अनमोल वचन 7: Difference between revisions
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==अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) (1879 - 1955)== | ==अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) (1879 - 1955)== | ||
[[चित्र:Albert_Einstein.jpg|अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein)|thumb|150px]] | [[चित्र:Albert_Einstein.jpg|अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein)|thumb|150px]] | ||
* विश्व एक | * विश्व एक महान् पुस्तक है जिसमें वे लोग केवल एक ही पृष्ठ पढ पाते हैं जो कभी घर से बाहर नहीं निकलते। ~ आगस्टाइन | ||
* धर्मरहित विज्ञान लंगडा है, और विज्ञान रहित धर्म अंधा। ~ आइन्स्टाइन | * धर्मरहित विज्ञान लंगडा है, और विज्ञान रहित धर्म अंधा। ~ आइन्स्टाइन | ||
* अवसर के रहने की जगह कठिनाइयों के बीच है। ~ अलबर्ट आइन्स्टाइन | * अवसर के रहने की जगह कठिनाइयों के बीच है। ~ अलबर्ट आइन्स्टाइन | ||
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* सभी से प्रेम करें, कुछ पर विश्वास करें और किसी के साथ भी ग़लत न करें। ~ विलियम शेक्सपियर | * सभी से प्रेम करें, कुछ पर विश्वास करें और किसी के साथ भी ग़लत न करें। ~ विलियम शेक्सपियर | ||
* जिस श्रम से हमें आनन्द प्राप्त होता है, वह हमारी व्याधियों के लिए अमृत, तुल्य है, हमारी वेदना की निवृत्ित है। ~ शेक्सपीयर | * जिस श्रम से हमें आनन्द प्राप्त होता है, वह हमारी व्याधियों के लिए अमृत, तुल्य है, हमारी वेदना की निवृत्ित है। ~ शेक्सपीयर | ||
* जिस पर तुम्हारा वश नहीं, उसके लिये | * जिस पर तुम्हारा वश नहीं, उसके लिये दु:ख करना बंद कर दो। ~ शेक्सपियर | ||
* ऐसा व्यक्ति जिसने कभी आशा नहीं की, वह कभी निराशा भी नहीं होता है। ~ विलियम शेक्सपियर | * ऐसा व्यक्ति जिसने कभी आशा नहीं की, वह कभी निराशा भी नहीं होता है। ~ विलियम शेक्सपियर | ||
* मूर्ख व्यक्ति स्वयं को बुद्धिमान मानता है लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति स्वयं को मूर्ख मानता है। ~ विलियम शेक्सपियर | * मूर्ख व्यक्ति स्वयं को बुद्धिमान मानता है लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति स्वयं को मूर्ख मानता है। ~ विलियम शेक्सपियर | ||
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* हमारे जीवन का उस दिन अंत होना शुरू हो जाता है जिस दिन हम उन विषयों के बारे में चुप रहना शुरू कर देते हैं जो मायने रखते हैं। ~ मार्टिन लुथर किंग, जूनियर | * हमारे जीवन का उस दिन अंत होना शुरू हो जाता है जिस दिन हम उन विषयों के बारे में चुप रहना शुरू कर देते हैं जो मायने रखते हैं। ~ मार्टिन लुथर किंग, जूनियर | ||
* मैंने प्रेम को ही अपनाने का निर्णय किया है। द्वेष करना तो बेहद बोझिल काम है। ~ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर | * मैंने प्रेम को ही अपनाने का निर्णय किया है। द्वेष करना तो बेहद बोझिल काम है। ~ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर | ||
* पत्नी को चाहिए कि पति घर लौटने पर खुश हो, और पति को चाहिए कि पत्नी को उसके घर से निकलने पर | * पत्नी को चाहिए कि पति घर लौटने पर खुश हो, और पति को चाहिए कि पत्नी को उसके घर से निकलने पर दु:ख हो। ~ मार्टिन लूथर | ||
* हमें परिमित निराशा को स्वीकार करना चाहिए, लेकिन अपरिमित आशा को कभी नहीं खोना चाहिए। ~ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर (1929-1967), अश्वेत मानवाधिकारी नेता | * हमें परिमित निराशा को स्वीकार करना चाहिए, लेकिन अपरिमित आशा को कभी नहीं खोना चाहिए। ~ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर (1929-1967), अश्वेत मानवाधिकारी नेता | ||
* हमे सीमित मात्रा में निराशा को स्वीकार करना चाहिये, लेकिन असीमित आशा को नहीं छोडना चाहिये। ~ मार्टिन लुथर किंग | * हमे सीमित मात्रा में निराशा को स्वीकार करना चाहिये, लेकिन असीमित आशा को नहीं छोडना चाहिये। ~ मार्टिन लुथर किंग | ||
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==हेनरी वार्ड बीचर (Henry Ward Beecher) (1813 - 1887)== | ==हेनरी वार्ड बीचर (Henry Ward Beecher) (1813 - 1887)== | ||
[[चित्र:Henry-Ward-Beecher.jpg|हेनरी वार्ड बीचर (Henry Ward Beecher)|thumb|150px]] | [[चित्र:Henry-Ward-Beecher.jpg|हेनरी वार्ड बीचर (Henry Ward Beecher)|thumb|150px]] | ||
* हम जब तक खुद | * हम जब तक खुद माँ बाप नहीं बन जाएं, माँ बाप का प्यार कभी नहीं जान पाते। ~ हेनरी वार्ड बीचर, (1813-1887), अमरीकी पादरी | ||
* संगीत की धुनों में जो स्वर्ग की ऊंचाइयों तक पहूंची है, वह है एक स्नेहभरे दिल की धड़कन। ~ हेनरी वार्ड बीचर | * संगीत की धुनों में जो स्वर्ग की ऊंचाइयों तक पहूंची है, वह है एक स्नेहभरे दिल की धड़कन। ~ हेनरी वार्ड बीचर | ||
* प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह याद रखना बेहतर होगा कि सभी सफल व्यवसाय नैतिकता की नींव पर आधारित होते हैं। ~ हैनरी वार्ड बीचर | * प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह याद रखना बेहतर होगा कि सभी सफल व्यवसाय नैतिकता की नींव पर आधारित होते हैं। ~ हैनरी वार्ड बीचर | ||
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* हर सुबह जब आप जागते हैं तो अपने भगवान को धन्यवाद दें तथा आप अनुभव करते है कि आपने वह कार्य करना है जिसे अवश्य किया जाना चाहिए, चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं, इससे चरित्र का निर्माण होता है। ~ एमरसन | * हर सुबह जब आप जागते हैं तो अपने भगवान को धन्यवाद दें तथा आप अनुभव करते है कि आपने वह कार्य करना है जिसे अवश्य किया जाना चाहिए, चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं, इससे चरित्र का निर्माण होता है। ~ एमरसन | ||
* प्रत्येक कलाकार एक दिन नौसिखिया ही होता है। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | * प्रत्येक कलाकार एक दिन नौसिखिया ही होता है। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | ||
* बिना उत्साह के आज तक कुछ भी | * बिना उत्साह के आज तक कुछ भी महान् उपलब्धि हासिल नहीं की गई है। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | ||
* पूरा जीवन एक प्रयोग है। जितने अधिक प्रयोग आप करेंगे, उतना ही अच्छा। ~ राल्फ इमरसन | * पूरा जीवन एक प्रयोग है। जितने अधिक प्रयोग आप करेंगे, उतना ही अच्छा। ~ राल्फ इमरसन | ||
* प्रकृति की गति अपनाएं: उसका रहस्य है धीरज। ~ राल्फ इमर्सन | * प्रकृति की गति अपनाएं: उसका रहस्य है धीरज। ~ राल्फ इमर्सन | ||
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* एक बार जब आप निर्णय कर लेते हैं तो समस्त सृष्टि इसके भलीभूत होने के लिए तत्पर हो जाती है। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | * एक बार जब आप निर्णय कर लेते हैं तो समस्त सृष्टि इसके भलीभूत होने के लिए तत्पर हो जाती है। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | ||
* एक बार एक युवक को एक अच्छी सलाह प्राप्त करते हुए मैंने सुना था कि, "हमेशा वह कार्य करो जिसको करने से आप ड़रते हैं। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | * एक बार एक युवक को एक अच्छी सलाह प्राप्त करते हुए मैंने सुना था कि, "हमेशा वह कार्य करो जिसको करने से आप ड़रते हैं। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | ||
* उत्साह, प्रयास की जननी है, तथा इसके बिना आज तक कोई | * उत्साह, प्रयास की जननी है, तथा इसके बिना आज तक कोई महान् उपलब्धि हासिल नहीं की गई है। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | ||
* हमारे भीतर क्या छिपा है इसकी तुलना में हमारे विगत में क्या था और हमारे भविष्य में क्या है, यह बहुत छोटी छोटी बातें है। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | * हमारे भीतर क्या छिपा है इसकी तुलना में हमारे विगत में क्या था और हमारे भविष्य में क्या है, यह बहुत छोटी छोटी बातें है। ~ राल्फ वाल्डो एमर्सन | ||
* वे जीत जाते हैं, जिन्हें यह विश्वास होता हैं कि वे जीत सकते है। ~ इमर्सन | * वे जीत जाते हैं, जिन्हें यह विश्वास होता हैं कि वे जीत सकते है। ~ इमर्सन | ||
Line 167: | Line 167: | ||
* स्वास्थ्य के संबंध में, पुस्तकों पर भरोसा न करें। छपाई की एक ग़लती जानलेवा भी हो सकती है। ~ मार्क ट्वेन | * स्वास्थ्य के संबंध में, पुस्तकों पर भरोसा न करें। छपाई की एक ग़लती जानलेवा भी हो सकती है। ~ मार्क ट्वेन | ||
* अगर आप सच बोलते हैं, तो आप को ज़्यादा कुछ याद रखने की ज़रूरत नहीं। ~ मार्क ट्वेन | * अगर आप सच बोलते हैं, तो आप को ज़्यादा कुछ याद रखने की ज़रूरत नहीं। ~ मार्क ट्वेन | ||
* उन लोगों से दूर रहें जो आप आपकी महत्वकांक्षाओं को तुच्छ बनाने का प्रयास करते हैं। छोटे लोग हमेशा ऐसा करते हैं, लेकिन | * उन लोगों से दूर रहें जो आप आपकी महत्वकांक्षाओं को तुच्छ बनाने का प्रयास करते हैं। छोटे लोग हमेशा ऐसा करते हैं, लेकिन महान् लोग आपको इस बात की अनुभूति करवाते हैं कि आप भी वास्तव में महान् बन सकते हैं। ~ मार्क ट्वेन | ||
* देरी से प्राप्त की गई सम्पूर्णता की तुलना में निरन्तर सुधार बेहतर होता है। ~ मार्क टवैन | * देरी से प्राप्त की गई सम्पूर्णता की तुलना में निरन्तर सुधार बेहतर होता है। ~ मार्क टवैन | ||
* भारत मानव जाति का पलना है, मानव-भाषा की जन्मस्थली है, इतिहास की जननी है, पौराणिक कथाओं की दादी है, और प्रथाओं की परदादी है। मानव इतिहास की हमारी सबसे कीमती और सबसे ज्ञान-गर्भित सामग्री केवल भारत में ही संचित है। ~ मार्क ट्वेन | * भारत मानव जाति का पलना है, मानव-भाषा की जन्मस्थली है, इतिहास की जननी है, पौराणिक कथाओं की दादी है, और प्रथाओं की परदादी है। मानव इतिहास की हमारी सबसे कीमती और सबसे ज्ञान-गर्भित सामग्री केवल भारत में ही संचित है। ~ मार्क ट्वेन | ||
Line 244: | Line 244: | ||
* हमारी शक्ति हमारे निर्णय करने की क्षमता में निहित है। ~ फुलर | * हमारी शक्ति हमारे निर्णय करने की क्षमता में निहित है। ~ फुलर | ||
* ज्ञान एक ख़ज़ाना है, लेकिन अभ्यास इसकी चाभी है। ~ थामस फुलर | * ज्ञान एक ख़ज़ाना है, लेकिन अभ्यास इसकी चाभी है। ~ थामस फुलर | ||
* जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता; तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता है। ~ | * जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता; तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता है। ~ डॉ. थॉमस फुल्लर | ||
* प्रार्थनाः दिन की कुंजी तथा रात का ताला होती है। ~ थॉमस फुल्लर | * प्रार्थनाः दिन की कुंजी तथा रात का ताला होती है। ~ थॉमस फुल्लर | ||
Line 267: | Line 267: | ||
* जीवन का महानतम उपयोग इसे किन्हीं ऐसे अच्छे कार्यों पर व्यय करना है जो कि इसके जाने के बाद भी बने रहें। ~ विलियम जेम्स | * जीवन का महानतम उपयोग इसे किन्हीं ऐसे अच्छे कार्यों पर व्यय करना है जो कि इसके जाने के बाद भी बने रहें। ~ विलियम जेम्स | ||
* मेरी पीढ़ी की महानतम खोज यह रही है कि मनुष्य अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन कर के अपने जीवन को बदल सकता है। ~ विलियम जेम्स (1842-1910), अमरीकी दार्शनिक | * मेरी पीढ़ी की महानतम खोज यह रही है कि मनुष्य अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन कर के अपने जीवन को बदल सकता है। ~ विलियम जेम्स (1842-1910), अमरीकी दार्शनिक | ||
* मानव अपनी सोच की आंतरिक | * मानव अपनी सोच की आंतरिक प्रवृत्ति को बदलकर अपने जीवन के बाह्य पहलूओं को बदल सकता है। ~ विलिमय जेम्स | ||
==विलियम ऑर्थर वार्ड (William Arthur Ward)== | ==विलियम ऑर्थर वार्ड (William Arthur Ward)== | ||
Line 295: | Line 295: | ||
* अपने कार्य की योजना बनाएं तथा अपनी योजना पर कार्य करें। ~ नेपोलियन हिल | * अपने कार्य की योजना बनाएं तथा अपनी योजना पर कार्य करें। ~ नेपोलियन हिल | ||
* यदि आपने अपनी मनोवृतियों पर विजय प्राप्त नहीं की, तो मनोवृत्तियां आप पर विजय प्राप्त कर लेंगी। ~ नेपोलियन हिल | * यदि आपने अपनी मनोवृतियों पर विजय प्राप्त नहीं की, तो मनोवृत्तियां आप पर विजय प्राप्त कर लेंगी। ~ नेपोलियन हिल | ||
* असफलता आपको | * असफलता आपको महान् कार्यों के लिये तैयार करने की प्रकृति की योजना है। ~ नैपोलियन हिल | ||
* जब किसी व्यक्ति द्वारा अपने लक्ष्य को इतनी गहराई से चाहा जाता है कि वह उसके लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार होता है, तो उसका जीतना सुनिश्चित होता है। ~ नेपोलियन हिल | * जब किसी व्यक्ति द्वारा अपने लक्ष्य को इतनी गहराई से चाहा जाता है कि वह उसके लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार होता है, तो उसका जीतना सुनिश्चित होता है। ~ नेपोलियन हिल | ||
* इच्छा सफलता का शुरुआती बिन्दु हैं, यह हमेशा याद दखें, जिस तरह छोटी आग से कम गर्माहट मिलती हैं उसी तरह कमज़ोर इच्छा से कमज़ोर परिणाम मिलते है। ~ नेपोलियन हिल | * इच्छा सफलता का शुरुआती बिन्दु हैं, यह हमेशा याद दखें, जिस तरह छोटी आग से कम गर्माहट मिलती हैं उसी तरह कमज़ोर इच्छा से कमज़ोर परिणाम मिलते है। ~ नेपोलियन हिल | ||
Line 304: | Line 304: | ||
* बुद्धिमान व्यक्ति को जितने, अवसर मिलते हैं उससे अधिक वह स्वयं बनाता है। ~ फ्रांसिस बेकन | * बुद्धिमान व्यक्ति को जितने, अवसर मिलते हैं उससे अधिक वह स्वयं बनाता है। ~ फ्रांसिस बेकन | ||
* प्रतिशोध लेते समय मनुष्य अपने शत्रु के समान ही होता है, लेकिन उसकी उपेक्षा कर देने पर वह उससे बड़ा हो जाता है। ~ फ्रांसिस बेकन | * प्रतिशोध लेते समय मनुष्य अपने शत्रु के समान ही होता है, लेकिन उसकी उपेक्षा कर देने पर वह उससे बड़ा हो जाता है। ~ फ्रांसिस बेकन | ||
* हम स्वभाव के | * हम स्वभाव के मुताबिक़ सोचते हैं, कायदे के मुताबिक़ बोलते हैं, रिवाज के मुताबिक़ आचरण करते हैं। ~ फ्रांसिस बेकन | ||
==थॉमस जैफर्सन (Thomas Jefferson) (1743 - 1826)== | ==थॉमस जैफर्सन (Thomas Jefferson) (1743 - 1826)== | ||
Line 339: | Line 339: | ||
==ओरिसन स्वेट मार्डन (Orison Swett Marden)== | ==ओरिसन स्वेट मार्डन (Orison Swett Marden)== | ||
* ऊंची से ऊंची चोटी पर पहुंचना मकसद हो तो अपना काम निचली सतह से शुरू करना चाहिए। ~ स्वेट मार्डेन | * ऊंची से ऊंची चोटी पर पहुंचना मकसद हो तो अपना काम निचली सतह से शुरू करना चाहिए। ~ स्वेट मार्डेन | ||
* जो मनुष्य अपने मन का ग़ुलाम बना रहता है वह कभी नेता और प्रभावशाली | * जो मनुष्य अपने मन का ग़ुलाम बना रहता है वह कभी नेता और प्रभावशाली पुरुष नहीं हो सकता। ~ स्वेट मार्डन | ||
* आशा और आत्मविश्वास से ही हमारी, शक्तियां जागृत होती हैं, इनसे हमारी, उत्पादन शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। ~ स्वेट मार्डेन | * आशा और आत्मविश्वास से ही हमारी, शक्तियां जागृत होती हैं, इनसे हमारी, उत्पादन शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। ~ स्वेट मार्डेन | ||
* हमारी अधिकतर बाधाएँ पिघल जाएंगी अगर उनके सामने दुबकने के बजाय हम उनसे निडरतापूर्वक निपटने का मानस बनाएँ। ~ ओरिसन स्वेट मार्डेन | * हमारी अधिकतर बाधाएँ पिघल जाएंगी अगर उनके सामने दुबकने के बजाय हम उनसे निडरतापूर्वक निपटने का मानस बनाएँ। ~ ओरिसन स्वेट मार्डेन | ||
* ऐसे सभी व्यक्ति जिन्होंने | * ऐसे सभी व्यक्ति जिन्होंने महान् उपलब्धियां हासिल की हैं, वह महान् स्वप्नदृष्टा भी होते हैं। ~ ओरिसन स्वेट मार्डन | ||
* अपनी शक्ति को छोटा न समझें, एक छोटी सी चिनगारी भी विशाल वन को जला कर राख कर सकती हैं। ~ स्वेट मार्डन | * अपनी शक्ति को छोटा न समझें, एक छोटी सी चिनगारी भी विशाल वन को जला कर राख कर सकती हैं। ~ स्वेट मार्डन | ||
Line 372: | Line 372: | ||
* यदि आप सौ व्यक्तियों की सहायता नहीं कर सकते तो केवल एक की ही सहायता कर दें। - मदर टेरेसा | * यदि आप सौ व्यक्तियों की सहायता नहीं कर सकते तो केवल एक की ही सहायता कर दें। - मदर टेरेसा | ||
* भगवान यह अपेक्षा नहीं करते कि हम सफल हों, वे तो केवल इतना ही चाहते हैं कि हम प्रयास करें। - मदर टेरेसा | * भगवान यह अपेक्षा नहीं करते कि हम सफल हों, वे तो केवल इतना ही चाहते हैं कि हम प्रयास करें। - मदर टेरेसा | ||
* मीठे बोल संक्षिप्त और बोलने में आसान हो सकते हैं, लेकिन उन की गूँज सचमुच अनंत होती है। - | * मीठे बोल संक्षिप्त और बोलने में आसान हो सकते हैं, लेकिन उन की गूँज सचमुच अनंत होती है। - माँ टेरेसा | ||
* कल तो चला गया. आने वाले कल अभी आया नहीं है, हमारे पास केवल आज है, आईये शुरुआत करें। ~ मदर टेरेसा | * कल तो चला गया. आने वाले कल अभी आया नहीं है, हमारे पास केवल आज है, आईये शुरुआत करें। ~ मदर टेरेसा | ||
* मैं सफलता की प्रार्थना नहीं करती हूं, मैं विश्वास के लिए कहती हूं। ~ मदर टेरेसा | * मैं सफलता की प्रार्थना नहीं करती हूं, मैं विश्वास के लिए कहती हूं। ~ मदर टेरेसा | ||
Line 386: | Line 386: | ||
* आप प्रत्येक ऐसे अनुभव जिसमें आपको वस्तुत डर सामने दिखाई देता है, से बल, साहस तथा विश्वास अर्जित करते हैं, आपको ऐसे कार्य अवश्य करने चाहिए जिनके बारे में आप सोचते हैं कि आप उनको नहीं कर सकते हैं। ~ एलेनोर रुज़वेल्ट | * आप प्रत्येक ऐसे अनुभव जिसमें आपको वस्तुत डर सामने दिखाई देता है, से बल, साहस तथा विश्वास अर्जित करते हैं, आपको ऐसे कार्य अवश्य करने चाहिए जिनके बारे में आप सोचते हैं कि आप उनको नहीं कर सकते हैं। ~ एलेनोर रुज़वेल्ट | ||
* भविष्य उनका है जो अपने सपनों की सुंदरता में यकीन करते हैं। ~ एलेअनोर रूज़वेल्ट | * भविष्य उनका है जो अपने सपनों की सुंदरता में यकीन करते हैं। ~ एलेअनोर रूज़वेल्ट | ||
* आपकी | * आपकी मर्ज़ी | ||
* | के बिना कोई भी आपको तुच्छ होने का अहसास नहीं करवा सकता है। ~ एलेयनोर रूज़वेल्ट | ||
* महान् मानस के लोग विचारों पर बात करते हैं, साधारण मानस के लोग घटनाक्रम की बात करते हैं, और निम्न स्तर के लोग दूसरों के बारे में बात करते हैं। ~ एलेनोर रूसवेल्ट | |||
* यदि मैं उदास महसूस करती हूं तो मैं काम पर चली जाती हूं, काम में व्यस्तता उदासी का उत्तम प्रतिकार है। ~ एलेनोर रूजवेल्ट | * यदि मैं उदास महसूस करती हूं तो मैं काम पर चली जाती हूं, काम में व्यस्तता उदासी का उत्तम प्रतिकार है। ~ एलेनोर रूजवेल्ट | ||
Line 403: | Line 404: | ||
==बिल गेट्स (Bill Gates)== | ==बिल गेट्स (Bill Gates)== | ||
* चाहे आप में कितनी भी योग्यता क्यों न हो, केवल एकाग्रचित्त होकर ही आप | * चाहे आप में कितनी भी योग्यता क्यों न हो, केवल एकाग्रचित्त होकर ही आप महान् कार्य कर सकते हैं। ~ बिल गेट्स | ||
* टीवी वास्तविकता से परे है, वास्तविक जीवन में लोगों को फुरसत छोड़ कर नौकरी और कारोबार करना होता है। ~ बिल गेट्स | * टीवी वास्तविकता से परे है, वास्तविक जीवन में लोगों को फुरसत छोड़ कर नौकरी और कारोबार करना होता है। ~ बिल गेट्स | ||
* सफलता की खुशियां मनाना ठीक है, लेकिन असफलताओं से सबक सीखना अधिक महत्वपूर्ण है। ~ बिल गेट्स | * सफलता की खुशियां मनाना ठीक है, लेकिन असफलताओं से सबक सीखना अधिक महत्वपूर्ण है। ~ बिल गेट्स | ||
Line 416: | Line 417: | ||
* प्रातःकाल का भ्रमण पूरे दिन के लिए वरदान होता है। ~ हेनरी डेविड थोरो (1817-1862), लेखक | * प्रातःकाल का भ्रमण पूरे दिन के लिए वरदान होता है। ~ हेनरी डेविड थोरो (1817-1862), लेखक | ||
* यदि आपने हवाई किलों का निर्माण किया है तो आपका कार्य बेकार नहीं जाना चाहिए, हवाई किले हवा में ही बनाए जाते हैं, अब, उनके नीचे नींव रखने का कार्य करें। ~ हैनरी डेविड थोरेयू | * यदि आपने हवाई किलों का निर्माण किया है तो आपका कार्य बेकार नहीं जाना चाहिए, हवाई किले हवा में ही बनाए जाते हैं, अब, उनके नीचे नींव रखने का कार्य करें। ~ हैनरी डेविड थोरेयू | ||
* अन्याय चाहे अपनें घर में होता हो या बाहर, उसका विरोध करने से नहीं डरना चाहिए और कुछ न कर सको तो भी बुराई के साथ सहयोग तो करना ही नहीं चाहिए!~ हेनरी डेविड थोरु | |||
* हेनरी डेविड थोरु की [[प्रार्थना]]- ''हे प्रभो ! मुझे इतनी शक्ति दे दो कि मैं अपने को अपनी करनी से कभी निराश न करूँ । मेरे हस्त, मेरी द्रढ़ता, श्रद्धा का कभी अनादर न करें । मेरा प्रेम मेरे मित्रों के प्रेम से घटिया न रहे । मेरी वाणी जितना कहे-- जीवन उससे ज्यादा करता चले । तेरी मंगलमय स्रष्टि का हर अमंगल पचा सकूँ, इतनी शक्ति मुझ में बनी रहे ।'' | |||
==डब्ल्यू सोमरसेट मोघम (W. Somerset Maugham) (1874 - 1965)== | ==डब्ल्यू सोमरसेट मोघम (W. Somerset Maugham) (1874 - 1965)== | ||
Line 426: | Line 429: | ||
* एकाग्र-चिन्तन वांछित फल देता है। ~ जिग जिग्लर | * एकाग्र-चिन्तन वांछित फल देता है। ~ जिग जिग्लर | ||
* जीतने का इतना महत्व नहीं है जितना की जीतने के लिए प्रयास करने का महत्व होता है। ~ जिग जिगलार | * जीतने का इतना महत्व नहीं है जितना की जीतने के लिए प्रयास करने का महत्व होता है। ~ जिग जिगलार | ||
* आपकी उपलब्धियों का निर्धारण आपकी | * आपकी उपलब्धियों का निर्धारण आपकी प्रवृत्ति से नहीं अपितु आपके रवैय्ये से होता है। ~ जिग जिगलर | ||
==जॉन बेइज़ (Joan Baez) (1941 - )== | ==जॉन बेइज़ (Joan Baez) (1941 - )== | ||
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;जोसेफ एडिशन (Joseph Addison) (1672 - 1719) | ;जोसेफ एडिशन (Joseph Addison) (1672 - 1719) | ||
* अध्ययन हमें आनन्द तो प्रदान करता ही है, अलंकृत भी करता है और योग्य भी बनाता है, मस्तिष्क के लिये अध्ययन की उतनी ही आवश्यकता है जितनी शरीर के लिये व्यायाम की। ~ जोसेफ एडिशन | * अध्ययन हमें आनन्द तो प्रदान करता ही है, अलंकृत भी करता है और योग्य भी बनाता है, मस्तिष्क के लिये अध्ययन की उतनी ही आवश्यकता है जितनी शरीर के लिये व्यायाम की। ~ जोसेफ एडिशन | ||
* | * पढ़ने से सस्ता कोई मनोरंजन नहीं; न ही कोई खुशी, उतनी स्थायी। ~ जोसेफ एडिशन | ||
Line 553: | Line 556: | ||
* विवाह करने से पहले मेरे पास बच्चों को पालने के | * विवाह करने से पहले मेरे पास बच्चों को पालने के छह सिद्धांत थे, अब मेरे पास छह बच्चे हैं पर सिद्धांत एक भी नहीं। ~ जॉन विल्मोट | ||
* जब तक उम्मीद की जगह अफ़सोस नहीं ले लेता, तब तक इंसान वृद्ध नहीं होता। ~ जॉन बैरिमोर | * जब तक उम्मीद की जगह अफ़सोस नहीं ले लेता, तब तक इंसान वृद्ध नहीं होता। ~ जॉन बैरिमोर | ||
Line 577: | Line 580: | ||
* हर सुबह जब मैं अपनी | * हर सुबह जब मैं अपनी आँखें खोलता हूं तो अपने आप से कहता हूं कि आज मुझमें स्वयं को खुश या उदास रखने का सामर्थ्य है न कि घटनाओं में, मैं इस बात को चुन सकता हूं कि यह क्या होगी, कल तो जा चुका है, कल अभी आया नहीं है, मेरे पास केवल एक दिन है, आज तथा मैं दिन भर प्रसन्न रहूंगा। ~ ग्रोचो मार्क्स | ||
* मुझे टीवी बहुत शिक्षाप्रद लगता है। जब भी कोई टीवी चलाता है, तो मैं दूसरे कमरे में जाता हूँ और किताब पढ़ता हूँ। ~ ग्रौचो मार्क्स | * मुझे टीवी बहुत शिक्षाप्रद लगता है। जब भी कोई टीवी चलाता है, तो मैं दूसरे कमरे में जाता हूँ और किताब पढ़ता हूँ। ~ ग्रौचो मार्क्स | ||
Line 611: | Line 614: | ||
* निष्क्रियता से संदेह और डर की उत्पत्ति होती है, क्रियाशीलता से विश्वास और साहस का सृजन होता है, यदि आप डर पर विजय प्राप्त करना चाहते हैं, तो चुपचाप घर पर बैठ कर इसके बारे में विचार न करें, बाहर निकले और व्यस्त रहें। ~ डेल कार्नेगी | * निष्क्रियता से संदेह और डर की उत्पत्ति होती है, क्रियाशीलता से विश्वास और साहस का सृजन होता है, यदि आप डर पर विजय प्राप्त करना चाहते हैं, तो चुपचाप घर पर बैठ कर इसके बारे में विचार न करें, बाहर निकले और व्यस्त रहें। ~ डेल कार्नेगी | ||
* इस तरह से कार्य करें जैसे कि आप पहले से ही खुश हैं तथा इसके | * इस तरह से कार्य करें जैसे कि आप पहले से ही खुश हैं तथा इसके परिणामस्वरूप आप खुशी प्राप्त कर लेंगे। ~ डेल कार्नेज | ||
* | * ग़रीब वह है जिसकी अभिलाषायें बढी हुई हैं। ~ डेनियल | ||
* कोई छोटी-छोटी योजनाएं न बनाएं; उनमें मनुष्य को प्रेरित करने का कोई जादु नहीं समाया होता, बड़ी योजनाएं बनाएं, उच्च आशा रखें और काम करें। ~ डैनियल एच. बर्नहम | * कोई छोटी-छोटी योजनाएं न बनाएं; उनमें मनुष्य को प्रेरित करने का कोई जादु नहीं समाया होता, बड़ी योजनाएं बनाएं, उच्च आशा रखें और काम करें। ~ डैनियल एच. बर्नहम | ||
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- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
अनमोल वचन |
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