमोल वचन"
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* अगर संसार में तीन करोड़ ईसा, मुहम्मद, बुद्ध या राम जन्म लें तो भी तुम्हारा उद्धार नहीं हो सकता जब तक तुम स्वयं अपने अज्ञान को दूर करने के लिए कटिबद्ध नहीं होते, तब तक तुम्हारा कोई उद्धार नहीं कर सकता, इसलिए दूसरों का भरोसा मत करो। | * अगर संसार में तीन करोड़ ईसा, मुहम्मद, बुद्ध या राम जन्म लें तो भी तुम्हारा उद्धार नहीं हो सकता जब तक तुम स्वयं अपने अज्ञान को दूर करने के लिए कटिबद्ध नहीं होते, तब तक तुम्हारा कोई उद्धार नहीं कर सकता, इसलिए दूसरों का भरोसा मत करो। | ||
* ग़लती से जिनको तुम 'पतित' कहते हो, वे वे हैं जो 'अभी उठे नहीं' हैं। | * ग़लती से जिनको तुम 'पतित' कहते हो, वे वे हैं जो 'अभी उठे नहीं' हैं। | ||
− | * लक्ष्मी पूजा के अनेक रूप हैं। लेकिन | + | * लक्ष्मी पूजा के अनेक रूप हैं। लेकिन ग़रीबों की पेट पूजा करना ही श्रेष्ठ लक्ष्मी पूजन है। इससे आत्मतोष भी होता है। |
* सभी सच्चे काम आराम हैं। | * सभी सच्चे काम आराम हैं। | ||
* अमरत्व को प्राप्त करना अखिल विश्व का स्वामी बनना है। | * अमरत्व को प्राप्त करना अखिल विश्व का स्वामी बनना है। |
Latest revision as of 09:19, 12 April 2018
svami ramatirth ke anamol vachan |
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- REDIRECTsaancha:inhean bhi dekhean
tika tippani aur sandarbh
sanbandhit lekh