अनमोल वचन 9: Difference between revisions
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* इतने मधुर न हों कि लोग आपको निगल लें, इतने कटु भी नहीं कि वे आपको उगल दें। ~ पश्तो की कहावत | * इतने मधुर न हों कि लोग आपको निगल लें, इतने कटु भी नहीं कि वे आपको उगल दें। ~ पश्तो की कहावत | ||
* सम्पत्ति उस व्यक्ति की होती है जो इसका आनन्द लेता है न कि उस व्यक्ति को जो इसे अपने पास रखता है। ~ | * सम्पत्ति उस व्यक्ति की होती है जो इसका आनन्द लेता है न कि उस व्यक्ति को जो इसे अपने पास रखता है। ~ अफ़ग़ानी कहावत | ||
* हमारी पहचान हमेशा हमारे द्वारा छोड़ी गई उपलब्धियों से होती है। ~ अमरीकी कहावत | * हमारी पहचान हमेशा हमारे द्वारा छोड़ी गई उपलब्धियों से होती है। ~ अमरीकी कहावत | ||
* सत्य को जानो, वह तुम्हें मुक्त करेगा। ~ अमरीकी कहावत | * सत्य को जानो, वह तुम्हें मुक्त करेगा। ~ अमरीकी कहावत | ||
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* जो धीरे चलते हैं, वे दूर तक जाते हैं। ~ इटली की कहावत | * जो धीरे चलते हैं, वे दूर तक जाते हैं। ~ इटली की कहावत | ||
* अच्छी हंसी और गहरी नींद डॉक्टरों की किताब में सबसे अच्छा उपचार हैं। ~ आयरिश कहावत | * अच्छी हंसी और गहरी नींद डॉक्टरों की किताब में सबसे अच्छा उपचार हैं। ~ आयरिश कहावत | ||
* अच्छे पत्ते जिसे मिले हों वह कभी नहीं कहेगा कि | * अच्छे पत्ते जिसे मिले हों वह कभी नहीं कहेगा कि ग़लत बांटे हैं। ~ आयरलैंड की कहावत | ||
* जो आपके साथ दूसरों की बातें करते हैं वे आपके बारे में भी बातें करेंगे। ~ आयरलैंड की कहावत | * जो आपके साथ दूसरों की बातें करते हैं वे आपके बारे में भी बातें करेंगे। ~ आयरलैंड की कहावत | ||
* ऐसा व्यक्ति जो अनुशासन के बिना जीवन जीता है वह सम्मान रहित मृत्यु मरता है। ~ आईसलैण्ड की कहावत | * ऐसा व्यक्ति जो अनुशासन के बिना जीवन जीता है वह सम्मान रहित मृत्यु मरता है। ~ आईसलैण्ड की कहावत | ||
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* अगर तुम घर में शान्ति चाहते हो, तो तुम्हें वह करना चाहिए जो गृहिणी चाहती है। ~ डेनिश कहावत | * अगर तुम घर में शान्ति चाहते हो, तो तुम्हें वह करना चाहिए जो गृहिणी चाहती है। ~ डेनिश कहावत | ||
* उस्ताद वह नहीं जो आरंभ करता है, बल्कि वह है जो पूर्ण करता है। ~ स्लोवाकिया की कहावत | * उस्ताद वह नहीं जो आरंभ करता है, बल्कि वह है जो पूर्ण करता है। ~ स्लोवाकिया की कहावत | ||
* जिस | * जिस चीज़ को आप बदल नहीं सकते हैं, आपको उसे अवश्य ही सहन करना चाहिए। ~ स्पेनी कहावत | ||
* अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए समय न निकालने वाला व्यक्ति ऐसे मिस्त्री के समान होता है तो अपने औजारों की ही देखभाल में व्यस्त रहता है ~ स्पेन की कहावत | * अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए समय न निकालने वाला व्यक्ति ऐसे मिस्त्री के समान होता है तो अपने औजारों की ही देखभाल में व्यस्त रहता है ~ स्पेन की कहावत | ||
* सुन्दर नारी या तो मूर्ख होती नहीं या अभिमानी। ~ स्पेनी कहावत | * सुन्दर नारी या तो मूर्ख होती नहीं या अभिमानी। ~ स्पेनी कहावत | ||
* एक छंटाक ख़ून किलो भर दोस्ती से ज़्यादा क़ीमती होता है। ~ स्पेनी कहावत | * एक छंटाक ख़ून किलो भर दोस्ती से ज़्यादा क़ीमती होता है। ~ स्पेनी कहावत | ||
* माल कैसा भी हो हांक हमेशा ऊंची लगानी चाहिए। ~ स्पेनी कहावत | * माल कैसा भी हो हांक हमेशा ऊंची लगानी चाहिए। ~ स्पेनी कहावत | ||
* जो वस्तु हमें पसंद होती है, | * जो वस्तु हमें पसंद होती है, ज़रूरी नहीं कि वह हमें मिल ही जाये,, इसलिए जो मिलता है, उसे ही पसंद कर लिया जाना चाहिए। ~ स्पेनी कहावत | ||
* विचार से कर्म की उत्पत्ति होती है, कर्म से आदत की उत्पत्ति होती है, आदत से चरित्र की उत्पत्ति होती है और चरित्र से आपके प्रारब्ध की उत्पत्ति होती है। ~ बौद्ध कहावत | * विचार से कर्म की उत्पत्ति होती है, कर्म से आदत की उत्पत्ति होती है, आदत से चरित्र की उत्पत्ति होती है और चरित्र से आपके प्रारब्ध की उत्पत्ति होती है। ~ बौद्ध कहावत | ||
* धर्महीन व्यक्ति बिना नकेल वाले घोड़े की तरह होता है। ~ लातिनी कहावत | * धर्महीन व्यक्ति बिना नकेल वाले घोड़े की तरह होता है। ~ लातिनी कहावत | ||
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* विवाह एक ढका हुआ पकवान है। ~ स्विस कहावत | * विवाह एक ढका हुआ पकवान है। ~ स्विस कहावत | ||
* बांट लेने से सुख दूना होता है और दु:ख आधा। ~ स्वीडन की कहावत | * बांट लेने से सुख दूना होता है और दु:ख आधा। ~ स्वीडन की कहावत | ||
* साझा की गई खुशी दुगनी खुशी होती है; साझा किया गया | * साझा की गई खुशी दुगनी खुशी होती है; साझा किया गया दु:ख आधा होता है। ~ स्वीडन की कहावत | ||
* शरीर के मामले में जो स्थान साबुन का है, वही आत्मा के संदर्भ में आंसू का। ~ यहूदी कहावत | * शरीर के मामले में जो स्थान साबुन का है, वही आत्मा के संदर्भ में आंसू का। ~ यहूदी कहावत | ||
* समझदार व्यक्ति एक शब्द सुनता हैं और दो शब्द समझता हैं। ~ यहुदी कहावत | * समझदार व्यक्ति एक शब्द सुनता हैं और दो शब्द समझता हैं। ~ यहुदी कहावत | ||
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* रईस जहां मौजूद होते हैं वहां की हवा की खुशबू बदल जाती है। ~ चीनी कहावत | * रईस जहां मौजूद होते हैं वहां की हवा की खुशबू बदल जाती है। ~ चीनी कहावत | ||
* यदि आप ग़ुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दुःख के सौ दिन से बच जाएंगे। ~ चीनी कहावत | * यदि आप ग़ुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दुःख के सौ दिन से बच जाएंगे। ~ चीनी कहावत | ||
* ऐसा छात्र जो प्रश्न पूछता है, वह पांच मिनट के लिए मूर्ख रहता है, लेकिन जो पूछता ही नहीं है वह | * ऐसा छात्र जो प्रश्न पूछता है, वह पांच मिनट के लिए मूर्ख रहता है, लेकिन जो पूछता ही नहीं है वह ज़िंदगी भर मूर्ख ही रहता है। ~ चीनी कहावत | ||
* अच्छा क्या है, इसे सीखने के लिए एक हज़ार दिन भी अपर्याप्त हैं; लेकिन बुरा क्या है, यह सीखने के लिए एक घंटा भी ज़्यादा है। ~ चीनी कहावत | * अच्छा क्या है, इसे सीखने के लिए एक हज़ार दिन भी अपर्याप्त हैं; लेकिन बुरा क्या है, यह सीखने के लिए एक घंटा भी ज़्यादा है। ~ चीनी कहावत | ||
* उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं। संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। ~ चीनी कहावत | * उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं। संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। ~ चीनी कहावत | ||
* हजारों मील की यात्रा भी प्रथम चरण से ही आरम्भ होती है। ~ चीनी कहावत | * हजारों मील की यात्रा भी प्रथम चरण से ही आरम्भ होती है। ~ चीनी कहावत | ||
* सबसे बड़ी यात्रा एक अकेले | * सबसे बड़ी यात्रा एक अकेले क़दम से शुरू होती है। ~ चीनी कहावत | ||
* हज़ार मील की यात्रा एक छोटे | * हज़ार मील की यात्रा एक छोटे क़दम से शुरू होती है। ~ चीनी कहावत | ||
* लंबे से लंबे सफर की शुरुआत एक छोटे से | * लंबे से लंबे सफर की शुरुआत एक छोटे से क़दम से होती है। ~ चीनी कहावत | ||
* सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने की | * सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने की शुरुआत एक छोटे से क़दम से होती है। ~ चीनी कहावत | ||
* आहिस्ता चलने से नहीं, सिर्फ चुपचाप खड़े रहने से डर। ~ चीनी कहावत | * आहिस्ता चलने से नहीं, सिर्फ चुपचाप खड़े रहने से डर। ~ चीनी कहावत | ||
* आप अपने पास दुखों को आने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन आप उन दुखों से घबराएं नहीं, ऐसा तो आप कर सकते हैं। ~ चीनी कहावत | * आप अपने पास दुखों को आने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन आप उन दुखों से घबराएं नहीं, ऐसा तो आप कर सकते हैं। ~ चीनी कहावत | ||
* मोती समुद्र के किनारे पर नहीं मिलते अगर आपको मोती पाना हैं तो आपके समुद्र में गोता लगाना होगा। ~ चीनी कहावत | * मोती समुद्र के किनारे पर नहीं मिलते अगर आपको मोती पाना हैं तो आपके समुद्र में गोता लगाना होगा। ~ चीनी कहावत | ||
* गज में | * गज में क़ब्ज़ा करने से बेहतर है इंच में क़ब्ज़ा करना। ~ चीनी कहावत | ||
* दूल्हे के लायक़ है, उसके हाथ की ताकत। ~ चीनी कहावत | * दूल्हे के लायक़ है, उसके हाथ की ताकत। ~ चीनी कहावत | ||
* अगर तुम्हारे पास दो रुपये हो तो एक से रोटी ख़रीदो, दूसरे से फूल। रोटी तुम्हे | * अगर तुम्हारे पास दो रुपये हो तो एक से रोटी ख़रीदो, दूसरे से फूल। रोटी तुम्हे ज़िन्दगी देगी और फूल तुम्हे जीने की कला सिखाएगा। ~ चीनी कहावत | ||
* अपने दूर रहने वाले रिश्तेदारों से अधिक महत्व अपने पड़ोसियों को दीजिए। ~ चीनी कहावत | * अपने दूर रहने वाले रिश्तेदारों से अधिक महत्व अपने पड़ोसियों को दीजिए। ~ चीनी कहावत | ||
* केवल बातों से चांवल पकते नहीं। ~ चीनी कहावत | * केवल बातों से चांवल पकते नहीं। ~ चीनी कहावत | ||
* यदि कोई व्यक्ति अच्छा जीवन जीता है तो वह भारत में पुनर्जन्म लेगा। ~ चीनी कहावत | * यदि कोई व्यक्ति अच्छा जीवन जीता है तो वह भारत में पुनर्जन्म लेगा। ~ चीनी कहावत | ||
* यदि आपको एक दिन की खुशी चाहिए, तो एक घंटा ज़्यादा सोएं। यदि एक हफ्ते की खुशी चाहिए, तो एक दिन पिकनिक पर अवश्य जाएं। यदि एक माह की खुशी चाहिए, तो अपने लोगों से मिलें। यदि एक साल के लिए खुशियां चाहिए, तो शादी कर लें और | * यदि आपको एक दिन की खुशी चाहिए, तो एक घंटा ज़्यादा सोएं। यदि एक हफ्ते की खुशी चाहिए, तो एक दिन पिकनिक पर अवश्य जाएं। यदि एक माह की खुशी चाहिए, तो अपने लोगों से मिलें। यदि एक साल के लिए खुशियां चाहिए, तो शादी कर लें और ज़िंदगी भर की खुशियां चाहिए तो किसी अनजान व्यक्ति की सहायता करें। ~ चीनी कहावत | ||
* इंसान बूढ़ा होता है और मोती पीले पड़ते जाते हैं, इनसे बचने का कोई उपाय नहीं है। लेकिन इन परिस्थितियों के लिए तैयारी करने के उपाय तो हैं। ~ चीनी कहावत | * इंसान बूढ़ा होता है और मोती पीले पड़ते जाते हैं, इनसे बचने का कोई उपाय नहीं है। लेकिन इन परिस्थितियों के लिए तैयारी करने के उपाय तो हैं। ~ चीनी कहावत | ||
* अंधेरे को कोसने से बेहतर है मोमबत्ती जलाओ। यानी कोसने से बेहतर करना है। ~ चीनी कहावत | * अंधेरे को कोसने से बेहतर है मोमबत्ती जलाओ। यानी कोसने से बेहतर करना है। ~ चीनी कहावत | ||
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* बिना सद गुणों के सुन्दरता अभिशाप हैं। ~ चीनी कहावत | * बिना सद गुणों के सुन्दरता अभिशाप हैं। ~ चीनी कहावत | ||
* अच्छे व्यक्ति व वस्तुओं की अच्छाई भविष्य में ही पता चलती है। ~ चीनी कहावत | * अच्छे व्यक्ति व वस्तुओं की अच्छाई भविष्य में ही पता चलती है। ~ चीनी कहावत | ||
* चीनी लोग हर उस | * चीनी लोग हर उस चीज़ को खाते हैं जो उड़ती हो, चलती हो, या तैरती हो. सिवा हवाई जहाज, मोटर गाड़ी और कुर्सी मेज के। ~ चीनी कहावत | ||
* जितनी सावधानी से छोटी मछली के व्यजंन पकाए जाते हैं, उतनी ही नजाकत से संभालना पड़ता है एक परिवार को। ~ चीनी कहावत | * जितनी सावधानी से छोटी मछली के व्यजंन पकाए जाते हैं, उतनी ही नजाकत से संभालना पड़ता है एक परिवार को। ~ चीनी कहावत | ||
* दस हज़ार किताबों को | * दस हज़ार किताबों को पढ़ने से बेहतर, दस हज़ार मील की यात्रा करना है। ~ चीनी कहावत | ||
* पीड़ा अनिवार्य है, पर पीड़ित होना वैकल्पिक। ~ चीनी कहावत | * पीड़ा अनिवार्य है, पर पीड़ित होना वैकल्पिक। ~ चीनी कहावत | ||
* भोजन का स्वाद पहले आँखों से, फिर नासिका से और फिर मुंह से लिया जाना चाहिए। ~ चीनी कहावत | * भोजन का स्वाद पहले आँखों से, फिर नासिका से और फिर मुंह से लिया जाना चाहिए। ~ चीनी कहावत | ||
Line 110: | Line 110: | ||
* कर्म का ध्वनी शब्द से भी ऊंचा है। ~ जापानी कहावत | * कर्म का ध्वनी शब्द से भी ऊंचा है। ~ जापानी कहावत | ||
* हममें से कोई उतना स्मार्ट नहीं है, जितने हम सब हैं। ~ जापानी कहावत | * हममें से कोई उतना स्मार्ट नहीं है, जितने हम सब हैं। ~ जापानी कहावत | ||
* बन्दर पेड़ से ज़मीन पर गिर पड़े, | * बन्दर पेड़ से ज़मीन पर गिर पड़े, फिर भी बन्दर ही रहता है, सो वह भी टार्जन की तरह। ~ जापानी कहावत | ||
==रूसी कहावत== | ==रूसी कहावत== | ||
* हमारे आँगन में भी सूरज की धूप अवश्य आएगी। ~ रूसी कहावत | * हमारे आँगन में भी सूरज की धूप अवश्य आएगी। ~ रूसी कहावत | ||
* हमारे पास जो है हम उसकी परवाह नहीं करते, लेकिन जब उसे खो देते हैं तो शोक मनाते हैं। ~ रूसी कहावत | * हमारे पास जो है हम उसकी परवाह नहीं करते, लेकिन जब उसे खो देते हैं तो शोक मनाते हैं। ~ रूसी कहावत | ||
* राहगीर ही रास्तों को जीतते हैं यानी यात्री ही राह को पार करते हैं। लेकिन किसी भी राह पर प्रारम्भिक | * राहगीर ही रास्तों को जीतते हैं यानी यात्री ही राह को पार करते हैं। लेकिन किसी भी राह पर प्रारम्भिक क़दम उठाना हमेशा बड़ा कठिन होता है। ~ रूसी कहावत | ||
* भगवान से प्रार्थना करो लेकिन नाव को किनारे तक खेना ना रोको" जीसका मतलब है कि भगवान पर भरोसा रखो लेकिन खुदकी मदद कि | * भगवान से प्रार्थना करो लेकिन नाव को किनारे तक खेना ना रोको" जीसका मतलब है कि भगवान पर भरोसा रखो लेकिन खुदकी मदद कि ज़िम्मेदारी सिर्फ आपकी है। ~ रूसी कहावत | ||
* दो नए दोस्त एक पुराने दोस्त के बराबर होते हैं। ~ रूसी कहावत | * दो नए दोस्त एक पुराने दोस्त के बराबर होते हैं। ~ रूसी कहावत | ||
* आप तब तक किसी को जान नहीं सकते, जब तक कि उसके साथ आपने एक पुड (वजन का नाप, जो तक़रीबन 16 किलो के बराबर होता है) नमक न खाया हो। ~ रूसी कहावत | * आप तब तक किसी को जान नहीं सकते, जब तक कि उसके साथ आपने एक पुड (वजन का नाप, जो तक़रीबन 16 किलो के बराबर होता है) नमक न खाया हो। ~ रूसी कहावत | ||
Line 139: | Line 139: | ||
* 'हरचे आमद इमारते नो साख्त' मतलब कि जो भी आया उसने एक नई इमारत बनवाई। ~ फ़ारसी कहावत | * 'हरचे आमद इमारते नो साख्त' मतलब कि जो भी आया उसने एक नई इमारत बनवाई। ~ फ़ारसी कहावत | ||
* अवसर पर दुश्मन को न लगाया हुआ थप्पड़ अपने मुह पर लगता है। ~ फ़ारसी कहावत | * अवसर पर दुश्मन को न लगाया हुआ थप्पड़ अपने मुह पर लगता है। ~ फ़ारसी कहावत | ||
* 'दरमियाने कअरे दरिया, तख्ताबंदम कर दइ, वाज मी गोई की दामन तर मकुन हुशियार वाश' | * 'दरमियाने कअरे दरिया, तख्ताबंदम कर दइ, वाज मी गोई की दामन तर मकुन हुशियार वाश' अर्थात् ये नाविक तूने मुझे नदी के बीच लाकर पटक दिया है और कहता है देख हुशियार रहना तेरा दामन गीला न होने पाए। ~ फ़ारसी कहावत | ||
* जो ऊपर जाता है वह नीचे भी आता है। ~ फ़ारसी कहावत | * जो ऊपर जाता है वह नीचे भी आता है। ~ फ़ारसी कहावत | ||
* जबान के घाव सबसे गहरे होते हैं। ~ फ़ारसी कहावत | * जबान के घाव सबसे गहरे होते हैं। ~ फ़ारसी कहावत | ||
Line 152: | Line 152: | ||
* 'अल-मिस्ल फ़िल कलाम कल-मिल्ह फ़ित-तआम' यानी बातों में कहावतों या मुहावरों और उक्तियों की उतनी ही ज़रूरत है जितनी कि खाने में नमक की। ~ अरबी कहावत | * 'अल-मिस्ल फ़िल कलाम कल-मिल्ह फ़ित-तआम' यानी बातों में कहावतों या मुहावरों और उक्तियों की उतनी ही ज़रूरत है जितनी कि खाने में नमक की। ~ अरबी कहावत | ||
* मनुष्य भूलों का अवतार है। ~ अरबी कहावत | * मनुष्य भूलों का अवतार है। ~ अरबी कहावत | ||
* परमात्मा जब किसी आदमी को बनाता है, और दुनिया मे भेजने से पहले उसके कान में कहता है की, मैंने तुझसे अच्छा, तुझसे श्रेष्ट किसी को नहीं बनाया है और आदमी इसी मजाक के सहारे सारी | * परमात्मा जब किसी आदमी को बनाता है, और दुनिया मे भेजने से पहले उसके कान में कहता है की, मैंने तुझसे अच्छा, तुझसे श्रेष्ट किसी को नहीं बनाया है और आदमी इसी मजाक के सहारे सारी ज़िन्दगी काट लेता है पर शिष्ठाचारवश किसी को कुछ नहीं कहता। पर शायद उसे पता नहीं की परमात्मा ने यही बात सबके कान में कही हुई है। ~ अरबी कहावत | ||
* प्रशंसा सब को अच्छी लगती है,शायद ही कोई होगा जिसे प्रशंसा सुनना अच्छा नहीं लगता है, प्रशंसा आवश्यक है, अच्छे कार्य की प्रशंसा नहीं करना अनुचित है पर ये | * प्रशंसा सब को अच्छी लगती है,शायद ही कोई होगा जिसे प्रशंसा सुनना अच्छा नहीं लगता है, प्रशंसा आवश्यक है, अच्छे कार्य की प्रशंसा नहीं करना अनुचित है पर ये क़तई आवश्यक नहीं है, कि अच्छा करने पर ही प्रशंसा की जाए, प्रोत्साहन के लिए साधारण कार्य की प्रशंसा भी कई बार बेहतर करने को प्रेरित करती है,पर देखा गया है लोग झूंठी प्रशंसा भी करते हैं, खुश करने के लिए या कडवे सत्य से बचने के लिए या दिखावे के लिए। पर इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। व्यक्ति सत्य से दूर जा सकता है, एवं वह अति आत्मविश्वाश और भ्रम का शिकार हो सकता है, जो घातक सिद्ध हो सकता है। वास्तविक स्पर्धा में वह पीछे रह सकता है या असफल हो सकता है इसलिए प्रशंसा कब और कितनी करी जाए, यह जानना भी आवश्यक है। साथ ही झूंठी प्रशंसा को पहचानना भी आवश्यक है। इसलिए सहज भाव से संयमित प्रशंसा करें, और सुनें, प्रशंसा से अती आत्मविश्वाश से ग्रसित होने से बचें। प्रशंसा करने में कंजूसी भी नहीं बरतें। - डॉ.राजेंद्र तेला,"निरंतर" | ||
* विपत्ती के समय में इंसान विवेक खो देता है, स्वभाव में क्रोध और चिडचिडापन आ जाता है। बेसब्री में सही निर्णय लेना व उचित व्यवहार असंभव हो जाता है। लोग व्यवहार से खिन्न होते हैं, नहीं चाहते हुए भी समस्याएं सुलझने की बजाए उलझ जाती हैं जिस तरह मिट्टी युक्त गन्दला पानी अगर बर्तन में कुछ देर रखा जाए तो मिट्टी और गंद पैंदे में नीचे बैठ जाती है, उसी तरह विपत्ती के समय शांत रहने और सब्र रखने में ही भलाई है। धीरे धीरे समस्याएं सुलझने लगेंगी एक शांत मष्तिष्क ही सही फैसले आर उचित व्यवहार कर सकता है। - | * विपत्ती के समय में इंसान विवेक खो देता है, स्वभाव में क्रोध और चिडचिडापन आ जाता है। बेसब्री में सही निर्णय लेना व उचित व्यवहार असंभव हो जाता है। लोग व्यवहार से खिन्न होते हैं, नहीं चाहते हुए भी समस्याएं सुलझने की बजाए उलझ जाती हैं जिस तरह मिट्टी युक्त गन्दला पानी अगर बर्तन में कुछ देर रखा जाए तो मिट्टी और गंद पैंदे में नीचे बैठ जाती है, उसी तरह विपत्ती के समय शांत रहने और सब्र रखने में ही भलाई है। धीरे धीरे समस्याएं सुलझने लगेंगी एक शांत मष्तिष्क ही सही फैसले आर उचित व्यवहार कर सकता है। - डॉ.राजेंद्र तेला," निरंतर '' | ||
* मनुष्य निरंतर दूसरों का अनुसरण करता है, उनके जीवन से प्रभावित हो कर या उनके कार्य कलापों से प्रभावित होता है अधिकतर अन्धानुकरण ही होता है। क्यों किसी ने कुछ कहा? किन परिस्थितियों में कुछ करा या कहा कभी नहीं सोचता। परिस्थितियाँ और कारण सदा इकसार नहीं होते, महापुरुषों का अनुसरण अच्छी बात है फिर भी अपने विवेक और अनुभव का इस्तेमाल भी आवश्यक है। यह भी निश्चित है जो भी ऐसा करेगा उसे विरोध का सामना भी करना पडेगा। उसे इसके लिए तैयार रहना पडेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो केवल मात्र एक या दो ही महापुरुष होते। नया कोई कभी पैदा नहीं होता। इसलिए मेरा मानना है जितना ज़िन्दगी को क़रीब से देखोगे। अपने को दूसरों की स्थिती में रखोगे तो स्थितियों को बेहतर समझ सकोगे, जीवन की जटिलताएं स्वत: सुलझने लगेंगी। - राजेंद्र तेला | * मनुष्य निरंतर दूसरों का अनुसरण करता है, उनके जीवन से प्रभावित हो कर या उनके कार्य कलापों से प्रभावित होता है अधिकतर अन्धानुकरण ही होता है। क्यों किसी ने कुछ कहा? किन परिस्थितियों में कुछ करा या कहा कभी नहीं सोचता। परिस्थितियाँ और कारण सदा इकसार नहीं होते, महापुरुषों का अनुसरण अच्छी बात है फिर भी अपने विवेक और अनुभव का इस्तेमाल भी आवश्यक है। यह भी निश्चित है जो भी ऐसा करेगा उसे विरोध का सामना भी करना पडेगा। उसे इसके लिए तैयार रहना पडेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो केवल मात्र एक या दो ही महापुरुष होते। नया कोई कभी पैदा नहीं होता। इसलिए मेरा मानना है जितना ज़िन्दगी को क़रीब से देखोगे। अपने को दूसरों की स्थिती में रखोगे तो स्थितियों को बेहतर समझ सकोगे, जीवन की जटिलताएं स्वत: सुलझने लगेंगी। - राजेंद्र तेला | ||
* समस्या तभी पैदा होती है जब दिनचर्या का महत्त्व ज़्यादा हो जाता है सोच नेपथ्य में रह जाता है, धीरे धीरे खो जाता है, केवल भ्रम रह जाता है भौतिक सुख, अपने से ज़्यादा" लोग क्या कहेंगे "की चिंता प्रमुख हो जाते हैं आदमी स्वयं, स्वयं नहीं रहता कठपुतली की तरह नाचता रहता, जो करना चाहता, कभी नहीं कर पाता, जो नहीं करना चाहता, उसमें उलझा रहता, जितना दूर भागता उतना ही फंसता जाता। - राजेंद्र तेला | * समस्या तभी पैदा होती है जब दिनचर्या का महत्त्व ज़्यादा हो जाता है सोच नेपथ्य में रह जाता है, धीरे धीरे खो जाता है, केवल भ्रम रह जाता है भौतिक सुख, अपने से ज़्यादा" लोग क्या कहेंगे "की चिंता प्रमुख हो जाते हैं आदमी स्वयं, स्वयं नहीं रहता कठपुतली की तरह नाचता रहता, जो करना चाहता, कभी नहीं कर पाता, जो नहीं करना चाहता, उसमें उलझा रहता, जितना दूर भागता उतना ही फंसता जाता। - राजेंद्र तेला | ||
Line 163: | Line 163: | ||
; | ;ज़रूरत से ज़्यादा ईमानदारी ठीक नहीं: चाणक्य नीति | ||
आज से क़रीब 2300 साल पहले पैदा हुए चाणक्य भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पहले विचारक माने जाते हैं। पाटलिपुत्र (पटना) के शक्तिशाली नंद वंश को उखाड़ फेंकने और अपने शिष्य चंदगुप्त मौर्य को बतौर राजा स्थापित करने में चाणक्य का अहम योगदान रहा। ज्ञान के केंद्र तक्षशिला विश्वविद्यालय में आचार्य रहे चाणक्य राजनीति के चतुर खिलाड़ी थे और इसी कारण उनकी नीति कोरे आदर्शवाद पर नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान पर टिकी है। आगे दिए जा रहीं उनकी कुछ बातें भी चाणक्य नीति की इसी विशेषता के दर्शन होते हैं : | आज से क़रीब 2300 साल पहले पैदा हुए चाणक्य भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पहले विचारक माने जाते हैं। पाटलिपुत्र (पटना) के शक्तिशाली नंद वंश को उखाड़ फेंकने और अपने शिष्य चंदगुप्त मौर्य को बतौर राजा स्थापित करने में चाणक्य का अहम योगदान रहा। ज्ञान के केंद्र तक्षशिला विश्वविद्यालय में आचार्य रहे चाणक्य राजनीति के चतुर खिलाड़ी थे और इसी कारण उनकी नीति कोरे आदर्शवाद पर नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान पर टिकी है। आगे दिए जा रहीं उनकी कुछ बातें भी चाणक्य नीति की इसी विशेषता के दर्शन होते हैं : | ||
* किसी भी व्यक्ति को | * किसी भी व्यक्ति को ज़रूरत से ज़्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए। सीधे तने वाले पेड़ ही सबसे काटे जाते हैं और बहुत ज़्यादा ईमानदार लोगों को ही सबसे ज़्यादा कष्ट उठाने पड़ते हैं। | ||
* अगर कोई सांप | * अगर कोई सांप ज़हरीला नहीं है, तब भी उसे फुफकारना नहीं छोड़ना चाहिए। उसी तरह से कमज़ोर व्यक्ति को भी हर वक्त अपनी कमज़ोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। | ||
* सबसे बड़ा गुरुमंत्र : कभी भी अपने रहस्यों को किसी के साथ साझा मत करो, यह प्रवृत्ति तुम्हें बर्बाद कर देगी। | * सबसे बड़ा गुरुमंत्र : कभी भी अपने रहस्यों को किसी के साथ साझा मत करो, यह प्रवृत्ति तुम्हें बर्बाद कर देगी। | ||
* हर मित्रता के पीछे कुछ स्वार्थ | * हर मित्रता के पीछे कुछ स्वार्थ ज़रूर छिपा होता है। दुनिया में ऐसी कोई दोस्ती नहीं जिसके पीछे लोगों के अपने हित न छिपे हों, यह कटु सत्य है, लेकिन यही सत्य है। | ||
* अपने बच्चे को पहले पांच साल दुलार के साथ पालना चाहिए। अगले पांच साल उसे डांट-फटकार के साथ निगरानी में रखना चाहिए। लेकिन जब बच्चा सोलह साल का हो जाए, तो उसके साथ दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए। बड़े बच्चे आपके सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। | * अपने बच्चे को पहले पांच साल दुलार के साथ पालना चाहिए। अगले पांच साल उसे डांट-फटकार के साथ निगरानी में रखना चाहिए। लेकिन जब बच्चा सोलह साल का हो जाए, तो उसके साथ दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए। बड़े बच्चे आपके सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। | ||
* दिल में प्यार रखने वाले लोगों को | * दिल में प्यार रखने वाले लोगों को दु:ख ही झेलने पड़ते हैं। दिल में प्यार पनपने पर बहुत सुख महसूस होता है, मगर इस सुख के साथ एक डर भी अंदर ही अंदर पनपने लगता है, खोने का डर, अधिकार कम होने का डर आदि-आदि। मगर दिल में प्यार पनपे नहीं, ऐसा तो हो नहीं सकता। तो प्यार पनपे मगर कुछ समझदारी के साथ। संक्षेप में कहें तो प्रीति में चालाकी रखने वाले ही अंतत: सुखी रहते हैं। | ||
* ऐसा पैसा जो बहुत तकलीफ के बाद मिले, अपना धर्म-ईमान छोड़ने पर मिले या दुश्मनों की चापलूसी से, उनकी सत्ता स्वीकारने से मिले, उसे स्वीकार नहीं करना चाहिए। | * ऐसा पैसा जो बहुत तकलीफ के बाद मिले, अपना धर्म-ईमान छोड़ने पर मिले या दुश्मनों की चापलूसी से, उनकी सत्ता स्वीकारने से मिले, उसे स्वीकार नहीं करना चाहिए। | ||
* नीच | * नीच प्रवृत्ति के लोग दूसरों के दिलों को चोट पहुंचाने वाली, उनके विश्वासों को छलनी करने वाली बातें करते हैं, दूसरों की बुराई कर खुश हो जाते हैं। मगर ऐसे लोग अपनी बड़ी-बड़ी और झूठी बातों के बुने जाल में खुद भी फंस जाते हैं। जिस तरह से रेत के टीले को अपनी बांबी समझकर सांप घुस जाता है और दम घुटने से उसकी मौत हो जाती है, उसी तरह से ऐसे लोग भी अपनी बुराइयों के बोझ तले मर जाते हैं। | ||
* जो बीत गया, सो बीत गया। अपने हाथ से कोई | * जो बीत गया, सो बीत गया। अपने हाथ से कोई ग़लत काम हो गया हो तो उसकी फ़िक्र छोड़ते हुए वर्तमान को सलीके से जीकर भविष्य को संवारना चाहिए। | ||
* असंभव शब्द का इस्तेमाल बुजदिल करते हैं। बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना रास्ता खुद बनाते हैं। | * असंभव शब्द का इस्तेमाल बुजदिल करते हैं। बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना रास्ता खुद बनाते हैं। | ||
* संकट काल के लिए धन बचाएं। परिवार पर संकट आए तो धन कुर्बान कर दें। लेकिन अपनी आत्मा की हिफाजत हमें अपने परिवार और धन को भी दांव पर लगाकर करनी चाहिए। | * संकट काल के लिए धन बचाएं। परिवार पर संकट आए तो धन कुर्बान कर दें। लेकिन अपनी आत्मा की हिफाजत हमें अपने परिवार और धन को भी दांव पर लगाकर करनी चाहिए। | ||
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